पीलीभीत में बाघ के हमले में महिला की मौत, दो जख्मी
जंगल क्षेत्र में लोगों की घुसपैठ से बौखलाया बाघ
65 दिन में सात लोगों की जान जा चुकी है
पीलीभीत, 17 जुलाई (एजेंसियां)। वन क्षेत्र में लोगों के बढ़ते अतिक्रमण से वन्यजीवों में बौखलाहट बढ़ती जा रही है, लेकिन लोग सुधरने का नाम नहीं ले रहे। इसरी बौखलाहट में एक बाघ ने पीलीभीत के न्यूरिया थाना क्षेत्र में बृहस्पतिवार सुबह ताबड़तोड़ कई हमले किए। इसमें एक महिला की मौत हो गई। उसका शव खेत से बरामद हुआ। बाघ के हमले से एक किशोर और एक अन्य महिला घायल हुई है। स्थानीय लोगों ने बाघ के आतंक के खिलाफ खूब आतंक मचाया और प्रशासन पर बाघ को अविलंब पकड़ने या मार डालने की मांग की। प्रशासन ने किसी तरह भीड़ को काबू में किया। बाघ के हमले से पिछले 65 दिनों में सात लोगों की जान जा चुकी है।
पीलीभीत जिले में कई दिनों से न्यूरिया इलाके में घूम रहे बाघ ने बृहस्पतिवार सुबह दो घंटे के अंतराल में पांच किलोमीटर दायरे में दो महिलाओं और एक किशोर पर हमला किया। इसमें खेत में घास काट रही गांव मंडरिया निवासी कृष्णा देवी (50) पत्नी कालीचरण को बाघ करीब 20 मीटर दूर गन्ने के खेत में खींच ले गया और मार डाला। घायल किशोर और एक अन्य महिला को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाघ के हमले की घटनाओं से आक्रोशित ग्रामीणों ने करीब दो घंटे तक हंगामा किया। महिला का शव नहीं उठने दिया। डीएम और एसपी मौके पर पहुंचे। 24 घंटे में बाघ पकड़वाने के आश्वासन पर ग्रामीण माने। इसके बाद पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पीलीभीत जिले में 65 दिन में बाघ के हमले से यह सातवीं मौत है।
बाघ ने सहजनिया गांव की रहने वाली अन्य महिला मीना (50) पर भी हमला कर दिया। वह खेत में भिंडी तोड़ने जा रही थीं। तभी गन्ने के खेत से निकले बाघ ने उन्हें दबोच लिया। आसपास मौजूद ग्रामीणों के शोर मचाने पर बाघ महिला को छोड़कर भाग गया। हमले में मीना गंभीर रूप से घायल हो गईं। उनकी पीठ और गर्दन गहरे घाव लगे हैं। घायल अवस्था में उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है। बाघ पड़ोस के अनवरगंज से होकर मंडरिया गांव की सीमा में पहुंच गया। करीब आठ बजे बाघ ने मंडरिया गांव निवासी नीलेश (17 वर्ष) पुत्र केशव पर हमला कर घायल कर दिया। नीलेश के हाथ चलाने और शोर-शराबा करने पर बाघ उसे छोड़कर आगे की ओर निकल गया। नीलेश को भी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।
सूचना पर पीलीभीत के जिलाधिकारी ज्ञानेंद्र सिंह, एसपी अभिषेक यादव, एएसपी विक्रम दहिया समेत करीब पांच थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई। ग्रामीणों ने बाघ को पकड़ने तक शव उठने से इन्कार कर दिया। मौके पर पहुंचे बरखेड़ा विधायक स्वामी प्रवक्तानंद ने ग्रामीणों की मौजूदगी में प्रशासनिक और वन विभाग के अफसरों से बात की। करीब दो घंटे तक चली जद्दोजहद के बाद बाघ को 24 घंटे में पकड़ने के आश्वासन पर ग्रामीण माने। इसके बाद शव पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया। डीएफओ भरत कुमार डीके ने बताया कि बाघ को पकड़ने के लिए बाहर से टीमें बुलाई गई हैं। संसाधन भी बढ़ाए जा रहे हैं। बाघ को पकड़ने के प्रयास शुरू कर दिए गए हैं।
पीलीभीत जनपद में बाघ का आतंक ग्रामीणों की जिंदगी में खौफ बनकर छाया हुआ है। बाघ के हमले से 65 दिन में सात लोगों की जान जा चुकी है। इसमें चार घटना पूरनपुर तहसील क्षेत्र के सेहरामऊ और हजारा क्षेत्र में हुई, जबकि तीन घटना न्यूरिया क्षेत्र में हुई है, लेकिन बाघ अब तक नहीं पकड़ा जा सका है। बाघ के हमले में मारे गए लोगों में नजीरगंज के हंसराज (14 मई), चतीपुर के रामप्रसाद (18 मई), खिरकिया बरगदिया की लौंगश्री (25 मई), शांतिनगर हजारा की रेशमा (03 जून), मेवातपुर के मुकेश कुमार (09 जून), फुलहर के दयाराम (14 जुलाई) और मंडरिया की रहने वाली कृष्णादेवी (17 जुलाई) शामिल हैं।