अलीगढ़ में धर्मांतरण का जाल: 97 महिलाएं लापता
अलीगढ़, 21 जुलाई (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में भी अवैध धर्मांतरण गिरोह के नेटवर्क का खुलासा हुआ है। गिरोह के झांसे में आईं करीब 97 महिलाओं का पता नहीं चल पा रहा है। ये महिलाएं लापता हैं। खुफिया एजेंसियां और यूपी पुलिस की विशेष टीमें जांच में जुटी हुई हैं।
इसका खुलासा पुलिस को उमर गौतम नाम के शख्स की गिरफ्तारी से हुई है। यहा का सरगना उमर गौतम ही था जिसने छांगुर बाबा की तरह पूरा नेटवर्क फैला रखा था। मार्च 2025 में 23 साल और 18 साल की दो सगी बहनें लापता हो गईं थी। पुलिस इन्हें ढूंढ़ रही थी। सोशल मीडिया पर अचानक एक बहन एक-47 के साथ नजर आई। इसके बाद पुलिस के कान खड़े हो गए। दोनों बहनों को अवैध तरीके से धर्मांतरण कराकर कोलकाता के एक मुस्लिम बहुल इलाके में रखा गया था। यहां से दोनों को विदेश भेजने की तैयारी थी। उमर गौतम की गिरफ्तारी के बाद पता चला है कि 2018 में 33 महिलाओं का धर्मांतरण कराया गया था, जिसमें 3 अलीगढ़ की थीं। लेकिन ये नेटवर्क धीरे-धीरे महिलाओं और युवतियों को अपने झांसे में लेने लगा। यही वजह है कि जनवरी से अब तक 97 महिलाएं लापता हैं जिनमें से 17 लड़कियां कम उम्र की (टीनएजर्स) हैं।
पुलिस जांच में ये बात सामने आई है कि गैंग सोशल मीडिया, मोबाइल ऐप, डार्क वेब और दूसरे तरीके से महिलाओं से संपर्क करता था। उन्हें अपने प्रेम जाल में फंसाता था और फिर धर्मांतरण के लिए दबाव डालता था। इस नेटवर्क का संचालन इतना गुपचुप तरीके से होता था कि पुलिस को इतने साल में भनक तक नहीं लगी। गैंग के तार पीएफआई, सिमी, लश्कर ए तैयबा से जुड़े होने के संकेत मिले हैं। इसकी फंडिंग अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, यूएई जैसे देशों से हो रही थी। यूपी पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण के मुताबिक इस गैंग ने सैकड़ों लोगों को धर्मांतरण करवाया। गैंग में ओड़ीशा की एसबी कृष्णा उर्फ आयशा, कोलकाता का शेखर राय उर्फ अली हसन, जयपुर का मोहम्मद अली समेत कई लोग शामिल हैं। इनलोगों को 6 अलग अलग राज्यों से गिरफ्तार किया गया है।
सीएम योगी ने अवैध धर्मांतरण के खिलाफ मिशन अस्मिता चलाने का निर्देश दिया है। इसके तहत आगरा पुलिस ने 6 टीमें गठित की हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी खासा नजर रखा जा रहा है। यह पता चला है कि अवैध धर्मांतरण करा कर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने की मुहिम चलाई जा रही है। सोशल मीडिया पर ये लोग मूर्ति पूजा और हिन्दू देवी-देवताओं का अपमान करते हैं। ये लोग उन मंदिरों का जिक्र भी करते हैं जिसे मुस्लिम आक्रांताओं ने तोड़ा था। ये लोग हिंदू धर्म के पूजा पद्धति और रीति-रिवाजों का विरोध करते हैं और आपत्तिजनक बयान देते हैं। इस मामले में पुलिस के रडार पर करीब 50 लोग हैं। इनके सोशल मीडिया, मोबाइल और दूसरे अकाउंट की पुलिस जांच कर रही है। इसमें भारत के लोगों के मन में जहर घोलने की पुष्टि हुई है।
पुलिस को गोवा की आयशा को कनाडा के सैय्यद दाऊद द्वारा फंडिंग के सबूत मिले। पुलिस को कई वीडियो मिले हैं जिसमें देश विरोधी बातें कही गई हैं। यहां तक की पीएम मोदी के मंदिर जाने के वीडियो के साथ तुरंत ताजमहल दिखता है और पीछे से आवाज आती है कि ये तारीख है इस्लाम से रिश्ते जोड़ने होंगे। बहुत बन चुके सोमनाथ अब तोड़ने होंगे।
पुलिस ने बताया कि गिरोह का नेटवर्क न सिर्फ अलीगढ़ बल्कि प्रदेश के कई हिस्सों में फैला हुआ था, और इसके तार विदेशों से भी जुड़े होने की आशंका है। इस गिरोह का काम करने का तरीका बेहद सुनियोजित था। अलग-अलग मॉड्यूल बनाए गए थे: एक ग्रुप फंडिंग जुटाता, दूसरा लोगों को कट्टरपंथ की ओर धकेलता, और तीसरा उन्हें छिपाने की व्यवस्था करता। गिरोह में शामिल लोग फंडिंग, सुरक्षित ठिकाने, कानूनी सलाह और नई सिम कार्ड जैसी सुविधाएं मुहैया कराते थे। खासकर गरीब और कमजोर तबके की महिलाओं को निशाना बनाया जाता था। कुछ मामलों में महिलाओं को डराने-धमकाने और शारीरिक शोषण का भी सहारा लिया गया।
उत्तर प्रदेश पुलिस ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए छह राज्यों राजस्थान, पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, गोवा, उत्तराखंड और दिल्ली से 10 लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से कुछ लोग फंडिंग का इंतजाम करते थे, तो कुछ ब्रेनवॉश करने में माहिर थे। यूपी पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) और एंटी-टेरर स्क्वॉड (एटीएस) इस जांच में शामिल हैं। खुफिया एजेंसियां भी इस नेटवर्क के विदेशी कनेक्शन, खासकर अमेरिका और कनाडा से आने वाली फंडिंग की जांच कर रही हैं।
इस नेटवर्क में छांगुर बाबा उर्फ जलालुद्दीन का नाम भी सामने आया है, जिसे पहले ही एटीएस ने गिरफ्तार किया था। छांगुर ने लखनऊ में भी धर्मांतरण का एक अड्डा बना रखा था। उसकी सहयोगी नीतू उर्फ नसरीन के साथ पूछताछ में कई अहम खुलासे हुए। यह गिरोह 15 साल से ज्यादा समय से सक्रिय था और हनी-ट्रैपिंग, प्रशासनिक दबाव और नाबालिगों को निशाना बनाने जैसे हथकंडे अपनाता था। लापता 97 महिलाओं के परिवार सदमे में हैं। कुछ महिलाओं ने धर्मांतरण के बाद धमकियां मिलने की शिकायत की है। यह मामला न सिर्फ कानूनी बल्कि सामाजिक और मानवीय दृष्टिकोण से भी गंभीर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे राष्ट्र-विरोधी गतिविधि करार देते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
पुलिस और खुफिया एजेंसियां इस नेटवर्क को पूरी तरह तोड़ने के लिए दिन-रात काम कर रही हैं। विदेशी फंडिंग और संभावित आतंकी कनेक्शन की जांच तेज कर दी गई है। समाज में जागरूकता और सख्त कानूनी कदमों से ही इस तरह के नेटवर्क को रोका जा सकता है।
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