बांग्लादेश से सटे प. बंगाल के जिलों में 9 गुना बढ़ा वोटर रजिस्ट्रेशन
कोलकाता, 21 अगस्त (एजेंसियां)। घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में नए वोटर रजिस्ट्रेशन में तेजी से उछाल देखने को मिला है। ये नए वोटर रजिस्ट्रेशन राज्य में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किए जा रहे हैं।
पिछले 3 महीनों में मुस्लिम बहुल मालदा, मुर्शिदाबाद, नदिया, उत्
इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के 4 चुनाव अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी वोटर एप्लिकेशन्स को मंजूरी दी थी। इनकी करतूत राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची के रूटीन अपडेट के दौरान फॉर्म-6 की सैंपल चेकिंग में उजागर हुई थी। इनमें से 2 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओ) दिब्बोतम दत्ता चौधरी और बिप्लब सरकार जबकि 2 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एईआरओ) तथागत मंडल और सुदीप्त दास थे। इसके अलावा, चुनाव आयोग ने डेटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हलदार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट आदेश दिया है कि इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जल्द से जल्द शुरू की जाए। आयोग ने कहा कि इन अधिकारियों द्वारा किया गया काम अपराधी आचरण के बराबर है और इसलिए इन चारों अधिकारियों पर एफआईआर भी दर्ज की जाए। आयोग ने बाद में 7 दिन की समयसीमा देते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि फर्जी वोटर जोड़ने में शामिल चुनाव अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई हो।
पश्चिम बंगाल को उन राज्यों में गिना जाता है जहां सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए आकर बसते हैं। पिछले तीन वर्षों में 2688 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए और उन्हें वापस बांग्लादेश भेजा गया है। इन दावों को हाल ही में प्रकाशित रिसर्च पेपर से और बल मिला। इसमें खुलासा किया गया कि पश्चिम बंगाल में करीब 1 करोड़ अधिक वोटर मौजूद हैं। यह रिसर्च पेपर इलेक्टोरल रोल इन्फ्लेशन इन वेस्ट बंगालः ए डेमोग्राफिक रीकंस्ट्रक्शन ऑफ लेजिटिमेट वोटर काउंट्स-2024 7 अगस्त 2025 को प्रकाशित हुआ था। इस पेपर को डॉ. मिलन कुमार (सहायक प्राध्यापक, आईआईएम, विशाखापट्
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