सदन की समिति की मांग को लेकर विपक्षी दलों ने सदन से बहिर्गमन किया
कर्नाटक की झीलों के संरक्षण के लिए
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विपक्षी सदस्यों ने कर्नाटक झील संरक्षण एवं विकास प्राधिकरण संशोधन विधेयक में कुछ संशोधन करने के लिए सदन समिति के गठन की मांग को लेकर विधान परिषद से बहिर्गमन किया| बहिर्गमन के बीच ही विधानसभा में पारित हुआ यह विधेयक सदन में पारित हो गया| इससे पहले विधेयक के बारे में बोलते हुए लघु सिंचाई मंत्री ने कहा कि इस विधेयक के लागू होने से किसी को कोई परेशानी नहीं होगी|
हमने इसे जनहित को ध्यान में रखते हुए लागू किया है| उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें निजी हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है| सदस्यों ने चिंता व्यक्त की कि यह चिंता बेंगलूरु क्षेत्र से है| बेंगलूरु में २०६ बीडीए हैं| उन्होंने कहा कि इन झीलों को लेकर चिंताएँ हैं| उन्होंने कहा कि उन्होंने ३५ हजार झीलों का सर्वेक्षण किया है| इनमें से १३६४४ झीलों पर अतिक्रमण है| इनमें से ७९८६ झीलों को अतिक्रमण मुक्त कराया जा चुका है| उन्होंने कहा कि ५६०० झीलों को अतिक्रमण मुक्त कराया जाना चाहिए और बजट में झील संरक्षण एवं विकास की घोषणा पहले ही की जा चुकी है| हमने झीलों के संरक्षण के लिए हर गाँव में एक समिति बनाई है|
वे इसके लिए आवश्यक सदस्यों की नियुक्ति करेंगे| जिला स्तर पर जिला कलेक्टर इसके अध्यक्ष होंगे| सरकार झीलों के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है| कुछ लोगों ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) की भी बात की है| यह कोई संवैधानिक न्यायालय नहीं है, ऐसा कोई नियम नहीं है जिसका हमें पालन करना पड़े| यह सिर्फ सलाह देने वाले निर्देश देता है| झीलों के संरक्षण को लेकर यहाँ पहले कोई मुकदमा नहीं हुआ है, आपके पास अनुभव होना चाहिए, हमारे पास नहीं है| अपार्टमेंट का कोई मुद्दा नहीं है|
उन्होंने आपत्ति जताई कि इसे एक मुकदमे के रूप में बात करना उचित नहीं है| इस पर, सी.टी. रवि ने आपत्ति जताते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार भू-माफियाओं के दबाव में आ गई है| जब हमारी सरकार थी तब भी दबाव था| वर्तमान सरकार पर संदेह है| उन्होंने मांग की कि विधेयक की फिर से समीक्षा की जाए और इसे संयुक्त सदन समिति को दिया जाए| सरकार को बहुमत के आधार पर नहीं, बल्कि वास्तविकता के आधार पर निर्णय लेना चाहिए| तब विपक्ष के नेता चलवाडी नारायण स्वामी ने कहा बेंगलूरु की समस्या ग्रामीण इलाकों की समस्या से अलग है| बेंगलूरु कंक्रीट का जंगल बन गया है| हम इस विधेयक का सीधा विरोध नहीं कर रहे हैं| बेंगलूरु एक बढ़ता हुआ शहर है| कृपया इसे फिर से संशोधित करें|