अब्दुल रहमान ने उगले राज, कई चेहरे होंगे बेनकाब
हिंदू युवतियों के धर्मांतरण से लेकर विदेशी फंडिंग तक
आगरा, 06 अगस्त (ब्यूरो)। अवैध धर्मांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान की रिमांड खत्म हो गई। पूछताछ के बाद उसे सीजेएम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से जेल भेज दिया गया। रिमांड में अब्दुल ने कई राज खोले। इससे कई सफेदपोश चेहरे बेनकाब होंगे। पुलिस का कहना है कि आरोपी से पूछताछ में कई और नामों का पता चला है जो गिरोह के लिए काम कर रहे थे। वे सफेदपोश फंडिंग से लेकर युवतियों को धर्मांतरण के लिए तैयार करने में मदद कर रहे थे। जल्द ही और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं। पुलिस गिरोह के पाकिस्तान, नेपाल और म्यांमार से कनेक्शन की भी पड़ताल कर रही है। गिरोह के 13 आरोपियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।
18 जुलाई को पुलिस ने सदर क्षेत्र की रहने वाली दो सगी बहनों को कोलकाता के तपसिया इलाके से बरामद किया था। साथ ही देश के अलग-अलग राज्यों से 10 आरोपियों को भी दबोचा था। आरोपियों से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर गिरोह के दिल्ली निवासी मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्र पाल सिंह को 21 जुलाई को गिरफ्तार किया था। तब से वह पुलिस की रिमांड पर ही था। उससे पूछताछ के बाद उसके दो बेटों समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेजा। उससे गिरोह के बारे में जानकारी जुटाई गई।
उसके मोबाइल में व्हाट्सएप चैट और कॉल डिटेल भी खंगाली गई, जिसमें पाकिस्तान के छह नंबरों का भी पता चला। पुलिस ने अब्दुल रहमान के अलावा 13 अन्य आरोपियों से भी पूछताछ की। इसमें गिरोह से जुड़े 20 से अधिक और भी नाम सामने आए हैं। यह लोग फंडिंग से लेकर धर्मांतरण के लिए युवतियों को तैयार करते थे। यह सभी अलग-अलग राज्य के रहने वाले हैं। इनके बारे में पुलिस जानकारी जुटा रही है। पुलिस के मुताबिक, अब्दुल रहमान मूलरूप से फिरोजाबाद का रहने वाला है। उसने 35 साल पहले धर्म परिवर्तन किया था। उसका नाम महेंद्र पाल था। मजदूरी करता था। बाद में वो दिल्ली में जाकर बस गया। वह जेल में सजा काट रहे कलीम सिद्दीकी के लिए काम करने लगा। उसका नेटवर्क चला रहा था। उसकी गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने उसके घर से बड़ी संख्या में पुस्तकें बरामद की थीं। इन पुस्तकों को धर्मांतरण के लिए युवक और युवतियों को दिया जाता था। इसमें कलीम सिद्दीकी और अब्दुल रहमान का नाम लिखा था।
आरोपी की कॉल डिटेल व व्हाट्सएप चैट से पाकिस्तान के अलावा नेपाल, म्यांमार तक जाने की जानकारी भी सामने आई है। पुलिस कमिश्नर दीपक कुमार ने कहा कि अब्दुल रहमान बड़े स्तर पर सामूहिक धर्मांतरण की योजना बना रहा था। यह सभी आरोपी के खिलाफ कोर्ट में सजा दिलाने के लिए मजबूत साक्ष्य बनेंगे। फिरोजाबाद के रजावली के गांव रामगढ़ निवासी अब्दुल रहमान उर्फ महेंद्रपाल अपने पिता प्रेमपाल सिंह, भाई भूरा और देवेंद्र खेती किया करता था। पिता के नाम करीब 60 बीघा से अधिक खेती थी। लेकिन कुछ गलत आदतों के चलते खेत बेच दिया गया था। ग्रामीणों के अनुसार, अब्दुल उर्फ महेंद्र और उसके भाई भूरा ने मुस्लिम लड़कियों से शादी की थी। महेंद्र के भाई भूरा की जमीन के विवाद की रंजिश में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद पूरा परिवार मकान बेचकर गांव छोड़कर चला गया था। उसका ब्रेनवॉश कर दिल्ली में धर्मांतरण कराया गया। अब्दुल रहमान के घर से काफी मात्रा में धार्मिक सामग्री बरामद हुई है। इसमें ब्रेनवॉश करने वली किताबें भी शामिल हैं। जांच के दौरान पता चला है कि अब्दुल रहमान ने 1990 में हिंदू धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म को अपनाया था। वह मूलरूप से फिरोजाबाद का रहने वाला है। इसने मुस्तफाबाद इलाके में अपना एक दफ्तर बनाया हुआ था।
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