नौकरी देने के एवज में करवा रहा था धर्मांतरण
सिद्धार्थनगर के अल फारूक कॉलेज का मैनेजर शब्बीर अहमद गिरफ्तार
सरगना छांगुर से निकला कनेक्शन
सिद्धार्थनगर, 27 जुलाई (एजेंसियां)। सिद्धार्थनगर के इटवा थाना क्षेत्र में स्थित अल फारुक इंटर कॉलेज से धर्मांतरण गिरोह ऑपरेट कर रहा था। यहां नौकरी दिलाने के एवज में लोगों का धर्मांतरण किया जा रहा था। यूपी पुलिस ने आरोपी मैनेजर शब्बीर अहमद को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। आरोपी के तार धर्मांतरण गिरोह के सरगना छांगुर उर्फ जलालुद्दीन से भी जुड़े पाए गए हैं।
शिकायतकर्ता अखंड प्रताप सिंह ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2020-21 के सत्र में उन्हें अल फारूक इंटर कॉलेज में बाबू के रिक्त पद की जानकारी मिली थी। इस पर जब वह कॉलेज गए तो मैनेजर शब्बीर अहमद ने 15 हजार रुपए महीने देने की बात करते हुए, नौकरी ज्वाइन करने को बोला। अखंड ने नौकरी ज्वाइन कर ली और अगले दिन से ड्यूटी पर जाने लगे। कुछ दिनों के बाद मैनेजर शब्बीर अहमद ने उन्हें अपने ऑफिस बुलाया और ऑफिस में बैठे चार-पांच लोगों के सामने ड्यूटी एग्रीमेंट के नाम पर 100 रुपए के ब्लैंक स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर करा लिए। इसके बाद मैनेजर शब्बीर ने हिंदू धर्म और पूजा पद्धति को लेकर विरोध करते हुए अखंड प्रताप सिंह से इस्लाम धर्म स्वीकार करने की बात कही। इंकार करने पर दबाव बनाया गया। फिर इस्लाम स्वीकार करने पर लालच देते हुए व्हाट्सऐप कॉल से विदेश में बैठे एक मौलाना से बात कराई गई।
मौलाना ने कॉल पर इस्लाम में आने की दावत देते हुए इस्लाम स्वीकार करने पर 20 लाख रुपए देने की बात कही और फिर बड़ोदरा-गुजरात जमात में मिलने के लिए कहा। इसके बाद अखंड प्रताप ने नौकरी छोड़ दी। कुछ दिन बाद से सादे स्टांप पेपर पर धर्म परिवर्तन की बात लिखने के नाम अखंड प्रताप को धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाया जाने लगा और विरोध करने पर अंजाम भुगतने की धमकी भी दी गई। अखंड प्रताप ने नजदीकी थाने में शिकायत की लेकिन पुलिस ने टाल दिया। अखंड प्रताप डर कर घर बैठ गए, लेकिन छांगुर गिरोह का पर्दाफाश होने के बाद उनका आत्मविश्वास बढ़ा और उन्होंने मुख्यमंत्री एवं पुलिस अधिकारियों से फिर शिकायत की।
शिकायतकर्ता अखंड प्रताप सिंह की लिखित शिकायत के बाद अल फारुक इंटर कॉलेज के मैनेजर मोहम्मद शब्बीर अहमद को सिद्धार्थनगर पुलिस ने छानबीन की और उसे गिरफ्तार कर लिया। इटवा पुलिस और इस मामले की जांच कर रहे चौकी इंचार्ज अनिल ओझा ने बताया कि आरोपी शब्बीर के पास से कुछ संदेहास्पद दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। आरोपी मैनेजर के छांगुर गिरोह से जुड़े होने की पुलिस जांच कर रही है।
विडंबना यह है कि धर्मांतरण गिरोह से जुड़े कॉलेज मैनेजर शब्बीर अहमद के समर्थन में भीम आर्मी के नेता सांसद चन्द्रशेखर रावण सामने आ गए हैं। उसने शब्बीर अहमद को धार्मिक शिक्षा, सामाजिक समरसता और सद्भाव का प्रतीक बताया और शिकायतकर्ता के आरोपों को निराधार और फर्जी करार दिया। दलित नेता के धर्मांतरण गिरोह से जुड़े होने की आशंका की भी जांच कराए जाने की मांग की जा रही है।
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