15 दिन में डेढ़ लाख पर्यटक अनंतनाग आए
पहलगाम नरसंहार का डर खत्म
जम्मू, 04 जुलाई (ब्यूरो)। कश्मीर में पहलगाम नरसंहार का साया अब उठ चुका है। अनंतनाग जिले में पिछले 15 दिनों में आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों की संख्या इसकी पुष्टि करती है। अब अमरनाथ यात्रा भी आरंभ हो गई है। हालांकि यह बात अलग है कि अभी अमरनाथ यात्रा को पर्यटन बाजार में बदलने में अधिकारी कामयाब नहीं हो पा रहे हैं।
अनंतनाग जिले में पर्यटकों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 17 जून से 1 जुलाई के बीच चार प्रमुख स्थलों- कोकरनाग, अच्छाबल, दकसुम और वेरीनाग में 1.5 लाख से अधिक पर्यटक आए। यह वृद्धि इन स्थलों के फिर से खुलने के बाद हुई है, जिन्हें पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा चिंताओं के कारण अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया था। आधिकारिक रिकार्ड के अनुसार, इन दो हफ्तों के दौरान कुल 150,994 पर्यटकों ने चार पार्कों का दौरा किया। कोकरनाग में सबसे अधिक 45,523 पर्यटक आए, उसके बाद अच्छाबल में 40,870, वेरीनाग में 38,795 और दकसुम में 25,806 पर्यटक आए। आने वाले कुल पर्यटकों में 30 विदेशी नागरिक भी थे।
वेरीनाग का प्रबंधन अपने स्वयं के विकास प्राधिकरण द्वारा किया जाता है, जबकि कोकरनाग, अच्छाबल और दकसुम कोकरनाग विकास प्राधिकरण (केडीए) के अधिकार क्षेत्र में आते हैं। केडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद रौफ रहमान बताते हैं कि सुरक्षा चिंताओं के कारण इन स्थलों को कुछ समय के लिए बंद कर दिया गया था। 17 जून को इन्हें फिर से खोल दिया गया और तब से कोकरनाग, दकसुम और अच्छाबल में लोगों की भारी प्रतिक्रिया देखी गई है।
दरअसल मैदानी इलाकों में चल रही गर्मी की छुट्टियों और भीषण गर्मी के कारण भी भीड़ बढ़ गई है। रहमान ने बताया कि कोकरनाग में लगातार चहल-पहल बनी हुई है, गेस्टहाउस भरे हुए हैं और पूरे दिन भीड़भाड़ रहती है। उन्होंने जानकारी दी कि कोकरनाग सिर्फ एक बगीचा नहीं है, यह करीब 80 किलोमीटर तक फैला हुआ है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए हमने बगीचे के खुलने का समय शाम 7 बजे तक बढ़ा दिया है, सभी पहुंच मार्गों पर बेहतर यातायात नियमन लागू किया है और एक सहज अनुभव सुनिश्चित करने के लिए अपने पूरे स्टाफ को तैनात किया है।
सीईओ कहते हैं कि विकास प्राधिकरण कोकरनाग के पर्यटन आकर्षण को बढ़ाने के लिए नए प्रस्तावों और बुनियादी ढांचे के उन्नयन पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि हमारा लक्ष्य कोकरनाग को पहलगाम के बाद दक्षिण कश्मीर में दूसरा सबसे ज्यादा देखा जाने वाला स्थान बनाना है। अमरनाथ यात्रा चल रही है और पहलगाम के आस-पास आवाजाही पर प्रतिबंध है, इसलिए हम कोकरनाग में ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने का अवसर देख रहे हैं।
कोकरनाग की छवि को दिन के समय पिकनिक स्पाट से बदलकर रात भर ठहरने के लिए उपयुक्त स्थान बनाने के प्रयास भी चल रहे हैं। सीईओ बताते हैं कि हम स्थानीय निवासियों को होमस्टे और गेस्टहाउस बनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं। कुछ विदेशी पर्यटक पहले ही आना शुरू हो चुके हैं। बेहतर आवास के साथ, हमें उम्मीद है कि ये संख्या बढ़ेगी। उन्होंने स्थानीय अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि पर्यटन सैकड़ों दुकानदारों और विक्रेताओं का समर्थन करता है। जब लोगों की संख्या ज्यादा होती है, तो पूरी आबादी को लाभ होता है।