खत्म नहीं होगा कोई पद, न बंद होंगे कोई स्कूल

 स्कूलों के विलय पर उत्तर प्रदेश सरकार ने दी सफाई

खत्म नहीं होगा कोई पद, न बंद होंगे कोई स्कूल

लखनऊ, 01 अगस्त (ब्यूरो)। यूपी में प्राथमिक स्कूलों के विलय पर चल रहे विवाद के बीच बेसिक शिक्षा विभाग ने पहली बार पत्रकार वार्ता करके इस बारे में विस्तार से सफाई पेश की है। सरकार ने यह निर्णय लिया है कि एक किलोमीटर से ज्यादा दूर और 50 से ज्यादा छात्र वाले स्कूलों का विलय नहीं होगा। इतना ही नहीं अगर इस मानक के विपरीत किसी स्कूल का विलय पूर्व में भी हुआ है तो इसे निरस्त करकेपूर्व की जगह पर ही चलाया जाएगा। यह प्रक्रिया एक सप्ताह के अंदर पूरी होगी।

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत स्कूलों का विलय छात्रहितसंसाधनों की बेहतरीशिक्षकों की पूरी उपलब्धता के लिए किया गया है। उत्तर प्रदेश ऐसा करना वाला कोई पहला राज्य नहीं है। 2014 में राजस्थान ने 20 हजारमध्य प्रदेश ने 2018 में 36 हजारउड़ीसा में 2018 में 18000, हिमांचल में दो चरणों में स्कूलों का विलय किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि विलय के दौरान मिली जानकारी और दिक्कत को देखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर कोई भी विद्यालय मर्ज नहीं किया जाएगा। शिक्षक-छात्र अनुपात हर विद्यालय में सही किया जाएगा। इसी क्रम में यह भी निर्देश दिया गया है कि 50 से कम छात्र वाले विद्यालयों का ही विलय किया जाएगा। प्रदेश में एक भी विद्यालय बंद नहीं होगासभी 132886 स्कूल चलेंगे। इन सभी का यू-डायस कोड चलता रहेगा।

मंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड आदि में नदीनालेरेलवे क्रासिंग व दूरी आदि को देखते हुए यह भी कहा गया है कि यह कोई अंतिम निर्णय नहीं है। अगर जरूरत हुई और छात्रों को दिक्क्त हुई तो संबंधित स्कूल के विलय को निरस्त कर देंगे। इतना ही नहीं आगे चलकर अगर विलय वाले विद्यालय में छात्र संख्या बढ़ती है तो पहले वाले स्कूल का फिर से संचालन कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह अफवाह फैलाई जा रही है कि शिक्षकों का पदहेड का पद समाप्त हो जाएगा।

बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह ने कहा, मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि कोई भी पद समाप्त नहीं होगा। कोई भी स्कूल बंद नहीं होगा। कोई भी शिक्षक नहीं हटेगा। जो विद्यालय खाली हो रहे हैंवहां पर बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग के साथ मिलकर बाल वाटिका चलाई जाएगी। यहां पर 3 से 4 साल, 4 से 5 साल और 5 से 6 साल वाले बच्चों की अलग-अलग पढ़ाई होगी। इनके लिए टेक्सट बुक तैयार करा दी गई हैं। वंडर बॉक्सबिग बुक आदि का भी प्रयोग करेंगे। इनके लिए 19000 ईसीसीई एजुकेटर की भर्ती चल रही है। मंत्री ने कहा कि विलय के बाद 50 छात्र संख्या वाले विद्यालय में दो शिक्षकएक शिक्षामित्र यानी कुल तीन शिक्षकों की तैनाती होगी। इतना ही नहीं प्राइमरी में 30 छात्र पर एक शिक्षकअपर प्राइमरी में 35 छात्र पर एक शिक्षक होना चाहिए। अगर विद्यालयों में शिक्षक-छात्र अनुपात सही नहीं है तो नई भर्ती भी करेंगे। उन्होंने कहा कि किसी भी स्कूल में शिक्षकअच्छे संसाधन व बेहतर व्यवस्था की कोई कमी नहीं होगी। आने वाले समय में विद्यालयों के विलय के भी बेहतर परिणाम सामने आएंगे।

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संदीप सिंह ने स्कूल विलय मामले में विपक्ष को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था स्ट्रेचर पर थी। स्कूलों में संसाधन नहीं थेशिक्षक नहीं थेभवन जर्जर थे। अभिभावक अपने बच्चों को स्कूल भेजने से डरते थे। ऐसे लोगों को वर्तमान की व्यवस्था की चिंता करने और लोगों को दिग्भ्रमित करने की जरूरत नहीं है। स्कूलों का विलय छात्रहित व प्रदेश हित में है। वर्तमान सत्र में भी परिषदीय विद्यालयों में 2753394 लाख नए बच्चों का नामांकन हुआ है।

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