पटरी पर दौड़ा साढ़े चार किमी लंबा रुद्रास्त्र
भारतीय रेल का नया रिकॉर्ड : सबसे लंबी मालगाड़ी लॉन्च
नई दिल्ली, 09 अगस्त (एजेंसियां)। भारतीय रेलवे ने अपनी अब तक की सबसे लंबी मालगाड़ी ट्रेन रुद्रास्त्र लॉन्च कर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। यह ट्रेन करीब 4.5 किलोमीटर लंबी है। इसमें 7 इंजन हैं। इसे 6 खाली बॉक्सन रेक को जोड़कर तैयार किया गया है। इसमें 354 वैगन हैं। भारतीय रेलवे की रुद्रास्त्र एशिया की सबसे लंबी मालगाड़ी है। दुनिया की सबसे लंबी मालगाड़ी अभी ऑस्ट्रेलिया की बीएचपी कंपनी के पास है। इसकी लंबाई 7.3 किलोमीटर है और उसमें 682 वैगन हैं।
रुद्रास्त्र का संचालन पूर्व मध्य रेल के दीनदयाल उपाध्याय मंडल (डीडीयू) के गंजख्वाजा स्टेशन से झारखंड के गढ़वा रोड स्टेशन तक किया गया। रुद्रास्त्र ने उत्तर प्रदेश के गंजख्वाजा स्टेशन से झारखंड के गढ़वा रोड स्टेशन तक का 200 किलोमीटर का सफर लगभग 5 घंटे में पूरा किया। इस दौरान इसकी औसत रफ्तार 40 किलोमीटर प्रति घंटा रही। ट्रेन का कुछ हिस्सा डेडिकेटेड फ्रेट खॉरिडोर पर चला और बाकी सफर सामान्य पटरियों पर हुआ। यह मालगाड़ी मुगलसराय के पास स्थित गंज ख्वाजा स्टेशन से खुलने के बाद भभुआ रोड, सासाराम, डेहरी ऑन सोन और सोननगर होते हुए झारखंड के गढ़वा रोड स्टेशन पहुंची। इसके बाद इसे अगले रेल मंडल को हैंडोवर कर दिया गया। केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोशल मीडिया फोरम पर इस मालगाड़ी का एक वीडियो भी साझा किया है।
रुद्रास्त्र ट्रेन को 6 अलग-अलग रेक को जोड़कर बनाया गया है। अगर ये 6 एक अलग-अलग चलाई जातीं, तो हर एक के लिए अलग क्रू व्यवस्था, शेड्यूलिंग और रूटिंग करनी पड़ती। एक साथ चलाने से रेलवे का समय, स्टाफ और संचालन खर्च बचता है। इससे माल ढुलाई तेज और किफायती हो जाती है, जो भारत के लॉजिस्टिक्स सेक्टर के लिए बड़ा कदम है। इसे लेकर पूर्व मध्य रेलवे मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सरस्वती चंद्र ने कहा, रुद्रास्त्र न केवल संसाधनों के बेहतर उपयोग का उदाहरण है, बल्कि यह माल ढुलाई के भविष्य के लिए एक आदर्श मॉडल साबित हो सकती है जो समय, लागत और श्रम की बचत करेगी। 54 वैगन, 7 इंजन और 4.5 किलोमीटर लंबी रुद्रास्त्र मालगाड़ी का सफल संचालन डीडीयू मंडल की नई सोच और नवाचार की शानदार मिसाल है।
रुद्रास्त्र के संचालन के लिए पूर्व मध्य रेलवे के डीडीयू डिवीजन ने विशेष तकनीकी समन्वय और नियंत्रण किया है। यहां मालगाड़ियों के डिब्बों की मरम्मत और तकनीकी जांच कर उन्हें फिर से जोड़ने का कार्य किया जाता है। यह डिवीजन मालगाड़ी डिब्बों की मरम्मत और निरीक्षण में माहिर है। इस उपलब्धि को इनकी दक्षता, नवाचार और टीम वर्क का परिणाम माना जा रहा है। डीडीयू मंडल के डिविजनल रेलवे मैनेजर (डीआरएम) उदय सिंह मीणा ने कहा, यह एक नया प्रयोग है। इससे माल ढुलाई और लोडिंग तेज होगी। इससे न केवल संसाधनों की बचत होगी, बल्कि समय की भी बचत होगी। इससे भारतीय रेलवे को फायदा होगा। रुद्रास्त्र मालगाड़ी रेलवे के रिकॉर्ड के अनुसार एशिया की सबसे लंबी मालगाड़ी है।
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