दंगे का मास्टरमाइंड सपा सांसद बर्क समेत 23 की करतूतें दर्ज
संभल हिंसा में 1000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल
संभल, 19 जून (एजेंसियां)। संभल में दंगा भड़काने और पूरे जिले को हिंसा की आग में झोंक देने के मामले में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित 23 लोगों के खिलाफ चंदौसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में 1000 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की गई है। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर 2024 को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा मामले में 11वीं चार्जशीट दाखिल हो गई है। संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद जियाउर्रहमान बर्क, सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित 23 लोगों के खिलाफ चंदौसी की एमपी-एमएलए कोर्ट में 1000 से ज्यादा पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है।
इस चार्जशीट में हिंसा की साजिश, भड़काऊ भाषण और भीड़ को उकसाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। संभल हिंसा ने पूरे राज्य में सनसनी मचा दी थी। इस घटना में चार लोगों की मौत हुई थी, जबकि 29 पुलिसकर्मी और कई आम नागरिक घायल हो गए थे। हिंसा की शुरुआत तब हुई जब कोर्ट के आदेश पर शाही जामा मस्जिद और श्रीहरिहर मंदिर के बीच विवादित स्थल का सर्वेक्षण करने के लिए एडवोकेट कमिश्नर की टीम पहुंची थी। हिंदू पक्ष का दावा है कि मस्जिद उस जगह बनी है, जहां पहले हरिहर मंदिर था। सर्वे के विरोध में सैकड़ों लोगों की भीड़ जमा हो गई और देखते ही देखते हालात बेकाबू हो गए। भीड़ ने पथराव, आगजनी और गोलीबारी शुरू कर दी।
इस दौरान कई पुलिस वाहन जलकर खाक हो गए, और डिप्टी कलेक्टर रमेश बाबू सहित कई अधिकारी घायल हो गए। डिप्टी कलेक्टर ने अपनी शिकायत में कहा कि भीड़ ने उन्हें जान से मारने की नीयत से हमला किया था। पुलिस ने इस मामले में अब तक 90 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें जामा मस्जिद के सदर जफर अली भी शामिल हैं। जफर अली ने पूछताछ में दावा किया कि 23 नवंबर 2024 की रात को सपा सांसद बर्क ने उनसे फोन पर बात की थी। पुलिस का कहना है कि इस बातचीत में हिंसा की साजिश रची गई। चार्जशीट में यह भी उल्लेख है कि सुहैल इकबाल ने भीड़ को उकसाते हुए कहा था, सांसद बर्क हमारे साथ हैं, अपने मंसूबे पूरे करो। इसके बाद पथराव और गोलीबारी शुरू हो गई, जिसमें एक गोली सीओ के पैर में लगी।
सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। उनका कहना है कि वह घटना के दौरान संभल में मौजूद नहीं थे और यह सब राजनीति से प्रेरित है। 8 अप्रैल 2025 को एसआईटी ने बर्क से नखासा थाने में ढाई घंटे तक पूछताछ की थी। इस दौरान बर्क 10 वकीलों के साथ थाने पहुंचे थे। हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा रखी है, लेकिन जांच में सहयोग करने का आदेश दिया है।
पुलिस की जांच में यह भी सामने आया कि हिंसा में इस्तेमाल हुए हथियारों में 315 बोर की गोलियां शामिल थीं, जो आमतौर पर तमंचों में इस्तेमाल होती हैं। पुलिस ने कुछ घरों से धारदार हथियार भी बरामद किए, जिनमें एक अनोखा हथियार था, जिससे दोनों तरफ से वार किया जा सकता था। पुलिस का दावा है कि यह हिंसा सुनियोजित थी और शुक्रवार (22 नवंबर) को जुमे की नमाज के बाद भड़काऊ बयानों से भीड़ को उकसाया गया था। बर्क ने कहा था कि मस्जिद हमेशा रहेगी। अगर हम इसे नहीं बचाएंगे, तो दुनिया हम पर थूकेगी। बर्क ने कहा था, जामा मस्जिद का सर्वे हुआ तो कौम (मुस्लिम) हम पर ही थूकेगी। संभल हिंसा मामले में 12 एफआईआर दर्ज की गई थी, जिसमें से 10 में पहले ही चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है। ये 11वां केस है, जिसमें चार्जशीट दाखिल की गई थी। इन एफआईआर में दंगा भड़काने, हत्या के प्रयास, सरकारी कार्य में बाधा डालने और सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने जैसे अपराध शामिल हैं। चार्जशीट में 700-800 अज्ञात लोगों को भी आरोपित बनाया गया है।
