मुफ्त बिजली योजना पर काम करो, अन्यथा वेतन बंद

 सरकारी कर्मचारियों के लिए जारी हुआ तुगलकी आदेश

मुफ्त बिजली योजना पर काम करो, अन्यथा वेतन बंद

जम्‍मू24 जुलाई (ब्यूरो)। जम्‍मू कश्‍मीर में सरकारी कर्मचारियों के लिए तुगलकी आदेश जारी कर कहा गया है कि सरकारी कर्मचारी प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना पर काम करें अन्यथा उनका वेतन रोक दिया जाएगा। हालांकि पहले से ही प्रदेश में बिजली बिल की रसीदें जमा करवाने पर ही वेतन मिलता है।

जम्मू विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (जेपीडीसीएल) ने एक सर्कुलर जारी कर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को 24 जुलाई सुबह 11:30 बजे तक प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना केंद्र सरकार की रूफटॉप सोलर योजना के पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य कर दिया हैअन्यथा जुलाई 2025 महीने का वेतन रोक दिया जाएगा। कार्यकारी अभियंताविद्युत प्रभाग-3 (जेपीडीसीएल)जम्मू द्वारा जारी और अत्यंत आवश्यक चिह्नित इस निर्देश में कहा गया है कि यह निर्देश सीधे निगम के योग्य प्रबंध निदेशक से आया है। सर्कुलर में स्पष्ट रूप से चेतावनी दी गई है कि अनुपालन न करने पर जुलाई 2025 महीने का वेतन रोक दिया जाएगा। यह सर्कुलर प्रभाग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को संबोधित है जिसकी प्रतियां जेपीडीसीएल जम्मू के छह उपखंडों के सहायक कार्यकारी अभियंताओं को भेजी गई थीं।

इस कदम से कर्मचारियों में व्यापक चिंता पैदा हो गई हैजिनमें से कई लोग एक ऐसी सरकारी योजना में भाग लेने के लिए मजबूर महसूस कर रहे हैं जो आम जनता के लिए स्वैच्छिक है। कई कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि उनके वेतन के संवैधानिक अधिकार को एक गैर-वैधानिक योजना पंजीकरण से जोड़ा जा रहा हैजिसका उद्देश्य इस मामले में वास्तविक नीतिगत परिणाम प्राप्त करने की तुलना में योजना संख्या को बढ़ाना ज़्यादा प्रतीत होता है। कानूनी विशेषज्ञों ने भी चिंता जताई है। सेवा नियमों से परिचित एक पूर्व वरिष्ठ नौकरशाह ने कहासार्वजनिक क्षेत्र का कोई नियोक्ता किसी कल्याणकारी योजना में नामांकन न कराने पर मनमाने ढंग से वेतन नहीं रोक सकताखासकर ऐसी योजना जिसमें रोज़गार से जुड़ी कोई बाध्यकारी शर्त न हो। यह ज़बरदस्ती और प्रशासनिक शक्ति का दुरुपयोग हो सकता है।

भारत सरकार द्वारा 2024 में शुरू की गई पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना का उद्देश्य वित्तीय सब्सिडी और ब्याज मुक्त ऋण प्रदान करके घरों में सौर छतों की स्थापना को बढ़ावा देना है। यह कार्यक्रम काफी हद तक स्वैच्छिक हैऔर पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले इच्छुक नागरिकों के लिए है। हालांकि जेपीडीसीएल राष्ट्रीय लक्ष्यों के तहत आवासीय और सरकारी भवनों की छतों पर सौर ऊर्जा अपनाने को प्रोत्साहित कर रहा हैविशेषज्ञों का कहना है कि कर्मचारियों पर आर्थिक दंड की धमकी देना नैतिक और प्रशासनिक मानदंडों का उल्लंघन हो सकता है। निर्देश के स्पष्ट निहितार्थों के बावजूदप्रबंध निदेशक सहित जेपीडीसीएल के वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बारे में कोई स्पष्टीकरण जारी नहीं किया है कि यह आदेश एक आधिकारिक नीति है या स्थानीय प्रभाग कार्यालय द्वारा एकतरफा कदम है।

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जम्मू और कश्मीर के विद्युत विकास विभाग (पीडीडी) ने भी इस बारे में स्पष्टीकरण के अनुरोधों का जवाब नहीं दिया है कि क्या इस तरह के बलपूर्वक प्रवर्तन को व्यापक स्तर पर प्रोत्साहित किया जा रहा है। कर्मचारी संघ कथित तौर पर इस मामले को मुख्य सचिव और उपराज्यपाल कार्यालय के समक्ष उठाने पर विचार कर रहे हैंउनका तर्क है कि नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के अनुपालन को जागरूकता और प्रोत्साहन के माध्यम से प्रोत्साहित किया जाना चाहिएन कि धमकियों और दंड के माध्यम से।

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बिजली की मांग बढ़ी पर उत्‍पादन नहीं

जम्‍मू24 जुलाई (ब्यूरो)। लगभग पांच वर्षों सेजम्मू और कश्मीर अपनी बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने के लिए आयातित बिजली पर निर्भर रहा है। जम्मू कश्मीर आंतरिक बिजली उत्पादन में वृद्धि नहीं कर पाया है। पिछले 4-5 वर्षों से जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में आंतरिक उत्पादन में भी वृद्धि नहीं हुई हैइसलिए बढ़ी हुई मांग को अंतरराज्यीय नेटवर्क से अधिक बिजली आयात करके पूरा करना पड़ा है।

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