यूपी में 3363 किलोमीटर नदियों का हुआ कायाकल्प
दोबारा जीवनदायिनी बनी यूपी की 50 छोटी नदियां
लखनऊ, 17 जुलाई (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की जल संरक्षण व पर्यावरण संरक्षण की योजनाएं अब जमीन पर असर दिखा रही हैं। नमामि गंगे कार्यक्रम और मनरेगा के तहत किए जा रहे प्रयासों से राज्य की सूखी और विलुप्तप्राय नदियों में फिर से जीवन लौटने लगा है। अब तक 3363 किलोमीटर लंबाई में कुल 50 नदियों का कायाकल्प किया जा चुका है, जिससे गांवों को नई ऊर्जा और किसानों को सिंचाई का बेहतर साधन मिल रहा है।
योगी सरकार ने जल संरक्षण को लेकर विशेष पहल करते हुए 1011 गंगा ग्राम पंचायतों में छोटी नदियों व जलधाराओं का पुनरुद्धार कराया है। इन जलस्रोतों को न केवल साफ-सुथरा किया गया, बल्कि उनकी प्राकृतिक धारा को भी पुनर्जीवित किया गया। इससे इन क्षेत्रों में जल स्तर में सुधार हुआ है और आसपास के किसानों को बड़ी राहत मिली है। मनरेगा के तहत 86 अन्य कार्यों को चिह्नित कर नदियों की साफ-सफाई, गहरीकरण, तटबंध निर्माण, पौधरोपण, जलधारा पुनर्स्थापन और जलग्रहण क्षेत्र विकास जैसे कार्य किए गए। जल संरक्षण के साथ-साथ पर्यावरण को संतुलित करने के लिए 894 स्थलों पर सघन पौधरोपण किया गया। इन पौधों को नदियों के किनारों पर लगाया गया जिससे तटबंध मजबूत हों और मिट्टी का कटाव न हो। यह कदम आने वाले वर्षों में हरियाली बढ़ाने के साथ-साथ जैव विविधता को भी प्रोत्साहित करेगा।
प्रदेश में 3388 तालाबों का निर्माण और सुदृढ़ीकरण कर ग्रामीण क्षेत्रों में जल भंडारण की क्षमता को बढ़ाया गया है। ये तालाब खेती, पशुपालन और पेयजल के स्रोत बनकर गांवों के लिए संजीवनी साबित हो रहे हैं। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल रही है। नदियों के पुनरुद्धार से सिर्फ पर्यावरण ही नहीं सुधरा बल्कि कई स्थानों पर इन जलधाराओं से जुड़े सांस्कृतिक और धार्मिक स्थलों का महत्व भी बढ़ा है। लोग अब इन जलस्रोतों को लेकर जागरूक हुए हैं और स्थानीय स्तर पर भी संरक्षण के प्रयासों में सहभागिता निभा रहे हैं। योगी सरकार की यह पहल उत्तर प्रदेश को जल संकट से उबारने, ग्रामीणों को रोजगार देने और पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने की एक सशक्त व कारगर रणनीति बनकर उभरी है।