गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा विधानसभा में दिया गया बयान निंदनीय: शिवकुमार
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने कहा कि गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं और कर्नाटक सरकार महादयी नदी पर कलसा बंदूरी बांध का निर्माण कार्य शुरू करेगी|
यहां विधान सौधा के निकट पत्रकारों से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि राज्य के २८ लोकसभा सदस्यों और १२ राज्यसभा सदस्यों का चुप रहना गलत है और उन्होंने मांग की कि वे महादयी मुद्दे पर संसद में अपनी आवाज उठाएँ| गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत द्वारा विधानसभा में दिया गया बयान निंदनीय है|
उन्होंने अपना मानसिक संतुलन खो दिया है| उन्होंने यह कहते हुए अपना गुस्सा जाहिर किया कि उन्हें संघीय व्यवस्था की जानकारी नहीं है| महादयी नदी के पानी का वितरण न्यायाधिकरण में पहले ही हो चुका है और फैसला भी आ चुका है| तदनुसार, कलसा बंदूरी नाला बांध के निर्माण के लिए निविदाएँ आमंत्रित की गई हैं|
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने केंद्र सरकार द्वारा अनुमति दिए जाने पर खुशी जताई थी| केवल वन विभाग की अनुमति बाकी थी| उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी को भी कहीं भी काम न करने के लिए नहीं कहा था| गोवा सरकार द्वारा कर्नाटक को दिया गया नोटिस अवैध है| एक राज्य को दूसरे राज्य को नोटिस देने का अधिकार नहीं है| हालाँकि, गोवा सरकार ने अहंकार दिखाया है| इस पर सवाल उठाते हुए, हम सर्वोच्च न्यायालय में दायर याचिका वापस लेंगे|
हम कलसा बंदूरी नाला बाँध का निर्माण कार्य शुरू करेंगे| यह देश के सांसदों के स्वाभिमान का सवाल है| अब तक चुप रहना गलत है| हमें देश के लिए एकजुट होकर लड़ना चाहिए| उन्होंने कहा कि हम एक सांसद की सीट के लिए कर्नाटक को नहीं बेच सकते| मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव से मिलने का समय माँगूँगा| उन्होंने कहा कि अगर समय मिला तो वह राज्य के सभी सांसदों को साथ लेकर दबाव बनाने की कोशिश करेंगे| उन्हें विश्वास है कि सभी सांसद उनके साथ आएँगे|
केंद्रीय मंत्री संतुलित हैं| मैं भूपेंद्र यादव से पाँच-छह बार मिल चुका हूँ| वह राजनीति नहीं करते| उन्होंने कहा है कि विकास कार्य होने चाहिए| उन्हें समस्या का एहसास है| केंद्र सरकार के वन और जल संसाधन विभाग, दोनों के लिए जिम्मेदार मंत्री राजनीति नहीं कर रहे हैं|
गोवा के राजनेता राजनीति कर रहे हैं| हम काम शुरू करेंगे| देखते हैं वे इसे कैसे रोकते हैं| हम अपनी जमीन पर काम करेंगे| उन्हें इसे रोकने का कोई अधिकार नहीं है|