रेप का झूठा केस करने वाली महिला को 7.5 साल की कैद
मुआवजे के लिए बढ़ रहे गैंगरेप और एससी-एसटी एक्ट के झूठे केस
झूठा मुकदमा करने पर 2 लाख जुर्माना
लखनऊ, 19 जून (एजेंसियां)। लखनऊ की अदालत ने रेखा देवी नाम की एक महिला द्वारा दर्ज किए गए गैंगरेप और एससी-एसटी एक्ट के झूठे मामले में महिला को साढ़े सात की जेल और दो लाख का जुर्माना लगाया है। अदालती कार्यवाही के दरम्यान यह साबित हुआ कि विरोधियों को फंसाने के लिए रेखा देवी ने राजेश और भूपेंद्र नाम के दो लोगों के खिलाफ गैंगरेप का झूठा मुकदमा दर्ज करवाया था।
गैंगरेप का झूठा केस दर्ज करवाने वाली उक्त महिला को लखनऊ की अदालत ने 7.5 वर्ष की सजा सुनाई है और 2 लाख का जुर्माना ठोका है। अदालत ने यह भी कहा है कि रेप के मामले में मिलने वाला मुआवजा अब रिपोर्ट दर्ज होने पर नहीं बल्कि चार्जशीट दाखिल होने पर मिलेगा। झूठे मुकदमे में लोगों को फंसाने को लेकर यह एक बड़ा निर्णय माना जा रहा है।
पुलिस की जांच में महिला के आरोप गलत साबित हुए। कोर्ट ने इस सुनवाई में यह भी कहा कि ऐसे मामलों में मिलने वाले मुआवजे के पैसे के चलते झूठे मुकदमे बढ़ रहे हैं। कोर्ट ने लखनऊ के डीएम को आदेश दिया है कि ऐसे मामलों में भुक्तभोगी को मुआवजा तभी मिले जब पुलिस अपनी जांच पूरी करके चार्जशीट दाखिल कर दे। कोर्ट यह भी आदेश दिया है कि महिला पर लगाए गए जुर्माने का आधा हिस्सा उन लोगों को दिया जाए, जिन्हें झूठे केस में फंसाया गया था। सुनवाई के दौरान मामले में फंसे भूपेंद्र की मौत हो चुकी, इसलिए मुआवजे की राशि उनके परिवार को मिलेगी।
उल्लेखनीय है कि बाराबंकी की रेखा देवी ने 29 जून 2021 को पुलिस में राजेश और भूपेंद्र के खिलाफ गैंगरेप करने और दलित सूचक गालियां देने एवं अपमानित करने का का आरोप लगाया था। घटना लखनऊ के बख्शी का तालाब थाना इलाके की बताई गई थी, इसलिए मामले की जांच उसी थाने में भेज दी गई थी। रेखा देवी दलित हैं इसलिए खुद सर्किल अफसर (पुलिस उपाधीक्षक) ने मामले की जांच की। जांच के दौरान सीओ को पता चला कि रेखा देवी ने झूठा केस दर्ज कराया था ताकि उन दोनों को फंसाया जा सके। जांच के बाद पुलिस ने राजेश और भूपेंद्र को बेकसूर बताया और रेखा देवी के खिलाफ झूठी शिकायत करने के लिए कार्रवाई करने की मांग की। कोर्ट ने इस फैसले से साफ कर दिया है कि अब कानून का गलत इस्तेमाल करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।