महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आएंगी राष्ट्रपति मुर्मू

मुख्यमंत्री योगी ने लिया तैयारियों का जायजा

महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आएंगी राष्ट्रपति मुर्मू

गोरखपुर28 जून (एजेंसियां)। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक जुलाई को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आएंगी। राष्ट्रपति के आगमन को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तैयारियों का जायजा लिया और आवश्यक निर्देश दिए।

पिपरी में बने महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय का लोकार्पण राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू एक जुलाई को करेंगी। राष्ट्रपति के आगमन से पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को इस विश्वविद्यालय परिसर का हवाई सर्वेक्षणस्थलीय निरीक्षण और समीक्षा बैठक कर लोकार्पण समारोह की तैयारियों का निरीक्षण किया। मुख्यमंत्री ने आयुष विश्वविद्यालय परिसर में राष्ट्रपति की फ्लीट रूटराष्ट्रपति के हाथों होने वाले पौधरोपण के स्थलस्विस कॉटेज/सेफ हाउसमुख्य मंचदर्शक दीर्घा आदि की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया और सुरक्षालोगों की सुविधा और स्वच्छता को लेकर जरुरी दिशा निर्देश दिए। उन्होंने कुलपति और प्रशासनिक अधिकारियों से कहा कि वे राष्ट्रपति के अवलोकन के लिए आयुष विश्वविद्यालय का एक मॉडल भी बनवाएं। इसमें अकादमिक भवनओपीडीआईपीडीओटीपंचकर्म केंद्र आदि सभी क्षेत्र और विशेषताएं प्रदर्शित की जाएं। निरीक्षण के बाद मुख्यमंत्री ने आयुष विश्वविद्यालय के गेस्ट हाउस में राष्ट्रपति के आगमन से जुड़ी तैयारियों को लेकर समीक्षा बैठक भी की।

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स्थापना के चार साल के भीतर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर (एमजीयूजी) के नाम उपलब्धियों की लंबी सूची है। पूरे प्रदेश में इसकी पहचान समयानुकूलरोजगारपरक शिक्षा तथा आधुनिक एवं प्राचीन चिकित्सा के संगम के रूप में सुदृढ़ हुई है। 28 अगस्त 2021 को तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों लोकार्पित इस विश्वविद्यालय में 1 जुलाई को वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का आगमन होने जा रहा है। राष्ट्रपति यहां अकादमिक भवनकरीब पंद्रह सौ लोगों के बैठने की क्षमता के ऑडिटोरियमग्यारह कॉटेज वाले विश्व स्तरीय पंचकर्म केंद्र का लोकार्पण और एक हजार की क्षमता के गर्ल्स हॉस्टल का शिलान्यास करेंगी।

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एमजीयूजी मॉडर्न मेडिकल एजुकेशनआयुर्वेद चिकित्सा शिक्षानर्सिंग शिक्षाफार्मेसी शिक्षा के साथ स्नातक और परा स्नातक के अत्याधुनिक रोजगारपरक पाठ्यक्रमों के संचालन वाले एक बड़े राष्ट्रीय केंद्र के रूप में तेजी से उभर रहा है। यहां के आयुर्वेद कॉलेज में बीएएमएस की पढ़ाई विश्वविद्यालय स्थापना के पहले सत्र से ही हो गई थी जबकि मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस कोर्स का संचालन पिछले सत्र से हुआ है। यही नहींनर्सिंग एवं पैरा मेडिकल संकाय में दर्जनभर रोजगारदायी पाठ्यक्रम पूर्ण क्षमता से संचालित हैं। विश्वविद्यालय में एलाइड हेल्थ साइंसेज फार्मेसीएग्रीकल्चरव्यवसाय प्रबंधन से संबंधित डिप्लोमा से लेकर मास्टर डिग्री तक के दो दर्जन पाठ्यक्रम संचालित हैं।

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विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुरिंदर सिंह बताते हैं कि यहां के सभी पाठ्यक्रम रोजगारपरक हैं और उनकी बहुत मांग है। यहां भारतीय ज्ञान मूल्यों का संरक्षण व संवर्धनवर्तमान और भावी समय को ध्यान में रखकर अनुसंधानिक तरीके से किया जा रहा है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के परिप्रेक्ष्य में यहां पाठ्यक्रम ऐसे हैं जो समाज के लिए लाभकारीविद्यार्थी के लिए सहज रोजगारदायी हैं। शिक्षाचिकिसाकृषि अनुसंधानरोजगार व ग्राम्य विकास के क्षेत्र में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने अंतरराष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थानलुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय नेपालदक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालयइंदिरा गांधी राष्ट्रीय जनजाति विश्वविद्यालयएम्स गोरखपुरकेजीएमयू लखनऊआरएमआरसी गोरखपुरमहायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालयदीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालयभारतीय उद्यमिता विकास संस्थान अहमदाबादवैद्यनाथ आयुर्वेदइंडो-यूरोपियन चैंबर ऑफ स्माल एंड मीडियम इंटरप्राइजेजबाबा साहब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय लखनऊराष्ट्रीय वनस्पति अनुसंधान संस्थानराष्ट्रीय कृषि उपयोगी सूक्ष्मजीव ब्यूरोभारतीय बीज विज्ञान संस्थानजुबिलेंट एग्रीकल्चर रूरल डेवलपमेंट सोसाइटीलॉजिस्टिक सेक्टर स्किल काउंसिल आदि के साथ एमओयू किया है। इन एमओयू के माध्यम से अलग-अलग क्षेत्रों में विश्व स्तरीय शोध अनुसंधान के साथ ही स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा।

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कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव कहते हैं कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की नींव में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज व राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज के विचार हैंजिनका मानना था कि दासता से मुक्तिस्वावलंबन व सामाजिक विकास के लिए शिक्षा ही सबसे सशक्त माध्यम है। वर्तमान गोरक्षपीठाधीश्वर एवं इस विश्वविद्यालय के कुलाधिपति योगी आदित्यनाथ भी इसी वैचारिक परंपरा के संवाहक हैं। उनके मार्गदर्शन में इस विश्वविद्यालय का लक्ष्य भारतीय ज्ञान मनीषा के आलोक में मूल्य संवर्धितरोजगारपरक उस शिक्षा को बढ़ावा देना है जो समग्र रूप में सामाजिक व राष्ट्रीय हितों का पोषण कर सके। एमजीयूजी के कुलाधिपति (गोरक्षपीठाधीश्वर एवं मुख्यमंत्री) योगी आदित्यनाथ की मंशा 2032 तक गोरखपुर को 'नॉलेज सिटीके रूप में ख्यातिलब्ध कराने की है और इसमें एमजीयूजी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने को अग्रसर है।