राहुल गांधी को मूर्खों की तरह अपनी लिखी बातें पढ़कर मजाक नहीं उड़ाना चाहिए: विजयेन्द्र
-चुनाव आयोग पहले ही स्पष्टीकरण दे चुका है
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने शुक्रवार को कहा कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कर्नाटक में कुछ कांग्रेस नेताओं द्वारा दिए गए दस्तावेजों को एक दस्तावेज माना है| लेकिन इसमें कोई दम नहीं है| पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि राहुल गांधी ऐसे बात कर रहे हैं जैसे उन्होंने कोई चीज काटकर ढेर लगा दी हो| चुनाव आयोग पहले ही स्पष्टीकरण दे चुका है|
उन्होंने सवाल किया कि उन्होंने उनके द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब क्यों नहीं दिया| राहुल गांधी एक विपक्षी नेता हैं| उनकी अपनी जिम्मेदारी है| उन्हें मूर्खों की तरह अपनी लिखी बातें पढ़कर मजाक नहीं उड़ाना चाहिए| अगर मतदान में कोई गड़बड़ी हुई है, तो आयोग या अदालत में अब तक यह सवाल क्यों नहीं उठाया गया? राहुल गांधी ने दिल्ली में कहा था कि कर्नाटक में भी कई चुनावों में मतदाता सूची में अनियमितताएँ हुई हैं| फर्जी मतदाताओं को शामिल किया गया है| राहुल गांधी के बयान के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं द्वारा प्रधानमंत्री से इस्तीफा माँगा जा रहा है|
उन्होंने आरोप लगाया कि महादेवपुर विधानसभा क्षेत्र में अनियमितताएँ हुई हैं| अरविंद लिंबावली इस बारे में बोलते हैं| चुनाव आयोग फर्जी मतदाताओं के मुद्दे को ध्यान में रखते हुए एक एसआईआर कर रहा है| उन्होंने बिहार में मतदाता सूची को सही करने के लिए कहा है| फिर आपने चुनाव आयोग से अपील क्यों की? जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब ममता बनर्जी कहती थीं कि अवैध मतदाता हैं और एक सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए| उस समय सोमनाथ चटर्जी लोकसभा अध्यक्ष थे|
उन्होंने उल्लेख किया है कि ममता बनर्जी ने उनके चेहरे पर कागज फेंका था, और यह कांग्रेस को नहीं भूलना चाहिए| किसी भी सर्वेक्षण में यह नहीं कहा गया था कि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में १६ सीटें जीतेगी| उन्होंने कहा कि शाम ५ बजे के बाद मतदान संख्या बढ़ गई| यह एक मूर्खतापूर्ण बयान है| हर जगह लोग शाम को ज्यादा मतदान करने आते हैं| उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि राहुल गांधी हार की हताशा में ऐसा बोल रहे हैं| यह हार की हताशा में मतदाताओं का अपमान है| वह मतदान समाप्त होने और नतीजे आने के बाद आरोप लगा सकते थे| उन्होंने आलोचना करते हुए कहा कि वह ऐसे बात कर रहे हैं जैसे उन्हें कुछ मिल गया हो|
जिस निर्वाचन क्षेत्र में अल्पसंख्यकों की बहुलता है, वहाँ कितने फर्जी मतदाता हैं? इसकी भी जाँच होनी चाहिए| उनमें लोकसभा में इसका सामना करने की ताकत नहीं है| उन्होंने यह कहते हुए आवाज उठाई है कि उनमें लोकसभा में बहस करने का साहस नहीं है| चिक्कबल्लापुर के सांसद डॉ. के. सुधाकर के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर प्रतिक्रिया देते हुए, विजयेंद्र ने कहा कि ऐसी जानकारी है कि चिक्कबल्लापुर में महिला ने सुधाकर का नाम नहीं लिया| सुधाकर में इसका सामना करने की ताकत है| उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें राजनीतिक रूप से खत्म करने की साजिश रची गई है| धर्मस्थल दंगों और एसडीपीआई के दौरे के बारे में बोलते हुए, उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि सच्चाई सामने आनी चाहिए|
उन्होंने कहा कि अगर हिंदू धार्मिक केंद्रों को इस तरह बदनाम किया जाएगा, तो हम चुपचाप बैठकर नहीं देख पाएँगे| मीडिया पर हमले ठीक नहीं हैं| आइए १३ नहीं, २० बिंदु खोजें| राज्य सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि निष्पक्ष जाँच हो| लेकिन अगर हिंदुत्व और धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई गई तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे|
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