यूपी में बनेगा आउटसोर्स सेवा निगम
आउटसोर्सिंग कार्मिकों के लिए ऐतिहासिक कदम
लखनऊ, 04 जुलाई (ब्यूरो)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के लाखों आउटसोर्सिंग कार्मिकों के श्रम अधिकारों, पारिश्रमिक और सामाजिक सुरक्षा की रक्षा के लिए एक ऐतिहासिक निर्णय लिया है। उन्होंने उत्तर प्रदेश आउटसोर्स सेवा निगम के गठन को मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह निगम प्रशासनिक व्यवस्था में पारदर्शिता लाने के साथ-साथ आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के जीवन में स्थायित्व और भरोसा सुनिश्चित करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान व्यवस्था में आउटसोर्सिंग एजेंसियों का चयन विकेन्द्रीकृत तरीके से होता है, जिसके कारण समय पर वेतन न मिलना, वेतन में कटौती, ईपीएफ/ईएसआई लाभों से वंचित रहना, पारदर्शिता की कमी और उत्पीड़न जैसी अनेक शिकायतें मिलती हैं। इस परिप्रेक्ष्य में संपूर्ण व्यवस्था में व्यापक सुधार आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि प्रस्तावित निगम का गठन कंपनी एक्ट के तहत किया जाए। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक "बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स" और एक महानिदेशक की नियुक्ति की जाएगी। मंडल व जिला स्तर पर भी समितियों का गठन किया जाएगा। एजेंसियों का चयन जेम पोर्टल के माध्यम से न्यूनतम तीन वर्षों के लिए किया जाएगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वर्तमान कार्यरत कार्मिकों की सेवाएं बाधित न हों और चयन प्रक्रिया में उन्हें अनुभव के आधार पर वेटेज मिले।
मुख्यमंत्री ने निर्देशित किया कि सभी आउटसोर्सिंग कार्मिकों का पारिश्रमिक प्रत्येक माह की 05 तारीख तक सीधे उनके बैंक खाते में भेजा जाए तथा ईपीएफ और ईएसआई की रकम समय से जमा हो। साथ ही ईपीएफ, ईएसआईसी तथा बैंकों से अनुमन्य सभी लाभ भी कर्मचारियों को प्रदान किए जाएं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि निगम को रेगुलेटरी बॉडी की भूमिका में रखा जाए जो एजेंसियों की कार्यप्रणाली की निगरानी करे और नियमों के उल्लंघन पर ब्लैकलिस्टिंग, डिबारमेंट, पेना
प्रस्तावित निगम द्वारा की जाने वाली सभी नियुक्तियों में एससी, एसटी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस,
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