तो घुसपैठियों को अपने घर में क्यों नहीं रखते राहुल गांधी?
बांग्लादेशी-रोहिंग्या घुसपैठियों को नव-असमिया बता रही कांग्रेस
असम के मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर उठाए गंभीर सवाल
घुसपैठियों के कब्जे से 45,870 एकड़ भूमि खाली हुई
गुवाहाटी, 10 अगस्त (एजेंसियां)। बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों को कांग्रेस पार्टी नव-असमिया बता कर नई परिभाषा गढ़ने का कुचक्र कर रही है। कांग्रेस सांसद एवं असम कांग्रेस के अध्यक्ष गौरव गोगोई ने घुसपैठियों को नव-असमिया कह कर संबोधित करना शुरू कर दिया है। कांग्रेस के इस राष्ट्र विरोधी हरकत पर असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। शर्मा ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को आड़े हाथों लेते हुए कहा, घुसपैठियों से राहुल गांधी का इतना ही लगाव है, तो घुसपैठियों को वे अपने घर क्यों नहीं बुला लेते! उन्हें अपने घर में घुसपैठियों को जगह देनी चाहिए, क्योंकि हमारे घर में उनके लिए कोई जगह नहीं है। असम में मूल असमियों के लिए पर्याप्त संसाधन और जगह नहीं है, तो तथाकथित नए असमियों को कैसे समायोजित किया जा सकता है?
असम के मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी जमीनों को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए बेदखली अभियान जारी रहेगा। सीएम शर्मा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चल रही राज्य सरकार की जंग को रेखांकित करते हुए कहा कि सरकारी जमीनों को मुक्त कराने के लिए चलाया जा रहा बेदखली अभियान ऐसे ही लगातार जारी रहेगा। अब तक 45,870 एकड़ (1.39 लाख बीघा) अतिक्रमित भूमि खाली कराई जा चुकी है, जिसमें जंगल, चरागाह और अन्य सार्वजनिक स्थल शामिल हैं। असम के मुख्यमंत्री ने राज्य के संसाधनों को लेकर भी अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा, न तो जमीन है, न जगह, न घर। हम असमियों को पर्याप्त सुविधाएं नहीं दे सकते तो ऐसे में हम इन कांग्रेस-कथित नए असमियों को सुविधाएं कैसे दे सकते हैं? गोगोई को अगर इनकी इतनी ही चिंता है, तो इन लोगों को राहुल गांधी के घर भेज देना चाहिए।
महज वोट के लिए कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और कुछ अन्य पार्टियां राष्ट्र विरोधी गतिविधियों पर उतर आई हैं। रोहिंग्या और बांग्लादेशी घुसपैठियों ने देश सुरक्षा और सामाजिक ताने-बाने के लिए गंभीर खतरा उत्पन्न कर दिया है। ये लोग छोटे-मोटे अपराधों से लेकर बड़ी आतंकवादी गतिविधियों में संलिप्त पाए गए हैं, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा पर भारी दबाव बना है। अवैध घुसपैठ के जरिए भारत में प्रवेश करने वाले ये तत्व न सिर्फ अपराध बढ़ा रहे हैं, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी चुनौती बनते जा रहे हैं। लेकिन कांग्रेस को इनका वोट चाहिए, इसलिए वह इन्हें रहने से लेकर मतदाता सूची में शामिल कराने तक की हरकतें कर रही है। बिहार की मतदाता सूची इसका ताजा उदाहरण है।
घुसपैठियों की लगातार बढ़ती आबादी असम में लगातार बना रहने वाला राजनीतिक-सामाजिक मुद्दा हो गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इस समुदाय और अवैध प्रवासियों पर सवाल उठाते हुए उनकी बढ़ती संख्या को राज्य की सुरक्षा, सांस्कृतिक और जनसांख्यिकीय स्थिति के लिए खतरनाक बताया है। मियां मुस्लिमों के नाम से पुकारे जाने वाले बांग्लादेशी मुसलमानों ने स्थानीय असमिया लोगों के रोजगार पर भी कब्जा कर लिया है।
असम में अवैध बांग्लादेशियों की संख्या लाखों में है। राज्य की डेमोग्राफी में काफी बदलाव आया है, खासतौर पर निचले असम में भारी असंतुलन की स्थिति बन गई है। पश्चिम बंगाल में भी बांग्लादेशी मुसलमानों की संख्या काफी बड़ी है। इनकी उपस्थिति ने राज्य की जनसांख्यिकी को बहुत प्रभावित किया है, खासकर सीमावर्ती जिलों में। बिहार में भी अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की एक बड़ी संख्या है। वोट के लिए घुसपैठियों को वोटर आई डी से लेकर आधार कार्ड तक मुहैया करा दिया गया है। उत्तर प्रदेश में भी अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या की समस्या बनी हुई है। जम्मू-कश्मीर में और खासकर जम्मू रोहिंग्या मुसलमानों की बड़ी संख्या बसी हुई है। जम्मू की डेमोग्राफी पर इनकी उपस्थिति का सीधा असर देखा जा सकता है। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और अन्य हिमालयी राज्यों में भी अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमान की मौजूदगी काफी बढ़ गई है। खासतौर पर शहरी क्षेत्रों और पर्यटन स्थलों पर इनकी उपस्थिति काफी बढ़ गई है।
अवैध बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठिए भारत में आतंकी गतिविधियों के साथ-साथ सारे जरायम धंधे में लिप्त हैं। बांग्लादेश से भारत में होने वाली अवैध घुसपैठ में मानव तस्करी एक प्रमुख मुद्दा रहा है। महिलाओं और बच्चों को अवैध रूप से भारत में लाकर विभिन्न गतिविधियों में लिप्त किया जाता है। अवैध बांग्लादेशी प्रवासी खासकर नशीली दवाओं के कारोबार में शामिल पाए गए हैं। असम, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों में अवैध प्रवासी मादक पदार्थों के व्यापार में सक्रिय हैं। गंभीर तथ्य यह है कि बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुस्लिम जेहाद के नाम पर भारत में विभिन्न आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। अधिकांश घुसपैठिए आतंकी संगठनों से जुड़े पाए गए हैं और भारत में सांप्रदायिक तनाव फैलाने में संलग्न रहते हैं।
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