युवाओं में हार्ट अटैक के पीछे कोविड वैक्सीन जिम्मेदार नहीं

सरकार का दावा

युवाओं में हार्ट अटैक के पीछे कोविड वैक्सीन जिम्मेदार नहीं

नयी दिल्ली, 03 जुलाई (एजेंसी)। केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने बुधवार को एक विस्तृत जानकारी जारी की है, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि भारत में कोविड‑19 टीकाकरण और अचानक युवा वर्ग में हार्ट अटैक या अचानक मृत्यु के बीच कोई प्रत्यक्ष या निश्चित causal संबंध स्थापित नहीं किया गया है। मंत्रालय ने बताया कि यह निष्कर्ष दो प्रमुख सरकारी और वैज्ञानिक अध्ययन—भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) एवं राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा—विश्लेषण के आधार पर सामने आया है। इन अध्ययनों ने पाया कि कोविड‑19 टीकाकरण के बाद युवाओं में जब अचानक मौत हो रही है तो उसका संबंध कोविड‑19 वैक्सीन से नहीं, बल्कि अन्य मेडिकल और जीवनशैली‑आधारित कारणों से है।

मंत्रालय ने दावा किया है कि भारत में कोविड‑19 का टीका सुरक्षित और प्रभावी है। इसके व्यापक और गंभीर दुष्प्रभाव के मामले बेहद दुर्लभ हैं। कोविड‑19 वैक्सीन के बाद अगर किसी युवा वर्ग में अचानक मृत्यु, मायोकार्डियल इंफ्रक्शन या दिल का दौरा देखा गया है, तो वह पहले से मौजूद कार्डियोवैस्कुलर समस्याओं, अनुवांशिकी, जीवनशैली या अन्य विकारों से संबंधित पाया गया है, न कि टीकाकरण से प्रत्यक्ष सम्बन्ध में।

विशेष रूप से, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (एनआईई) ने 19 राज्यों और संघ‑शासित प्रदेशों में एक व्यापक अध्ययन किया। इसमें युवा वयस्कों में कोविड‑19 टीकाकरण के बाद अचानक हुई मौतों का विश्लेषण किया गया। एनआईई ने पाया कि इनमें टीकाकरण जैसी हालिया घटना के बाद अचानक मृत्यु के अवसर दर में कोई उल्लेखनीय वृद्धि नहीं हुई, और न ही कोई परिवर्तन देखा गया जो कि सुसंगत रूप से टीके से जुड़ा हो। इसी प्रकार, आईसीएमआर‑एनसीडीसी की प्रारंभिक विश्लेषण रिपोर्ट में यह निष्कर्ष आया कि अचानक हार्ट अटैक या फेफड़ों में धमनी संबंधी वैसोडिलेशन, मायोकार्डियल घटना, या स्ट्रोक जैसी स्थितियाँ कोविड‑19 वैक्सीन से उत्पन्न नहीं हुईं।

इस पूरे विश्लेषण के आधार पर मंत्रालय का कहना है कि कोविड‑19 टीकाकरण और अचानक मृत्यु के बीच कोई सह‑संबंध नहीं है। लेकिन मंत्रालय यह भी कहता है कि यदि कोविड‑19 वैक्सीन के बाद किसी व्यक्ति की मृत्यु की पुष्टि हो जाती है, तो इसके परिणाम और कारणों की जांच की जाएगी। हालाँकि, इन मौतों के पीछे “अनुवांशिक बदलाव” या “संयुक्त रोग लक्षण”—पूर्व‑विद्यमान बीमारियाँ, जीवनशैली और कोविड‑19 से बचाव के लिए समयोचित टीकाकरण—को संभावित कारक माना गया है।

Read More योग गुरु वचनानंद के भाई की बाइक दुर्घटना में मौत

कर्नाटक के हासन जिले में बीते एक महीने में 22 युवाओं की मृत्यु अचानक हार्ट अटैक की वजह से हुई। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने भी इस मसले पर चिंता जताते हुए आशंका व्यक्त की कि कहीं कोविड‑19 टीके की साइड इफेक्ट से तो इनके बीच कोई संबंध तो नहीं है। हालांकि मंत्रालय की रिपोर्ट स्पष्ट कहती है कि इस क्षेत्र में हुई मौतों में कोविड‑19 वैक्सीन को निष्क्रिय मानते हुए अन्य कारणों की भूमिका प्रमुख रही है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा कि हासन जिले की 22 मौतों की वजह के विवरण व पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर एक विश्लेषण किया गया है। हालांकि, अभी इस मामले की जांच पूरी तरह से चल रही है और अंतिम नतीजे आने में समय लग सकता है।

