चुनौतीपूर्ण बनी अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था
जम्मू, 23 जून (ब्यूरो)। जम्मू संभाग के इंटरनेशनल बॉर्डर का हीरानगर सेक्टर इस बार अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौती साबित हो सकता है। हीरानगर सेक्टर से गुजरने वाला नेशनल हाईवे इंटरनेशनल बार्डर से कुछ ही किमी की दूरी पर है। हीरानगर सेक्टर की संवेदनशीलता को देखते हुए सीमावर्ती इलाकों में भी चौकसी बढ़ा दी गई है। बॉर्डर से लगते गांवों से लेकर हाईवे तक हर गली, हर मोड़, हर मार्ग की कड़ी निगरानी की जा रही है। सुरक्षाबलों द्वारा पैदल गश्त भी बढ़ा दी गई है और स्थानीय स्तर पर खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया गया है।
इस बार की अमरनाथ यात्रा सुरक्षा के लिहाज से बेहद चुनौतीपूर्ण मानी जा रही है। प्रशासन ने हर स्थिति से निपटने की रणनीति तैयार कर ली है। ड्रोन की मदद से संवेदनशील क्षेत्रों की लगातार निगरानी की जा रही है। हीरानगर सेक्टर के कुछ हिस्सों में हाई-डेफिनिशन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जो सीधे कंट्रोल रूम को फीड भेज रहे हैं। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) और सेना भी हीरानगर के बॉर्डर क्षेत्रों में हाई अलर्ट पर है। इंटरनेशनल बॉर्डर से लगे हुए मार्गों पर स्पेशल चेकिंग प्वाइंट बनाए गए हैं, ताकि किसी भी संभावित घुसपैठ या आतंकी गतिविधि को पहले ही रोका जा सके। सभी एजेंसियों के बीच समन्वय स्थापित कर लिया गया है और फील्ड अफसरों को नियमित रूप से ब्रीफिंग दी जा रही है। एक अधिकारी ने कहा कि अमरनाथ यात्रा आस्था का महापर्व है और इसमें किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सरकार और सुरक्षा एजेंसियां पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हीरानगर सेक्टर में हर मोर्चे पर सतर्कता बरती जा रही है ताकि बाबा बर्फानी के दर्शन करने जा रहे श्रद्धालु निश्चिंत होकर अपनी यात्रा पूरी कर सकें।
सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कश्मीर का दौरा कर अमरनाथ यात्रा के लिए की जा रही सुरक्षा तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने कश्मीर क्षेत्र में तैनात सुरक्षाबलों और अधिकारियों से मुलाकात कर सुरक्षा व्यवस्था और हालात की जानकारी ली। उनकी चर्चा और चिंता का विषय भी इस बार अमरनाथ यात्रा ही थी। जनरल द्विवेदी को मौजूदा ऑपरेशनल स्थिति और रणनीतिक पहलुओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। सेना प्रमुख ने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए।
इस साल अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से शुरू होगी और 9 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन समाप्त होगी। पिछले साल करीब 4.5 लाख तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा के दर्शन किए थे। ऐसे में श्रद्धालुओं की रक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर आपदा प्रबंधन विभाग ने पहलगाम में एक मॉक ड्रिल (अभ्यास) का आयोजन किया। इस अभ्यास में ग्लेशियर फटने से आने वाली बाढ़ जैसी आपदा की स्थिति को दिखाया गया व इससे निपटने के लिए भी अभ्यास किया गया।
चमलियाल मेले में फिर नहीं बंटेगा शक्कर और शर्बत
जम्मू, 23 जून (ब्यूरो)। 26 जून को रामगढ़ सेक्टर में चमलियाल सीमांत पोस्ट पर आयोजित किए जाने वाले बाबा चमलियाल के मेले में इस बार भी लगातार 8वीं बार दोनों मुल्कों के बीच शक्कर और शर्बत बंटने की उम्मीद नहीं है। पाकिस्तानी रेंजरों को न्यौता ही नहीं दिया गया है।
वर्षों पुरानी परंपरा का निर्वहन करते हुए पाकिस्तानी और भारतीय सेनाओं के जवान इस सीमा चौकी पर शक्कर और शर्बत बांट कर उन हजारों लोगों को सुकून पहुंचाते थे, जो चौकी पर स्थित बाबा दिलीप सिंह मन्हास अर्थात बाबा चमलियाल की दरगाह पर माथा टेकने आते थे।
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