श्रद्धा, सुरक्षा और स्वावलंबन की धरती बनेगा चित्रकूट : सीएम योगी
गोस्वामी तुलसीदास की जन्मस्थली राजापुर पहुंचे योगी आदित्यनाथ
चित्रकूट, 01 अगस्त (ब्यूरो)। गोस्वामी तुलसीदास जी की 528वीं जयंती पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी जन्मस्थली राजापुर पहुंचे। उन्होंने तुलसी जन्मकुटीर में गोस्वामी तुलसीदास जी की विधिवत पूजा-अर्चना कर दर्शन किए और मानस मंदिर में रखी गई हस्तलिखित श्रीरामचरितमानस की प्रति का दर्शन कर आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने तुलसी रिसॉर्ट में आयोजित तुलसी साहित्य समागम में भाग लिया जहां उन्होंने पूज्य संत मुरारी बापू जी एवं जगद्गुरु श्रीरामभद्राचार्य जी महाराज से भेंट की। इस मौके पर साधु-संतों को संबोधित करते हुए उन्होंने चित्रकूट की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का गौरवपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने कहा कि चित्रकूट श्रद्धा, सुरक्षा और स्वावलंबन की धरती बनेगा।
मुख्यमंत्री योगी गनीवां स्थित कृषि विज्ञान केंद्र पहुंचे जहां उन्होंने गोस्वामी तुलसीदास जी की भव्य प्रतिमा का अनावरण किया और हरिशंकरी पौधों का रोपण कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। यहां उन्होंने कृषि विभाग द्वारा लगाए गए प्रदर्शनी स्टालों का भी अवलोकन किया। उन्होंने परमानंद आश्रम पद्धति विद्यालय में बच्चों से भेंट कर उन्हें चॉकलेट वितरित की और फोटोग्राफ भी खिंचवाए। जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट की पावन धरती पर भगवान श्रीराम ने साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए। यही धरती तुलसी, वाल्मीकि और नानाजी देशमुख जैसी महान विभूतियों का कार्यक्षेत्र रही है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा चित्रकूट में राम वनगमन मार्ग, बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे, डिफेंस कॉरिडोर और विस्तृत पर्यटन विकास योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यमुना नदी के किनारे रिवरफ्रंट का निर्माण कराया जाएगा जिससे क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि चित्रकूट में दलहन, तिलहन, मक्का आदि फसलों की पैदावार में वृद्धि हुई है और मृदा परीक्षण से लेकर कृषि बीमा तक किसानों को सशक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मंच से पाकिस्तान को चेताते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान भारत की तरफ आंख उठाकर देखेगा तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि डिफेंस कॉरिडोर से देश की सामरिक शक्ति को मजबूती मिलेगी और चित्रकूट जैसे क्षेत्रों को भी रक्षा उत्पादन का केंद्र बनाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चित्रकूट की धरती आज भयमुक्त और आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत है। उन्होंने ग्रामोदय विश्वविद्यालय, आश्रम पद्धति विद्यालय, वाल्मीकि आश्रम और कामदगिरि जैसे पावन स्थलों के सौंदर्यीकरण और विकास की योजनाओं का भी उल्लेख किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय जैसी संस्थाएं आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला हैं। चित्रकूट की महिमा को जन-जन तक पहुंचाना हम सबका कर्तव्य है। कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही, प्रभारी मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी समेत वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे। दीनदयाल शोध संस्थान के पदाधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री को गोस्वामी तुलसीदास जी की प्रतिमा भेंट की गई।
गुलामी के युग में भी तुलसीदास ने जाग्रत रखी जनचेतना
चित्रकूट, 01 अगस्त (ब्यूरो)। धार्मिक नगरी चित्रकूट में संत तुलसीदास के जयंती समारोह (तुलसी जयंती) में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 500 वर्ष पूर्व जब इस गांव की स्थिति शायद साधनों के अभाव और कठिनाइयों से ग्रस्त रही होगी, ऐसे समय में एक दिव्य आत्मा ने जन्म लिया और बाल्यावस्था में ही प्रभु श्रीराम के चरणों में स्वयं को समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि उस कालखंड में जब अकबर का साम्राज्य विस्तार पर था और दरबार में जगह पाने की होड़ थी, तब तुलसीदास जी ने रामबोला के रूप में खुद को किसी दरबारी की सेवा में नहीं बल्कि केवल प्रभु श्रीराम की भक्ति में समर्पित किया।