Read More काम के घंटे बढ़ाने का कोई फैसला नहीं: संतोष लाड

नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी के मुख्य वैज्ञानिकों ने भी कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष युवाओं में अचानक होने वाली मौतों की घटना दर में कोई बड़ा बदलाव नहीं दिखा। प्रारंभिक विश्लेषण में यह सामने आया कि फिटनेस, खान‑पान, मानसिक तनाव जैसे जीवनशैली‑आधारित पहलुओं ने अधिक प्रभाव डाला है, जो कि टीकाकरण से असम्बद्ध हैं। जबकि कुछ विशेषज्ञों ने इस बात को स्वीकार किया कि कोविड‑19 वैक्सीन के बाद कुछ मामूली साइड इफेक्ट जैसे हल्का बुखार या थकान हो सकते हैं, लेकिन जानलेवा या दिल को नुकसान पहुँचाने वाले प्रतिकूल प्रभाव बहुत दुर्लभ हैं।

Read More दिवंगत सेवानिवृत्त डीजीपी ओमप्रकाश की बेटी ने नंदिनी पार्लर में किया हंगामा

मंत्रालय ने विशेषज्ञों की राय साझा करते हुए कहा कि इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए कि अचानक दिल की समस्याओं में अनुवांशिक प्रवृत्ति, असंतुलित जीवनशैली, तनाव, अनियमित नींद और शारीरिक गतिविधि का अभाव जैसे पहलुओं की जांच प्राथमिक रूप से की जानी चाहिए, जबकि टीकाकरण का दोषी करार देना वैज्ञानिक दृष्टिकोण से उचित नहीं है। वर्तमान उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर मंत्रालय कहता है कि कोई भी अचानक मृत्यु—खासकर स्वस्थ प्रतीत होने वाले युवा वर्ग में—टीके से जुड़े साइड इफेक्ट नहीं हैं।

यदि भविष्य में ऐसी कोई सबूत‑आधारित, वैज्ञानिक रूप से पुष्ट रिपोर्ट आती है, तो उसे सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियाँ गंभीरता से लेंगी और तत्काल कदम उठाएंगी। लेकिन अब तक की जांच से यह स्पष्ट होता है कि कोविड‑19 वैक्सीन को स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से अधिकतम लाभदायक माना जा रहा है और इसके विरुद्ध किसी प्रमुख, अप्रत्याशित जोखिम का प्रमाण अभी तक सामने नहीं आया है।


इस नई रिपोर्ट के प्रकाश में आम जनता को यह समझना आवश्यक है कि किसी भी स्वास्थ्य समस्या की जांच वैज्ञानिक आधारों पर होनी चाहिए। कोविड‑19 वैक्सीन ने वैश्विक रूप से करोड़ों लोगों को सुरक्षा प्रदान की है और इस समय यह घरेलू स्तर पर भी सुरक्षित एवं प्रभावी बनी हुई है। अचानक मृत्यु या हार्ट अटैक की घटनाओं का कारण टीकाकरण को मान लेना उचित नहीं है; इसके पीछे अन्य जटिल कारण मौजूद हो सकते हैं। इसलिए, बिना वैज्ञानिक पुष्टि के ऐसे संबंध को मानना हानिकारक भी हो सकता है। जनता को चाहिए कि वे अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें, नियमित जांच करवाएँ, और योग-व्यायाम सहित संतुलित जीवनशैली अपनाएँ।

#COVID19टीका, #ICMR, #NCDC, #AIIMS, #सुरक्षितटीका, #हार्टअटैक, #जीवनशैली, #वैक्सीनसुरक्षा, #मायोकार्डियलइन्फ़्रक्शन, #जिनेटिकफैक्टर्स