रॉबर्ट वाड्रा को घूस में मिली थी 3.5 एकड़ जमीन

तीन सम्पत्तियों का जिक्र प्रियंका के हलफनामे में नहीं

 रॉबर्ट वाड्रा को घूस में मिली थी 3.5 एकड़ जमीन

नई दिल्ली, 09 अगस्त (एजेंसियां)। कांग्रेस महासचिव और वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा के पति एवं कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बहनोई रॉबर्ट वाड्रा को गुरुग्राम में 3.5 एकड़ जमीन रिश्वत में मिली थी। बाद में यह जमीन रॉबर्ट वाड्रा ने 58 करोड़ रुपए में रियल एस्टेट कंपनी डीएलएफ को बेच दी। प्रवर्तन निदेशालय (ईडीने कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में यह खुलासा किया है।

यह जमीन गुरुग्राम के सेक्टर 83 में है। वाड्रा ने जमीन के बदले 7.5 करोड़ रुपए भुगतान का दावा किया था। लेकिन यह चेक कभी क्लियर ही नहीं हुआ। चार्जशीट में कहा गया है कि सोनिया गांधी के दामाद होने का फायदा वाड्रा को मिला। इसके कारण हरियाणा के तत्कालीन कांग्रेसी मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा उनके प्रभाव में थे। ईडी ने 17 जुलाई 2025 को यह चार्जशीट दाखिल की थी। इसमें कहा गया है कि ओंकारेश्वर प्रॉपर्टीज प्राइवेट लिमिटेड (ओपीपीएलने जमीन स्काई लाइट हॉस्पिटैलिटी प्राइवेट लिमिटेड (एसएलएचपीएल) को रिश्वत के तौर पर दी थी ताकि एसएलएचपीएल के निदेशक रॉबर्ट वाड्रा अपनी व्यक्तिगत पहुंच का इस्तेमाल कर हरियाणा के तत्कालीन नगर एवं ग्राम नियोजन मंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से ओपीपीएल को उसी गांव में हाउसिंग लाइसेंस दिला सकें। ईडी ने बताया था कि उन्होंने वाड्रा से जुड़ी 37 करोड़ रुपए की सम्पत्तियां अटैच की थी। इसमें वाड्रा और 10 अन्य लोगों पर 58 करोड़ रुपए की अपराध की कमाई को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए सफेद करने का आरोप है।

इस मामले में वायनाड की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा तक भी जांच की आंच पहुंच गई है। ईडी की चार्जशीट में फरीदाबाद के अमीपुर गांव में 39.7 एकड़ की 3 हाई-वैल्यू सम्पत्तियों का जिक्र हैजिनकी जानकारी प्रियंका ने चुनावी हलफनामे में नहीं दी है। यह मामला केरल हाईकोर्ट में है और अदालत ने नोटिस भी जारी किया है। गौरतलब है कि चुनावी हलफनामे में झूठी या अधूरी जानकारी देने को भ्रष्ट आचरण के तौर पर देखा जाता है और इसमें अयोग्यता और जेल की सजा हो सकती है।

ईडी की जांच के दौरान हरियाणा सरकार के अधिकारियों और ओपीपीएल के प्रमोटरों सहित कम से कम 20 गवाहों के बयान दर्ज किए गए। इन लोगों ने शुरू में दावा किया था कि वाड्रा ने जमीन के लिए 7.5 करोड़ रुपए का भुगतान किया थालेकिन ईडी ने इस बयान को झूठा बताया है। ईडी ने गुरुग्राम पुलिस से वाड्रा के इस कथित भुगतान की जांच करने को कहा। जांच में पुलिस उपायुक्त ने पाया कि एसएलएचपीएल ने ओपीपीएल से 3.53 एकड़ जमीन 12 फरवरी 2008 को सेल डीड नंबर 4928 के जरिए खरीदी थी। कागजों में दिखाया गया कि भुगतान चेक नंबर 607251 से किया गया हैलेकिन यह चेक कभी क्लियर ही नहीं हुआ। इसके 6 महीने बाद एक और चेक से रकम दी गई।

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यह चेक स्काईलाइट रियलटी प्राइवेट लिमिटेड (एसएलआरपीएलका थान कि खरीददार कंपनी एसएलएचपीएल का। एसएलएचपीएल की पूंजी केवल एक लाख थी और एसएलआरपीएल के खाते में भी 7.5 करोड़ रुपए नहीं थे। 45 लाख का स्टांप ड्यूटी भी बेचने वाले ने दी थीन कि वाड्रा की कंपनी ने। ईडी के अनुसाररजिस्ट्री में झूठा भुगतान दिखाकर सौदा बेनामी तरीके से किया गया।

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