सीएम योगी ने कहा कि जब देश के राजे-रजवाड़े विदेशी आक्रांता की अधीनता स्वीकार कर रहे थे, उस समय तुलसीदास जैसे संत भक्ति और शक्ति के अद्भुत संगम के रूप में जनचेतना को जाग्रत कर रहे थे। उन्होंने प्रतिकार का मार्ग तलवार नहीं, रामलीला और रामचरितमानस के माध्यम से चुना। मुख्यमंत्री ने उस समय की राजनीतिक चालबाजियों की ओर भी संकेत किया। उन्होंने कहा कि अकबर ने अपने शासन का एक सॉफ्ट चेहरा प्रस्तुत किया, पर उसके पीछे की क्रूरता आज भी हमें दिखती है। संतों की परंपरा उस समय भी दृढ़तापूर्वक उसका प्रतिकार कर रही थी। मुख्यमंत्री ने इस ऐतिहासिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम में आमंत्रित किए जाने पर जगतगुरु रामभद्राचार्य जी और पूज्य मुरारी बापू के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। कार्यक्रम में रामकथा के प्रचारकों को तुलसी अवार्ड व रत्नावली अवार्ड से सम्मानित किया गया।
चित्रकूट की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत पर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह वही धरती है जहां ऋषि-मुनियों ने तप किया, जहां भगवान श्रीराम ने अपने वनवास का सबसे लंबा समय बिताया। यह वही धरती है जिसने रामायण और रामचरितमानस जैसे ग्रंथों की रचना की आधारभूमि प्रदान की। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पूज्य संतों के दर्शन के लिए हम यहां आ सके, यह हमारा सौभाग्य है। संत तुलसीदास जी की स्मृति को जीवित रखने के लिए पूज्य मुरारी बापू द्वारा किया गया प्रयास सराहनीय है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में चित्रकूट को विरासत के साथ विकास से जोड़ने का कार्य प्रारंभ हो चुका है। यह स्थान केवल एक ऐतिहासिक स्थल नहीं, बल्कि लाखों श्रद्धालुओं की आस्था और प्रेरणा का केंद्र है।
मुख्यमंत्री ने रामजन्मभूमि आंदोलन के संदर्भ में जगतगुरु रामभद्राचार्य जी महाराज के योगदान की भी चर्चा की और कहा कि जब प्रमाण मांगे गए तो उनके सामने महाराज जी ने धाराप्रवाह बोलना शुरू किया, तो वे भौचक्के रह गए। यही भगवान की सिद्धि है। उन्होंने पूज्य मुरारी बापू द्वारा आगामी रामकथा आयोजनों को प्रयागराज, अयोध्या और काशी में किए जाने की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा कि राम नाम का स्मरण कर हर कोई अपने जन्म को धन्य करेगा। मुख्यमंत्री ने अपनी मॉरीशस यात्रा का भी उल्लेख करते हुए बताया कि गुलामी के काल में जब पूर्वजों को वहां मजदूरी के लिए ले जाया गया, तब उनका एकमात्र सहारा तुलसीदास जी की रामचरितमानस थी। वे पढ़े-लिखे नहीं थे, लेकिन मानस के माध्यम से उन्होंने अपनी संस्कृति को जीवित रखा। उन्होंने कहा कि आज वहीं के मजदूरों के वंशज राष्ट्राध्यक्ष बने हैं और घरों में पूजा के केंद्र में अब भी रामचरितमानस ही है।
मुख्यमंत्री ने पूज्य संतों को विवादों से जोड़ने वाले लोगों पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर पूज्य संतों को विवादित करने की कोशिश करते हैं। जिनका जीवन विवादित है, वही ऐसा करते हैं। वे लगातार विघ्न और बाधा खड़ी करने की कोशिश करेंगे, लेकिन हमें इसकी चिंता न करते हुए सनातन धर्म और भारत की समृद्ध विरासत की रक्षा के लिए एकजुट होकर प्रयास करना होगा। कार्यक्रम के अंत में उन्होंने तुलसी अवार्ड और रत्नावली अवार्ड से सम्मानित सभी रामकथा मर्मज्ञों को बधाई दी और इसे सनातन धर्म के प्रति उनके योगदान का सम्मान बताया। इस अवसर पर जगतगुरु रामभद्राचार्य जी, कथाव्यास मुरारी बापू, जगतगुरु विष्णुस्वामी संप्रदायाचार्य स्वामी संतोषाचार्य जी महाराज (सतुआ बाबा), प्रदेश सरकार के मंत्री स्वतंत्र देव सिंह, जनपद के प्रभारी मंत्री मनोहर लाल मन्नू कोरी समेत अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।