गद्दी विरासत में मिल सकती है, बुद्धि नहीं

योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश पर साधा तीखा निशाना

गद्दी विरासत में मिल सकती है, बुद्धि नहीं

बोले—“सनातन धर्म से नफरत रखने वालों की नहीं चलेगी”

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गोरखपुर, 21 अक्टूबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “गद्दी विरासत में मिल सकती है, लेकिन बुद्धि नहीं।” उन्होंने कहा कि दीपावली और अयोध्या के दीपोत्सव पर विवादित बयान देकर अखिलेश यादव ने यह साबित कर दिया है कि उन्हें न तो श्रीराम में श्रद्धा है, न ही सनातन संस्कृति के पर्व-त्योहारों का कोई सम्मान।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को गोरखपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी वर्ष के अवसर पर आयोजित “विचार-परिवार कुटुंब स्नेह मिलन एवं दीपोत्सव से राष्ट्रोत्सव” कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। योगिराज बाबा गंभीरनाथ प्रेक्षागृह में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने अखिलेश यादव के हालिया बयान पर करारा पलटवार करते हुए कहा कि दीपावली पर दीये जलाने का विरोध करने वाले वास्तव में अपनी सोच की अंधकारमयता को प्रदर्शित कर रहे हैं।

योगी ने कहा—“अखिलेश यादव को अयोध्या में राम मंदिर बनने से चिढ़ है। उन्हें दीपोत्सव से परेशानी है, दीयों से तकलीफ है। वे कह रहे हैं कि दीया जलाने की क्या ज़रूरत है, मोमबत्ती जला लेते। यह बयान न सिर्फ सनातन आस्था का अपमान है, बल्कि मिट्टी के दीये बनाने वाले कुम्हार समाज, तेल उत्पादन करने वाले किसानों और परंपराओं से जुड़ी करोड़ों आत्माओं का भी अपमान है।”

“दीप जलाना भारतीय संस्कृति की आत्मा है”

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दीप जलाना भारतीय संस्कृति की आत्मा है। यह केवल प्रकाश का प्रतीक नहीं, बल्कि अंधकार पर प्रकाश, अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की विजय का संदेश है। उन्होंने कहा—“जो लोग इस पर भी राजनीति कर रहे हैं, वे वास्तव में उसी अंधकार के प्रतिनिधि हैं, जिसे भगवान श्रीराम ने रावण का वध कर समाप्त किया था।”

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मुख्यमंत्री ने व्यंग्य भरे लहजे में कहा—“अगर 2017 से पहले समाजवादी पार्टी ने मिट्टी की कीमत समझी होती, तो आज बबुआ (अखिलेश यादव) इस तरह का बचकाना बयान नहीं देते। उन्हें नहीं पता कि दो करोड़ लोग मिट्टी के दीयों और बर्तनों से जुड़े कारोबार से अपना जीवन चलाते हैं। ये लोग आर्थिक आत्मनिर्भरता और स्वावलंबन के प्रतीक हैं। मगर अखिलेश यादव जैसे लोग सिर्फ वंशवाद की राजनीति समझते हैं, संस्कृति नहीं।”

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“राम मंदिर बना, वंशवादियों का चेहरा बेनकाब हुआ”

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण केवल एक धार्मिक उपलब्धि नहीं, बल्कि भारतीय अस्मिता का पुनर्जागरण है। उन्होंने कहा—“जब संघ के स्वयंसेवक मंदिर निर्माण के लिए संघर्ष कर रहे थे, तब सपा और कांग्रेस सवाल उठा रहे थे—मंदिर कब बनेगा? कैसे बनेगा? लेकिन संघ के वीर कार्यकर्ताओं ने लाठियाँ खाईं, गोलियाँ खाईं और आज परिणाम सबके सामने है—अयोध्या में श्रीराम मंदिर का भव्य स्वरूप।”

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उन्होंने कहा कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा के बाद अयोध्या में दीपोत्सव विश्व का सबसे बड़ा उत्सव बन गया है। इस वर्ष 26 लाख 17 हजार दीये जलाकर नया विश्व रिकॉर्ड बनाया गया है। उन्होंने कहा—“जो अयोध्या साढ़े आठ साल पहले वीरान थी, अब वहां का दीपोत्सव पूरी दुनिया की पहचान बन गया है। लेकिन दुख की बात यह है कि सपा जैसे दलों को इस उजाले से भी परेशानी है।”

“सपा को दीप से डर, अंधकार से प्यार”

मुख्यमंत्री ने सपा पर तीखा हमला बोलते हुए कहा—“सपा को दीये से डर लगता है क्योंकि उन्हें उजाले से डर है। वे हमेशा अंधकार में जीना चाहते हैं, ताकि उनकी राजनीति चलती रहे। यही कारण है कि अखिलेश यादव दीपोत्सव पर सवाल उठाते हैं, जबकि पूरा देश रामलला के मंदिर और दीपोत्सव की गरिमा में आनंदित है।”

योगी ने कहा कि अखिलेश यादव को अगर दीया जलाने में इतनी परेशानी है, तो वे मोमबत्ती की राजनीति करें, मगर जनता अब जान चुकी है कि यह वही लोग हैं जिन्होंने राम भक्तों पर गोलियां चलवाई थीं। उन्होंने कहा—“सपा और कांग्रेस दोनों ने सनातन धर्म को कमजोर करने का काम किया है। कांग्रेस ने अदालत में हलफनामा देकर कहा था कि भगवान राम और श्रीकृष्ण मिथक हैं। ये वही मानसिकता है जो आज भी हिंदू आस्था को निशाना बनाती है।”

