भारत-पाक युद्ध विराम में मेरी कोई भूमिका नहीं

आखिरकार माने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप  

 भारत-पाक युद्ध विराम में मेरी कोई भूमिका नहीं

मंत्रोच्चार के साथ क्रोएशिया में हुआ मोदी का स्वागत

मोदी बेस्ट, मैं भी मोदी जैसा बनना चाहती हूं: मेलोनी

वाशिंगटन, 19 जून (एजेंसियां)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आखिरकार यह स्वीकार किया कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष रोकने में उनकी कोई भूमिका नहीं थी, यह भारत और पाकिस्तान के नेताओं का फैसला था। लेकिन यह परमाणु युद्ध की आशंका से बचने के लिए अच्छा निर्णय था। डोनाल्ड ट्रंप ने कहा, भारतीय सेना के ऑपरेशन सिंदूर के बाद संघर्ष रोकने का फैसला पाकिस्तान और भारत के दो नेताओं ने मिलकर लिया था। इससे पहले डोनाल्ड ट्रंप ने यह दावा किया था कि भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रोकने का श्रेय उन्हें मिलना चाहिए।

अमेरिकी राष्ट्रपति भवन व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी सेना के फील्ड मार्शल जनरल आसिम मुनीर के साथ लंच मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यह बात कही। पाकिस्तानी सेना प्रमुख की मौजूदगी में ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के दोनों बहुत ही स्मार्ट नेता युद्ध आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय लेने में सक्षम रहे। ट्रंप ने यह भी कहा कि दोनों देशों का टकराव परमाणु युद्ध में बदल सकता था क्योंकि दोनों देश परमाणु शक्ति सम्पन्न हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति का यह बयान पहले की तुलना में इसलिए भी अलग हैक्योंकि उन्होंने भारत की तरफ से खंडन किए जाने के बावजूद कई बार यह दावा किया कि उन्होंने खुद हस्तक्षेप कर न केवल भारत-पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव घटाया बल्कि शांति स्थापित करने में अहम भूमिका भी निभाई। इससे पहले के बयानों में ट्रंप ने यह भी कहा था कि अमेरिका दोनों देशों के साथ व्यापार करेगाबशर्ते वे संघर्ष को समाप्त करने को राजी हो जाएं।

ट्रंप ने यह भी कहा कि वह भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी को शानदार इंसान बताया और यह भी कहा कि उन्होंने ही युद्ध को रोकाहालांकि उन्होंने अफसोस जताया कि इस पर कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं आई। ट्रंप ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल मुनीर ने पाकिस्तान की ओर से संघर्ष रोकने में अहम भूमिका निभाई। ट्रंप के अनुसारदोनों देशों के नेताओं और उनके अधिकारियों ने स्थिति को नियंत्रण में रखने का समझदारी भरा फैसला लिया।

दूसरी तरफ, कनाडा में जी-7 शिखर सम्मेलन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के क्रोएशिया पहुंचने पर अभूतपूर्व स्वागत किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के साथ हुए स्वागत से पीएम मोदी काफी अभिभूत हुए। पीएम मोदी ने कहा कि यूरोपीय यूनियन के साथ हमारी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने में क्रोएशिया का समर्थन और सहयोग काफी महत्वपूर्ण है। हम इस बात का समर्थन करते हैं कि यूरोप हो या एशिया किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि से नहीं किया जा सकता बल्कि डायलॉग और डिप्लोमेसी से किया जा सकता है। क्रोएशिया और भारत के बीच कई अहम मसलों पर एक साथ काम करने के लिए सहमति बनी। पीएम मोदी ने दौरे के बाद आतंकवाद और दोनों देशों की सुरक्षा और संप्रभुता पर अपनी बात रखी।

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क्रोएशिया में पहली बार किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने दौरा किया है। यूरोप का यह एक छोटा सा देश है। क्रोएशिया के जाग्रेब में पहुंचने के बाद मंत्रोच्चार से पीएम मोदी का स्वागत किया गया। इसके बाद पीएम मोदी ने क्रोएशिया में रह रहे भारतीय प्रवासियों से मुलाकात की। यहां लगभग 17,000 भारतीय मूल के लोग रहते हैं। लोगों ने प्रधानमंत्री मोदी के साथ मुलाकात के दौरान वंदे मातरमजय श्री राम और मोदी-मोदी के नारे लगाए।

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अपने दौरे में प्रधानमंत्री मोदी ने क्रोशिया के प्रधानमंत्री आंद्रेज प्लेंकोविच के साथ राष्ट्रपति जोरन मिलानोविच से भी मुलाकात की। इस दौरान भारत और क्रोएशिया के बीच विज्ञान एवं प्रौद्योगिकीरक्षाऊर्जा,  फार्मास्यूटिकल्सआईटीसेमीकंडक्टर और एग्रीकल्चर के क्षेत्र में साथ काम करने के लिहाज से कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। इनमें से सबसे अहम रक्षा सहयोग योजना रही जिसे मजबूत करने पर दोनों देशों की सहमति बनी। दौरे के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारे मित्र देश का साथ हमारे दौरे के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा। क्रोएशिया और भारत इस बात पर सहमत है कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। आतंकवाद और बातचीत एक साथ नहीं हो सकती।

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पीएम मोदी ने कहा कि यूरोपीय यूनियन के साथ हमारी स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने में क्रोएशिया का समर्थन और सहयोग काफी महत्वपूर्ण है। दोनों देश इस बात का समर्थन करते हैं कि यूरोप हो या एशिया किसी भी समस्या का समाधान रणभूमि से नहीं किया जा सकता बल्कि डायलॉग और डिप्लोमेसी से किया जा सकता है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, किसी भी देश की अखंडता और संप्रभुता का सम्मान आवश्यक है। क्रोएशिया में आना मेरे लिए एक विशेष पल है। ऑपरेशन सिंदूर के बाद पीएम मोदी ने पहली बार तीन देशों के दौरा किया। इसके तहत पहले वह साइप्रसकनाडा और क्रोएशिया का दौरा शामिल था।

जी-7 शिखर सम्मेलन के दरम्यान भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई देशों के नेताओं से मुलाकात की। पीएम मोदी इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनीफ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोंब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टार्मरदक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसाऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री अल्बनीज, मैक्सिको की राष्ट्रपति क्लॉडिया शेनबॉम समेत कई अन्य नेताओं से मिले और द्विपक्षीय वार्ता की। प्रधानमंत्री मोदी और पीएम मेलोनी के बीच हुई वार्ता में दोनों देशों ने भारत-इटली संबंधों को बेहतर करने की बात कही। इस दौरान ग्लोबल साउथ और इंडो-पैसिफिक जैसे मुद्दों पर भी चर्चा हुई। पीएम मोदी ने इटली में भारतीय सेना के योगदान को याद करते हुए मेमोरियल की योजना का जिक्र किया। मेलोनी ने इसे मूल्य आधारित साझेदारी बताया और सहयोग बढ़ाने की इच्छा जताई। इस मुलाकात से दोनों देशों के रिश्ते और गहरे होंगे। इस बैठक में दोनों देशों के पीएम ने भारत और इटली के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की और आपसी सहयोग को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई।

इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिल कर अपनी प्रसन्नता जाहिर की और कहा, मोदी बेस्ट हैं, मैं भी मोदी तरह बनना चाहती हूं। मेलोनी ने सोशल मीडिया पर लिखा, इटली और भारत गहरी दोस्ती से जुड़े हैं। इस पर पीएम मोदी ने भी जवाब में लिखा, मैं आपसे सहमत हूंहमारी दोस्ती मजबूत होगी और लोगों को फायदा होगा।

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