ईरान बाज नहीं आया तो हम भी करेंगे हमला
अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान को दी चेतावनी
अमेरिका बीच में आया तो अंजाम बुरा होगा: खामनेई
रूस ने युद्ध विराम में पहल का प्रस्ताव रखा : पुतिन
वाशिंगटन, 19 जून (एजेंसियां)। इजराइल और ईरान के बीच जारी संघर्ष को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीधी चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर ईरान बाज नहीं आया तो अमेरिका भी इजराइल के साथ युद्ध में शामिल हो सकता है। अमेरिका ने ईरान पर हमले का आखिरी फैसला अभी नहीं लिया है, क्योंकि ट्रंप की नजर इस बात पर है कि ईरान परमाणु हथियार बनाने की जिद छोड़ता है या नहीं। ट्रंप ने कहा कि उनके पास हर मुश्किल का हल है, लेकिन वह अभी इंतज़ार कर रहे हैं। अमेरिकी चेतावनी के जवाब में ईरान के शीर्ष नेता अयातुल्ला खामनेई ने कहा कि इस युद्ध में अमेरिका कूदा तो इसके अंजाम काफी बुरे होंगे।
ट्रंप ने यह भी कहा कि ईरान ने पहले समझौते से इन्कार कर दिया था, लेकिन अब वे व्हाइट हाउस आकर मिलना चाहते हैं। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका युद्ध नहीं चाहता, लेकिन अगर ईरान के पास लड़ने या परमाणु हथियार रखने का विकल्प है, तो उन्हें वही करना होगा जो जरूरी है। ट्रंप ने अपने सैन्य सलाहकारों से यह भी पूछा है कि क्या अमेरिका के 30,000 पाउंड वजनी बंकर-बस्टर बमों का इस्तेमाल ईरान की अत्यधिक संरक्षित फोर्डो परमाणु साइट को नष्ट करने के लिए किया जा सकता है या नहीं?
ईरान और इजराइल के बीच पिछले सात दिन से हमले जारी हैं। इजराइल तेहरान के अलग-अलग हिस्सों में हवाई हमले कर रहा है और उसके परमाणु ठिकानों को नुकसान पहुंचाने का दावा कर रहा है। वहीं, ईरान इजराइल पर लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलें दाग रहा है। ईरान इजराइल के रिहायशी इलाकों पर निशाने साध रहा है। दोनों तरफ से लोगों के मारे जाने और नुकसान की खबरें आ रही हैं। ईरान अधिक नुकसान में है।
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू चाहते हैं कि ट्रंप अमेरिका को ईरान के खिलाफ सैन्य अभियान में शामिल करें और उसके संभावित भूमिगत हथियार बनाने वाले परमाणु कार्यक्रम को खत्म कर दें। इजराइल का दावा है कि उसने फॉर्डो परमाणु साइट सहित कई परमाणु साइटों पर हमले किए हैं और उन्हें नुकसान पहुंचाया है। इजराइल का मानना है कि फॉर्डो साइट सबसे महत्वपूर्ण है, जहां ईरान परमाणु हथियार बनाने की कोशिश कर रहा है और जिसे इजरायली सेना नुकसान नहीं पहुंचा पा रही है। नेतन्याहू को उम्मीद है कि अगर ट्रंप अंतिम आदेश देते हैं, तो अमेरिकी वायु सेना बी2 बॉम्बर से बंकर बस्टर बम गिरा सकती है, जिससे इस भूमिगत प्लांट को तबाह किया जा सकता है।
दूसरी तरफ रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा है कि वह ईरान-इजराइल के बढ़ते संघर्ष को लेकर इजराइल और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लगातार सम्पर्क में हैं। पुतिन ने कहा कि अब समय आ गया है कि इस लड़ाई को रोकने के रास्ते खोजे जाएं और ऐसा समाधान निकाला जाए जो इजराइल की सुरक्षा और ईरान के हितों दोनों का सम्मान करे। पुतिन ने यह भी पुष्टि की कि रूस के वर्कर ईरान के बुशहर परमाणु ऊर्जा संयंत्र में काम कर रहे हैं, और इजराइल से सहमति बनी है कि वह इन लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा। पुतिन ने साफ किया कि रूस और ईरान के बीच परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग जारी रहेगा।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पेशकश की है कि वे ईरान और इजराइल के बीच जारी जंग में मध्यस्थता करा सकते हैं। पुतिन ने कहा कि मॉस्को ऐसा समझौता करा सकता है, जिससे ईरान शांतिपूर्ण तरीके से अपना परमाणु कार्यक्रम भी संचालित कर सकेगा और इजराइल की सुरक्षा संबंधी चिंताओं का भी समाधान हो सकेगा। पुतिन ने कहा, मैंने अपना प्रस्ताव ईरान, इजराइल और अमेरिका को भेज दिया है। हम किसी पर भी कुछ भी नहीं थोप रहे हैं। हम बस बात करना चाहते हैं कि इस हालात में क्या रास्ता हो सकता है। कोई भी फैसला इन देशों के नेतृत्व को ही करना है। पुतिन ने अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप की तारीफ की और यूक्रेन में शांति कराने के उनके वादे को भी समर्थन दिया। पुतिन ने भी माना कि ट्रंप अगर 2022 में सत्ता होते तो शायद रूस और यूक्रेन का युद्ध हुआ ही नहीं होता। पुतिन ने कहा कि वे युद्ध विराम के लिए यूक्रेन से बात करने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्होंने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की की वैधानिकता पर सवाल उठाए, जिनका कार्यकाल बीते साल ही पूरा हो चुका है।
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