बिहार में 18 लाख मृतक भी थे वोटर
विपक्ष की सड़क-छाप हरकतों के बरक्स जमीनी सच
वोटर लिस्ट में बांग्लादेशी-रोहिंग्या की भारी तादाद
नई दिल्ली, 23 जुलाई (एजेंसियां)। बिहार में मतदाता सूची के पुनरीक्षण को लेकर विपक्षी पार्टियां बौखलाई हुई हैं। विपक्षी पार्टियां बेचैन हैं, क्योंकि पुनरीक्षण के बाद मतदाता सूची से लाखों की तादाद में शामिल बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों के नाम हट जाएंगे। पुनरीक्षण की प्रक्रिया में 18 लाख ऐसे वोटरों का भी पता चला है जो मृतक हैं। लेकिन वे वोटर बने हुए थे और उनके नाम पर वोट डाले जा रहे थे।
बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण के दौरान ऐसे कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। आयोग के मुताबिक 18 लाख मृत मतदाताओं के नाम पाए गए हैं। वहीं 26 लाख लोग ऐसे हैं जो दूसरे विधानसभा क्षेत्रों में जा चुके हैं। सात लाख लोगों ने दो अलग-अलग जगहों पर वोटिंग आईडी कार्ड बनवा रखे हैं। बिहार में चल रही विशेष गहन पुनरीक्षण ( एसआई) प्रक्रिया के तहत अब तक 97.30 प्रतिशत मतदाताओं ने अपना विवरण जमा कर दिया है। चुनाव आयोग के मुताबिक, सिर्फ 2.70 प्रतिशत मतदाता ही ऐसे हैं जिन्होंने अभी तक नाम जोड़ने या सुधार के लिए फॉर्म नहीं भरा है। चुनाव आयोग ने यह भी बताया कि यह ड्राफ्ट मतदाता सूची 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित की जाएगी।
21 जुलाई 2025 तक की रिपोर्ट के अनुसार, चुनाव कर्मियों ने घर-घर जाकर मतदाताओं की जांच की। इस दौरान पता चला कि, राज्य के 52.30 लाख मतदाता अपने पते पर मौजूद नहीं मिले। वहीं, 18.5 लाख मतदाता ऐसे पाए गए जिनकी मृत्यु हो चुकी है। जबकि 26 लाख लोगों ने अपना पता स्थायी रूप से बदल लिया है। लगभग 7.5 लाख मतदाता भी किसी न किसी वजह से अपने पते पर नहीं पाए गए। इस विशेष पुनरीक्षण का मकसद है कि मतदाता सूची को साफ और सही बनाया जाए ताकि कोई फर्जी नाम या दोहराव न हो। साथ ही जिन लोगों की मृत्यु हो गई है या जो कहीं और चले गए हैं, उनके नाम सूची से हटाए जा सकें।
चुनाव आयोग यह सुनिश्चित करने के लिए युद्धस्तर पर काम कर रहा है कि सभी पात्र मतदाताओं को ड्राफ्ट सूची में शामिल किया जाए। आयोग उन मतदाताओं का पता लगा रहा है जिन्होंने अभी तक अपने गणना फॉर्म जमा नहीं किए हैं या जो अपने पते पर नहीं पाए गए हैं। इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ) और बीएलओ ने सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठकें की हैं। चुनाव आयोग ने लोगों से अपील की है कि जो मतदाता अब तक फॉर्म नहीं भर पाए हैं, वे जल्द से जल्द निर्वाचन कार्यालय या बीएलओ से सम्पर्क करें। बिहार में मतदाता सूची को अपडेट करने का काम लगभग पूरा हो चुका है। यह प्रक्रिया राज्य में साफ-सुथरे और निष्पक्ष चुनाव के लिए एक अहम कदम मानी जा रही है।
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