संभल में दंगा फैलाने की पूरी योजना व्हॉट्सऐप ग्रुप पर तय हुई। उस व्हाट्सऐप ग्रुप का एडमिन हेड सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क निकला। पुलिस को पक्के सबूत मिले हैं कि 22 और 24 नवंबर को इसी ग्रुप में हिंसा भड़काने के मैसेज भेजे गए। इन मैसेज में भारी भीड़ जुटाने और सरकारी सर्वे को किसी भी कीमत पर रोकने का निर्देश था। एसआईटी की चार्जशीट के अनुसार, इस खूनी खेल का साजिशकर्ता दुबई में बैठा गैंगस्टर शारिक साठा है, जिसे संभल के सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क का खुला प्रोटेक्शन मिला था। संभल हिंसा की गहराई में जाने पर कई चौंकाने वाली बातें सामने आती हैं, जो पहले की रिपोर्टों में नहीं थीं। पुलिस ने दावा किया कि साठा ने सीधे तौर पर मुस्लिम भीड़ को भड़काया था। शारिक साठा ने मुस्लिमों को उकसाया कि वे जामा मस्जिद के सर्वे को रोकें, क्योंकि यह उनकी 500 साल पुरानी बाबर की निशानी है, जिसे बचाना उनका फर्ज है। इस साजिश का सबसे घिनौना पहलू यह है कि शारिक साठा के इशारे पर ही हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन की हत्या की साजिश रची गई थी। इस काम के लिए शारिक साठा गैंग से जुड़े मोहम्मद गुलाम को सुपारी दी गई थी, जिसे पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया था।
मोहम्मद गुलाम के पास से भारी मात्रा में विदेशी हथियार भी बरामद हुए, जो इस साजिश की गंभीरता को दिखाते हैं। पुलिस ने यह भी खुलासा किया है कि शारिक साठा गैंग का संबंध अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी से है, जिससे इस हिंसा के पीछे एक गहरी और खतरनाक अंतरराष्ट्रीय साजिश की बू आती है। दुबई में बैठा गैंगस्टर शारिक साठा ने भी 23 नवंबर को फोन पर निर्देश दिए थे कि सर्वे नहीं होना चाहिए। इस भीड़ का मुख्य निशाना हिंदू वकील विष्णु शंकर जैन थे, जिनकी हत्या की साजिश रची गई थी, लेकिन वह बाल-बाल बच गए।
24 नवंबर 2024 को संभल में शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भड़की हिंसा ने पूरे देश को हिला दिया था। हिंदू पक्ष का दावा है कि विवादित मस्जिद उस जगह बनी है, जहां पहले श्रीहरिहर मंदिर था। कोर्ट के आदेश पर जब एडवोकेट कमिश्नर की टीम सर्वे के लिए पहुंची, तो मुस्लिम भीड़ ने हिंसक रूप ले लिया। पुलिस की जांच में सामने आया है कि यह हिंसा कोई अचानक नहीं हुई, बल्कि एक सुनियोजित साजिश का नतीजा थी। एसआईटी ने अपनी 11वीं चार्जशीट में सपा सांसद जियाउर्रहमान बर्क, सपा विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल सहित 23 लोगों को आरोपित बनाया है, जबकि विधायक पुत्र सुहैल इकबाल को क्लीन चिट मिली है। इस सुनियोजित हमले में चार लोगों की जान गई और 29 पुलिसकर्मी घायल हुए। शाही जामा मस्जिद कमेटी के सदर जफर अली ने पुलिस को बताया कि सपा सांसद बर्क की इसमें बड़ी भूमिका थी। पहले 3000 पन्नों की चार्जशीट दाखिल हुई थी, और अब 1200 पन्नों की एक और चार्जशीट दाखिल की गई है।
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