कोर्ट ने मंत्री जॉर्ज के खिलाफ एफआईआर पर रोक लगाई
स्मार्ट मीटर टेंडर घोटाला
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| उच्च न्यायालय ने ऊर्जा मंत्री के.जे. जॉर्ज, जो बेंगलूरु विद्युत आपूर्ति कंपनी (बेस्कॉम) के अध्यक्ष भी हैं, के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर रोक लगा दी है| उन पर आरोप है कि राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने का टेंडर पूरी तरह से अवैध था| मंत्री जॉर्ज के वकीलों सी.वी. नागेश और विक्रम वीलुगोला ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने की मांग की थी|
उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति एम.आई. अरुण की एकल पीठ ने याचिका पर सुनवाई करते हुए प्राथमिकी पर रोक लगाने का आदेश दिया था| हम मामले के गुण-दोष पर बहस नहीं कर रहे हैं| लोकायुक्त एसपी ने न्यायाधीशों के ध्यान में लाया कि विशेष अदालत ने अगली सुनवाई में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है| सीआरपीसी की धारा १७५ के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है| इसलिए, प्राथमिकी रद्द की जानी चाहिए| दलीलें सुनने के बाद, अदालत ने स्थगन आदेश जारी किया और आगे की सुनवाई दो दिनों के लिए स्थगित कर दी|
तमिलनाडु में एक राजनीतिक दल द्वारा दूसरे के विरुद्ध मुकदमा दायर करने की संस्कृति प्रचलित थी| लेकिन न्यायाधीश ने अप्रत्यक्ष रूप से दोनों पक्षों पर यह कहकर निशाना साधा कि यह संस्कृति कर्नाटक में भी शुरू हो गई है| विधायकों और सांसदों के विरुद्ध आपराधिक मामलों की विशेष अदालत के न्यायाधीश संतोष गजानन भट, जो आरोपों से संबंधित एक निजी शिकायत पर सुनवाई कर रहे हैं, ने यह आदेश दिया था| न्यायाधीश ने लोकायुक्त पुलिस को आरोपियों के विरुद्ध शिकायत पर स्थिति रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत करने का निर्देश देते हुए सुनवाई ११ अगस्त तक के लिए स्थगित कर दी|
शिकायत में मंत्री के.जे. जॉर्ज, ऊर्जा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव गौरव गुप्ता, बेस्कॉम के पूर्व प्रबंध निदेशक महंतेश बिलगी और बेस्कॉम के तकनीकी निदेशक एच.जे. रमेश को आरोपी बनाया गया है| भाजपा विधायक डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण, विधायक एस.आर. विश्वनाथ और धीरज मुनिराजू ने यह निजी शिकायत दर्ज कराई थी| पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. सी.एन. अश्वथ नारायण और अन्य भाजपा नेताओं ने जनप्रतिनिधियों की विशेष अदालत में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया था कि ऊर्जा विभाग में स्मार्ट मीटर के ठेके देने में करोड़ों रुपये अवैध रूप से खर्च किए गए हैं|
अदालत ने याचिका स्वीकार करते हुए लोकायुक्त पुलिस को मंत्री जॉर्ज और अन्य के खिलाफ एक निजी शिकायत दर्ज करने और जांच करने का आदेश दिया| ऊर्जा विभाग ने राज्य में स्मार्ट मीटर लगाने के लिए दावणगेरे जिले में राजश्री इलेक्ट्रिकल्स शेल कंपनी को अवैध रूप से एक ठेका दिया था| भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया था कि इस ठेके के आवंटन में मंत्री को करोड़ों रुपये की रिश्वत मिली थी|