बिहार में हटाए गए 65 लाख मतदाताओं के नाम
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से मांगी जानकारी
नई दिल्ली, 06 अगस्त (एजेंसियां)। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण (एसआईआर) प्रक्रिया में चुनाव आयोग ने 65 लाख मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटा दिए हैं। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार तक आयोग ने विस्तृत जानकारी तलब की है। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को चुनाव आयोग (ईसी) को निर्देश दिया कि वह बिहार के ड्राफ्ट वोटर लिस्ट से हटाए गए करीब 65 लाख मतदाताओं की पूरी जानकारी 9 अगस्त तक पेश करे। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह जानकारी उन राजनीतिक दलों के साथ-साथ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) नाम की एनजीओ को भी दी जाए, जिसने इस मुद्दे पर याचिका दाखिल की है।
चुनाव आयोग ने बिहार में 24 जून को विशेष सघन पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) शुरू किया था। इसके तहत 1 अगस्त को ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी की गई, जिसमें 7.24 करोड़ मतदाता दिखाए गए। लेकिन इसमें से 65 लाख से अधिक वोटरों के नाम हटा दिए गए। चुनाव आयोग का कहना है कि ये लोग या तो मर चुके हैं, दूसरी जगह स्थायी रूप से चले गए हैं, या दो जगहों पर नाम था। जस्टिस सूर्यकांत, उज्जल भुइयां और एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने चुनाव आयोग से कहा, हमें हर उस वोटर की जानकारी चाहिए जिसका नाम हटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को कहा कि वह 9 अगस्त तक जवाब दाखिल करे, ताकि 12-13 अगस्त को इस मामले पर पूरी सुनवाई हो सके।
सुप्रीम कोर्ट में चुनाव आयोग ने हलफनामा देकर कहा, हम वोटर लिस्ट को साफ करने का काम कर रहे हैं। हमारा मकसद है कि अपात्र लोग हटें और केवल सही लोग वोटर लिस्ट में रहें। इसमें मौत की वजह से करीब 22.34 लाख मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं। वहीं स्थायी रूप से दूसरी जगह चले गए करीब 36.28 लाख मतदाताओं के नाम भी मतदाता सूची से हटाए घए हैं। वहीं जिन मतदाताओं के नाम दो जगहों पर थे उनकी संख्या करीब 7.01 लाख है।
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