मतदाता सूची पुनरीक्षण पर संसद में बहस की मांग

मतदाता सूची पुनरीक्षण पर संसद में बहस की मांग

नई दिल्ली, 03 अगस्त (एजेंसियां)। संसद का मानसून सत्र राजनीतिक टकराव का केंद्र बन गया है। सरकार अपने विधायी कार्यों को आगे बढ़ाना चाहती हैलेकिन विपक्ष बिहार के मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) पर बहस को लेकर अड़ा हुआ है।

मानसून सत्र के दौरान संसद में लगातार गतिरोध के बीच केंद्र सरकार सोमवार को लोकसभा में दो अहम विधेयकों- राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक और राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक को पारित कराने की कोशिश कर सकती है। विपक्ष की तरफ से बिहार में चल रही विशेष मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया पर चर्चा की मांग को सरकार की ओर से मंजूरी नहीं मिलने के कारण संसद में हंगामा जारी है। इस मुद्दे पर संसद की कार्यवाही बार-बार स्थगित हो रही है।

विपक्षी दलों का आरोप है कि निर्वाचन आयोग (ईसी) की यह प्रक्रिया विपक्ष समर्थक मतदाताओं के नाम सूची से हटाने और एनडीए (भाजपा गठबंधन) के पक्ष में चुनावी फायदा पहुंचाने के लिए की जा रही है। वहींनिर्वाचन आयोग का कहना है कि यह प्रक्रिया देशभर में लागू की जाएगी ताकि केवल योग्य मतदाता ही वोट डाल सकें और मतदाता सूची की विश्वसनीयता बनी रहे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे 'वोट चोरीकरार दिया है। ईसी ने शनिवार को उनके आरोपों को बेबुनियादबिना सबूत और भ्रामक बताया।

संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने कहा है कि एसआईआर चुनाव आयोग का प्रशासनिक कार्य है और संविधान के मुताबिकसंसद को ईसी की कार्यप्रणाली पर चर्चा करने का अधिकार नहीं है। उन्होंने पूर्व लोकसभा अध्यक्ष बलराम जाखड़ का हवाला देते हुए कहा कि संवैधानिक संस्थाओं की कार्यप्रणाली पर संसद में बहस नहीं हो सकती। रिजिजू ने कहाअगर संसद में चर्चा होती है तो आमतौर पर संबंधित मंत्री जवाब देते हैं। लेकिन ईसी एक स्वायत्त संवैधानिक संस्था हैउसका कोई मंत्री नहीं होता।

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इस बीचलोकसभा में राष्ट्रीय खेल संचालन विधेयक लाया गया हैजिसका उद्देश्य देश में खेल संगठनों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही लाना है। इसके अलावा राष्ट्रीय एंटी-डोपिंग (संशोधन) विधेयक भी सूचीबद्ध हैजो खेलों में डोपिंग रोकने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है। राज्यसभा में भी सोमवार को गृह मंत्री अमित शाह की ओर से मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को 13 अगस्त से अगले 6 महीनों तक बढ़ाने का प्रस्ताव चर्चा के लिए रखा गया है। 21 जुलाई से शुरू हुए मानसून सत्र में अब तक संसद की कार्यवाही लगभग ठप रही है। केवल पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दों पर ही दोनों सदनों में दो दिन तक चर्चा हो सकी। सरकार के एक वरिष्ठ सूत्र के मुताबिकअगर विपक्ष का विरोध जारी रहता है तो सरकार हंगामे के बीच ही विधेयकों को पारित कराने की दिशा में आगे बढ़ेगी।

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