“राजनीतिक इस्लाम देश के लिए खतरा”

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में ‘राजनीतिक इस्लाम’ पर भी निशाना साधा और कहा कि भारत में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ संघर्ष की चर्चा तो होती है, लेकिन राजनीतिक इस्लाम के खिलाफ लड़े गए संघर्ष की चर्चा नहीं होती। उन्होंने कहा—“वीर शिवाजी, महाराणा प्रताप, गुरु गोविंद सिंह जैसे योद्धाओं ने केवल विदेशी शासन के खिलाफ नहीं, बल्कि राजनीतिक इस्लाम के विस्तार के खिलाफ भी जंग लड़ी थी।”

उन्होंने कहा—“आज भी जलालुद्दीन उर्फ़ छांगुर जैसे लोग राजनीतिक इस्लाम को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं। हमारी सरकार ने ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है। हमने हलाल सर्टिफिकेशन उत्पादों की बिक्री पर रोक लगाई है क्योंकि यह आर्थिक रूप से आतंकवाद, धर्मांतरण और लव जिहाद को पोषित करता है।”

“स्वदेशी से आत्मनिर्भर भारत का निर्माण होगा”

योगी आदित्यनाथ ने लोगों से स्वदेशी उत्पादों को अपनाने की अपील की और कहा कि “जो पैसा देश के उत्पादों पर खर्च होगा, वही राष्ट्र की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा।” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी वर्ष पर निर्धारित “पंच परिवर्तन”—सामाजिक समरसता, कुटुंब प्रबोधन, पर्यावरण संरक्षण, स्वदेशी से आत्मनिर्भरता और नागरिक कर्तव्यों—विकसित भारत की नींव हैं।

उन्होंने कहा—“विकसित समाज और विकसित राष्ट्र के लिए सरकार को नहीं, समाज को आगे चलना होगा। जब समाज सशक्त होगा, तब राष्ट्र अपने आप समृद्ध होगा।”

“रामद्रोही और कृष्णद्रोही राजनीति को जनता नकार चुकी है”

योगी ने अखिलेश यादव और सपा पर निशाना जारी रखते हुए कहा—“अखिलेश यादव जैसे लोग न राम के हैं, न कृष्ण के। वे दुर्योधन की मूर्ति लगाने की बात करते हैं, तो हमने कहा कि कंस की भी मूर्ति लगवा लो। ये वही सोच है जो रामद्रोही, कृष्णद्रोही और सनातन धर्मद्रोही राजनीति को आगे बढ़ाती है। लेकिन अब जनता इस द्रोह को पहचान चुकी है।”

उन्होंने कहा कि सपा और कांग्रेस ने हमेशा सनातन आस्था का मज़ाक उड़ाया, मंदिर निर्माण में बाधाएं डालीं और हिंदू पर्वों पर टिप्पणी की। “आज वही लोग देख रहे हैं कि अयोध्या, मथुरा और वृंदावन की आभा पूरी दुनिया में फैल रही है। पिछले वर्ष छह करोड़ से अधिक लोग अयोध्या में रामलला के दर्शन करने पहुंचे, और प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम स्नान किया। यह भारत की आध्यात्मिक शक्ति का प्रमाण है।”

“वंशवादियों की राजनीति का सूर्य अस्त होने को है”

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि अब वंशवाद की राजनीति का सूर्य अस्त होने को है। उन्होंने कहा—“अखिलेश यादव जैसे नेता परिवारवाद की राजनीति में उलझे हैं। उन्हें जनता की नहीं, अपनी कुर्सी की चिंता है। लेकिन देश और उत्तर प्रदेश अब नई सोच के साथ आगे बढ़ रहा है, जहां विकास, संस्कृति और राष्ट्रवाद राजनीति के केंद्र में हैं।”

योगी ने अपने भाषण के अंत में कहा—“भारत बदल रहा है। यह वही भारत है जहां रामराज्य का सपना साकार हो रहा है। जिन्होंने वर्षों तक अंधकार फैलाने का काम किया, अब वही लोग दीपोत्सव के प्रकाश से घबरा रहे हैं। लेकिन अब अंधकार की राजनीति नहीं चलेगी। गद्दी तो विरासत में मिल सकती है, पर बुद्धि नहीं।”

इस दौरान मंच पर उपस्थित संघ के पदाधिकारियों और साधु-संतों ने मुख्यमंत्री के वक्तव्य का समर्थन करते हुए ‘जय श्रीराम’ के नारों से पूरा प्रेक्षागृह गूंजा दिया। कार्यक्रम में गोरखपुर क्षेत्र के प्रमुख संत-महात्मा, संघ परिवार के कार्यकर्ता, शिक्षक, उद्योगपति, किसान और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक मौजूद रहे।

मुख्यमंत्री के इस प्रखर भाषण से यह साफ हो गया कि दीपावली के अवसर पर राजनीति करने वालों को जनता अब बख्शने वाली नहीं है। योगी आदित्यनाथ ने जिस आक्रामक तेवर में सपा और कांग्रेस को घेरा, उसने प्रदेश की राजनीति में नया संदेश दे दिया है — “अब सनातन के विरुद्ध बोलने वालों के लिए कोई जगह नहीं।”

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