जगन्नाथ यात्रा पर हिंदुओं को मिल रहा 'हलाल' प्रसाद

हिंदुओं की आस्था रौंद कर मुसलमानों को खुश कर रही ममता!

जगन्नाथ यात्रा पर हिंदुओं को मिल रहा 'हलाल' प्रसाद

वोट के लिए ऐसे नापाक हथकंडे भी आजमा सकती है कोई पार्टी!

पश्चिम बंगाल अजीबोगरीब किंतु घृणित राजनीतिक प्रयोग की जमीन बन गया है। तृणमूल कांग्रेस के मुस्लिम तुष्टिकरण के ओछे स्तर पर उतरने को लेकर पूरे देश में सवाल उठ रहे हैं कि क्या कोई राजनीतिक दल वोट के लिए ऐसे नापाक हथकंडे भी आजमा सकता है। हिंदुओं की आस्था को रौंद कर मुसलमानों को खुश करने की ममता बनर्जी की कोशिशें क्या विधानसभा चुनाव में मुसलमानों का वोट पाने के लिए उचित रणनीति है। जगन्नाथ यात्रा के समय हिंदुओं के बीच मुसलमानों के हाथ का बना प्रसाद बांटा जाना पूरे प्रदेश में गंभीर आक्रोश का कारण बनता जा रहा है।

पश्चिम बंगाल में टीएमसी ने दीघा में बने जगन्नाथ मंदिर के प्रसाद निर्माण का ठेका मुसलमानों को देकर ऐन जगन्नाथ यात्रा के समय विवाद खड़ा कर दिया है। भाजपा ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर 2026 की शुरुआत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले मुस्लिम समुदाय का ध्रुवीकरण करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है। भाजपा का कहना है कि ममता बनर्जी रथ यात्रा उत्सव का भी राजनीतिकरण कर रही हैं। भाजपा ने ममता सरकार द्वारा हिंदुओं के बीच मुसलमानों का बना हलाल-प्रसाद बांटने और राज्य सरकार के पैसे और मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। टीएमसी सरकार ने राज्य भर में 10.4 मिलियन से अधिक घरों में दीघा जगन्नाथ धाम से मुसलमानों के हाथ का बना प्रसाद घर-घर बंटवाना शुरू किया है। प्रसाद विवाद ने विधानसभा चुनावों से पहले बंगाल की राजनीति में बढ़ते मुस्लिम ध्रुवीकरण को स्पष्ट रूप से गहरा किया है।

पिछले दिनों टीएमसी ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पहल पर दीघा स्थित भगवान जगन्नाथ मंदिर का दिव्य महाप्रसाद अब पूरे बंगाल में घरों तक पहुंचेगा। लोगों से कहा गया कि 27 जून तक से वे अपने नज़दीकी राशन की दुकान से अपना पवित्र प्रसाद का बॉक्स ले सकते हैं। प्रत्येक प्रसाद बॉक्स में जगन्नाथ की तस्वीर और दो पारंपरिक मिठाइयांपेड़ा और गाजा हैं। दोनों मिठाइयों की कीमत 20 रुपए हैजिसका खर्चा राज्य सरकार वहन कर रही है। सरकार ने इसकी पैकेजिंग और वितरण के लिए अतिरिक्त धनराशि भी प्रदान की है। लेकिन जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद बना कौन रहा हैयह सवाल हिंदुओं को भीतर तक चोट पहुंचा रहा है, क्योंकि प्रसाद बनाने का ठेका मुसलमान कारोबारियों को दे दिया गया है।

इसके मुकाबले भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी ने एक समानांतर पहल की घोषणा करते हुए कहा कि 27 जून को होने वाली रथ यात्रा से पांच दिनों तक पुरी के जगन्नाथ मंदिर का प्रसाद तमलुक शहर के मंदिर से जनता के बीच वितरित किया जाएगा। तमलुक और दीघा दोनों पूर्व मेदिनीपुर जिले में स्थित हैंजो शुभेंदु का गृह क्षेत्र हैजहां उन्होंने 2021 के विधानसभा चुनावों में नंदीग्राम निर्वाचन क्षेत्र में ममता को 1,956 मतों से हराया था।

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राज्य भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने टीएमसी पर हमला करते हुए आरोप लगाया कि ममता बनर्जी ने रथ को राजनीति में बदल दिया है। वे मुसलमानों के हाथ का बना प्रसाद हिंदुओं में बांट रही हैं और दूसरी तरफ शमशेरगंज (मुर्शिदाबाद में हाल ही में हुए दंगों के दौरान) में मंदिरों में तोड़फोड़ करने वाले कट्टरपंथी तत्वों को संरक्षण दे रही हैं। हिंदुओं के बीच ममता हलाल-प्रसाद बांट रही हैं,  क्या यह स्वीकार्य है?

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भाजपा नेता अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल में बेखौफ होकर हिंदू भावनाओं को कुचल रही हैं। मुर्शिदाबाद जिले के सुती 1 ब्लॉक में मिठाई बनाने वाले मुसलमान कारोबारियों और राशन डीलरों को प्रसाद बनाने और बांटने का काम सौंपा गया हैजिसे प्रभु जगन्नाथ देव का पवित्र प्रसाद बताया जा रहा है। सरकार ने यह काम जानबूझकर हिंदुओं की आस्था को उकसावा देने के इरादे से किया है।

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बंगाल भाजपा महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा कि एक तरफ बंगाल सरकार वित्तीय संकट से गुजर रही है। कर्मचारियों का डीए फंसा पड़ा है, शिक्षकों की नियुक्ति अनिश्चितता में पड़ी है, ग्रुप सी और ग्रुप डी कर्मचारियों के भत्ते बंद हो गए हैं, लेकिन दूसरी तरफ बंगाल सरकार करोड़ों रुपए का प्रसाद मुफ्त में बांट रही है और हिंदुओं को भड़का रही है। उल्लेखनीय है कि ओड़ीशा के पुरी स्थित प्रतिष्ठित जगन्नाथ मंदिर की प्रतिकृति पश्चिम बंगाल के दीघा में स्थापित की गई है।

जो सिंदूर बेच रहे हैं वो पहले चाय बेचते थे

तृणमूल कांग्रेस मुस्लिम तुष्टिकरण के सारे हथकंडे इस्तेमाल कर रही है। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में हिंदुओं को चुन-चुन कर मारे जाने के बाद देश में फैसले आक्रोश के बीच भी टीएमसी के नेता अपनी प्रतिकूल टिप्पणियों से बाज नहीं आ रहे थे। यहां तक कि पाकिस्तान के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी टीएमसी नेता अपनी बेजा बयानबाजी जारी कर रहे थे। टीएमसी के ही एक नेता ने कहा, क्या आप समझते हैं कि बिना ममता बनर्जी के इशारे पर कोई नेता कोई बयान दे सकता हैस्पष्ट है कि जिस समय ऑपरेशन सिंदूर को लेकर पूरे देश में सर्वदलीय एकता प्रदर्शित की जा रही थी ऐसे नाजुक समय में भी ममता बनर्जी के इशारे पर टीएमसी के नेता ऑपरेशन सिंदूर के खिलाफ बयान दे रहे थे। पश्चिम बंगाल सरकार के मंत्री उदयन गुहा ने कहा था, चाय का व्यापार करने वाला आज सिंदूर बेच रहा है। ऐसे बयान पर ही भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा था, टीएमसी का नाम मीर जाफर कंपनी होना चाहिए। क्योंकि उदयन गुहा के बयान ने न केवल भारत की सैन्य शक्ति का अपमान किया बल्कि भारत की जनता का भी अपमान किया है।

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