कर्नाटक कैबिनेट आज नागमोहन दास रिपोर्ट को दे सकती है मंजूरी
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राज्य मंत्रिमंडल, जिसकी गुरुवार को बैठक होने की उम्मीद है, एच.एन. नागमोहन दास की अध्यक्षता वाले आयोग की सिफारिशों को मंजूरी दे सकता है, जिसने सोमवार को कर्नाटक में १०१ अनुसूचित जातियों के लिए आंतरिक आरक्षण पर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी थी| लीक हुए आंकड़ों के अनुसार, रिपोर्ट में लम्बानी, कोरमा, कोराचा और भोवी (स्पृश्य समुदाय) के लिए ४ प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की गई है, जबकि पिछली भाजपा सरकार के दौरान ४.५ प्रतिशत आरक्षण की सिफारिश की गई थी|
इसमें दलित वामपंथी को ६ प्रतिशत, दलित दक्षिणपंथी को ५ प्रतिशत, सूक्ष्म समुदायों के रूप में वर्गीकृत ४० से अधिक खानाबदोश जनजातियों को १ प्रतिशत और आदि कर्नाटक (एके), आदि द्रविड़ (एडी) और आदि आंध्र (एए) समुदायों को १ प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया है| विधानसभा उपाध्यक्ष रुद्रप्पा लमानी और पूर्व एमएलसी प्रकाश राठौड़ सहित लंबानी समुदाय के नेताओं ने कहा कि समुदाय आयोग द्वारा सुझाए गए ४ प्रतिशत कोटे से निराश है और ५ प्रतिशत कोटे की मांग कर रहा है, क्योंकि ८० प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे और प्रवासी जीवन जी रहे हैं| उन्होंने दावा किया कि समुदाय के आँकड़े एकत्र करने के लिए अपनाई गई पद्धति में कई खामियाँ हैं| राठौड़ ने आँकड़ों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाया और दावा किया कि लंबानी समुदाय राज्य की अनुसूचित जाति की आबादी का ४.६८ प्रतिशत है| इस बीच, आंतरिक आरक्षण की मांग कर रहे दलित वामपंथी समूहों ने कहा है कि सरकार को रिपोर्ट की सिफारिशों को जल्द से जल्द लागू करना चाहिए|