महाराष्ट्र के एमवीए गठबंधन में नहीं रही एकता
अर्बन नक्सल बिल के खिलाफ एकजुट नहीं हुआ विपक्ष
मुंबई, 13 जुलाई (एजेंसियां)। क्या महाराष्ट्र में विपक्षी महा विकास अधिकारी महाविकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन एकजुट नहीं रही? यह बड़ा सवाल इसलिए खड़ा हुआ क्योंकि महाराष्ट्र की विधानसभा और विधान परिषद में हाल ही में महाराष्ट्र स्पेशल पब्लिक सिक्युरिटी (एमएसपीएस) बिल अत्यंत आसानी से पारित हो गया। जबकि ऐसा माना जा रहा था कि विपक्ष इस बिल का पुरजोर विरोध करेगा और सरकार को मुश्किल पेश आएगी।
इस बिल को अर्बन नक्सलिज्म के खिलाफ बताया गया है और यह साफ दिखाई दिया कि विपक्ष ने इस मामले में रणनीतिक एकजुटता नहीं दिखाई हालांकि अभी यह देखना बाकी है कि इस कानून के खिलाफ क्या महाराष्ट्र में लोग सड़कों पर उतरेंगे? विधानसभा और विधान परिषद में मौका गंवाने के बाद विपक्षी नेताओं का डेलिगेशन अगले हफ्ते राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिलने जा रहा है। एमवीए में शामिल दल कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार) और शिवसेना (यूबीटी) वामपंथी संगठनों के साथ मिलकर फडणवीस सरकार के खिलाफ पूरे महाराष्ट्र में अभियान शुरू करने की योजना बना रहे हैं हालांकि उन्हें कितना समर्थन मिलेगा यह देखने वाली बात होगी?
विपक्ष ने इस संबंध में सरकार की ओर से बनाई गई समिति को 12 हजार सुझाव भेजे थे लेकिन इसमें से सिर्फ तीन को ही स्वीकार किया गया। कांग्रेस के सीनियर नेता और महाराष्ट्र के एक पूर्व मंत्री ने खुलकर स्वीकार किया और कहा, एमवीए के भीतर कोई एकता नहीं है, हर पार्टी वही कर रही है जो उसे ठीक लगता है, अगर हमने विधानसभा में सामूहिक रूप से अपनी सहमति दर्ज कराई होती तो हमें ऐसे कानून के खिलाफ सरकार की मंशा पर सवाल उठाने का मौका मिलता।
शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा, हम नक्सलवाद और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में सरकार के साथ हैं लेकिन अगर सरकार कानून के जरिए विरोधियों को परेशान करेगी तो इसे स्वीकार नहीं किया जाएगा। विपक्ष का कहना है कि इस कानून के लागू होने पर सरकार अपने राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ सत्ता का दुरुपयोग कर सकती है और महाराष्ट्र के अंदर एक ऐसा राजनीतिक माहौल बन सकता है जिसमें सरकार पर सवाल उठाने वाले किसी भी शख्स को अर्बन नक्सल करार दिया जा सकता है और उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। महाराष्ट्र में इससे पहले भी मीसा और टाडा कानून के दुरुपयोग को लेकर आवाज उठ चुकी है। उद्धव ठाकरे का कहना है कि सरकार इस कानून का दुरुपयोग अपने विरोधियों के खिलाफ करेगी हालांकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि यह विधेयक वामपंथी उग्र संगठनों से निपटने के लिए है और इसका मकसद राजनीतिक विरोधियों को निशाना बनाना नहीं है।
#महाराष्ट्रराजनीति्, #एमवीएगठबंधन, #शिवसेना, #एनसीपी, #कांग्रेस, #राजनीतिकविवाद, #महा विकास अघाड़ी, #राजनीतिकटकराव