ग्रेटर नोएडा समेत सम्पूर्ण अधिकृत क्षेत्र की तस्वीर बदलने की तैयारी

यमुना प्राधिकरण की 85वीं बैठक में कई विकास योजनाओं की मंजूरी

 ग्रेटर नोएडा समेत सम्पूर्ण अधिकृत क्षेत्र की तस्वीर बदलने की तैयारी

ग्रेटर नोएडा19 जून (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) ने सम्पूर्ण ग्रेटर नोएडा अधिकृत क्षेत्र को आधुनिक तरीके से विकसित करने का रोडमैप प्रस्तुत किया है। यीडा के अध्यक्ष आलोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित हुई बैठक में मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों और सदस्यों ने प्रस्तुत प्रस्तावों में सुरक्षापर्यटनऔद्योगिक निवेशबिजली आपूर्तिग्रामीण विकास और भूखंडों के आवंटन से जुड़े अहम फैसले लिए गए।

ये निर्णय यमुना क्षेत्र में विकास को नई दिशा देने वाले माने जा रहे हैं और मास्टर प्लान-2041 के उद्देश्यों को पूरा करने के हिसाब से निर्मित किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि गौतमबुद्ध नगरबुलंदशहरअलीगढ़हाथरसमथुरा व आगरा के 1149 राजस्व गांव यीडा अधिकृत कुल क्षेत्र में आते हैं। इनमें से गौतमबुद्धनगर व बुलंदशहर मास्टर प्लान-2041 के अंतर्गत आते हैं। वहींअन्य 4 जिले प्राधिकरण अधिसूचित क्षेत्र में फेज-2 कहलाते हैं। बोर्ड बैठक में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट क्षेत्र में 1000 वर्गमीटर भूमि पर एक नया पुलिस थाना बनाए जाने को मंजूरी दी गई। यह थाना क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करेगा। वहींसेक्टर 22एफ और 23बी में रिक्रिएशनल ग्रीन क्षेत्रों के अंतर्गत गोल्फ कोर्सजिमखाना क्लबयमुना हाट जैसे पर्यटन स्थल विकसित करने की योजना को स्वीकृति मिली। इसके अलावा किंगडम ऑफ ड्रीम्सओलंपिक विलेजथीम पार्कएविएशन म्यूजियमऑक्सफोर्ड गोल्ड रिजॉर्टदिल्ली हाटकब्बन पार्क तथा दिल्ली जिमखाना क्लब जैसे बड़े प्रोजेक्ट भी प्रस्तावित किए गए हैंजिन्हें पीपीपी मोड पर विकसित किया जाएगा और इनकी स्थापना के लिए नियम व शर्तों के प्रारूप को अंतिम रूप देने पर फोकस किया जा रहा है।

बैठक में अर्बन सेंटर के बाहर पड़ने वाले कृषि भूमि के उपयोग तथा ग्रामीण आबादी क्षेत्रों में विकास के लिए मास्टर प्लान-2031 के फेज-2 (सम्पूर्ण क्षेत्र-रीजनल लेवल योजना) तैयार की गई है। इसमें ग्रामीण आबादी के 200 मीटर की त्रिज्या में रेजिडेंशियलपब्लिकइंस्टीट्यूशनल व आवश्यक कमर्शियल एक्टिविटी के संचालन के लिए भी एक फ्रेमवर्क तैयार किया गया है। बैठक में केंद्र सरकार के सहयोग से सेक्टर-10 में इलेक्ट्रॉनिक मैनुफैक्चरिंग क्लस्टर की स्थापना को मंजूरी दी गईजिसके लिए 200 एकड़ भूमि चयनित की गई है। इसमें अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के लिए विशेष सुविधाएं जैसे डाटा सेंटरहॉस्टलस्किल डेवलपमेंट सेंटर आदि विकसित किए जाएंगे। इसके अलावासेक्टर-18 और 32 में अग्निशमन केंद्र (फायर स्टेशन) की स्थापना के लिए लगभग 7485 वर्गमीटर भूमि चिन्हित की गई है। सेक्टर-29 में नेशनल एग्जीक्यूटिव एविएशन क्लस्टर के तहत 82 सदस्यों को भूखंड दिए गए हैंजिनमें से 61 भूखंडों की रजिस्ट्री पूरी हो चुकी है।

पहले चलाई गई ओटीएस योजना से प्राधिकरण को करीब 551 करोड़ रुपए की आय हुई थी। ऐसे मेंइसे फिर से 1 जुलाई से 31 अगस्त 2025 तक लागू किया जाएगाताकि डिफॉल्टरों को दोबारा मौका मिल सके और बकाया राशि जमा हो सके। इसके साथ हीसेक्टर 16171820 और 22डी में इन्फॉर्मल सेक्टर के लिए 30 वर्गमीटर वाले लगभग 28,900 भूखंड विकसित किए जाएंगे। इसके अलावा 4288 भूखंडों की पहचान कर ली गई है। साथ हीस्टील इंडस्ट्रियल क्लस्टर के लिए 2 हेक्टेयर भूमि आरक्षित की गई हैजिससे पावर इंटेंसिव इंडस्ट्रीज को बढ़ावा मिलेगा।

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