ई-रिक्शा चालक की बेटी बनी बॉक्सिंग रिंग की क्वीन
ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का सपना
कानपुर, 10 अगस्त (एजेंसियां)। बॉक्सिंग चैंपियन मैरी कॉम से प्रभावित 16 साल की नबा नईम ने बॉक्सर बन कर दिखा दिया। कानपुर के बेकनगंज मोहल्ले की रहने वाली नबा नईम के पिता नईम आलम ई-रिक्शा चला कर अपना परिवार पालते हैं। उनकी बिटिया नबा नईम 60 से 65 भार वर्ग में प्रदेश की मुख्य महिला बॉक्सर के रूप में शामिल है। नबा के बॉक्सिंग पंच इतने तगड़े हैं कि प्रतिद्वंद्वी ज्यादा समय तक उसके सामने टिक नहीं पाते। नबा कहती है, जब मैं बॉक्सिंग रिंग में होती हूं तो मुझमें मैरी कॉम जैसा जुनून सवार हो जाता है।
ई रिक्शा चालक नईम आलम और बीबी हुस्ना की बेटी नबा नईम ने मैरी कॉम के जीवन पर आधारित फिल्म देख कर बॉक्सर बनने की ठानी थी। वह हलीम मुस्लिम कॉलेज से 12वीं की परीक्षा पास कर चुकी है। नबा बताती है, परिवार की कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद मेरे माता-पिता ने मुझे बॉक्सिंग के खेल में बढ़ने का मौका दिया और मेरा साथ दिया। मेरा सपना ओलंपिक में देश के लिए स्वर्ण पदक जीतना है।
नबा के पिता नईम आलम ने बताया कि नबा को पहले प्रारंभिक ट्रेनिंग के लिए ग्रीनपार्क बॉक्सिंग एकेडमी में भेजा। वहां प्रशिक्षण लेने के बाद वर्तमान में बेटी आर्यनगर स्थित परशुराम वाटिका में न्यू एकलव्य स्पोर्ट्स एकेडमी में कोच भगवान दीन की देखरेख में बॉक्सिंग की विशेषज्ञता प्राप्त कर रही है। उन्होंने बताया कि नबा रिंग में कई घंटे तक कड़ा अभ्यास करती है। नबा ने 2024 में प्रयागराज में हुई बॉक्सिंग की जूनियर स्टेट प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। इसी साल उसने गोरखपुर में हुई स्टेट जूनियर बॉक्सिंग प्रतियोगिता में रजत पदक जीता। नबा ने इस साल यानि 2025 में मेरठ में हुई यूथ स्टेट बॉक्सिंग प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक जीता। 2025 में ही हुई नेशनल यूथ बॉक्सिंग प्रतियोगिता में नबा को चौथा स्थान प्राप्त हुआ। इसके अलावा कानपुर शहर में हुई तीन जिला स्तरीय प्रतियोगिता में उसने दो रजत और एक स्वर्ण पदक हासिल किया।
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