बांग्लादेश से सटे प. बंगाल के जिलों में 9 गुना बढ़ा वोटर रजिस्ट्रेशन

बांग्लादेश से सटे प. बंगाल के जिलों में 9 गुना बढ़ा वोटर रजिस्ट्रेशन

कोलकाता, 21 अगस्त (एजेंसियां)। घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे पश्चिम बंगाल के सीमावर्ती जिलों में नए वोटर रजिस्ट्रेशन में तेजी से उछाल देखने को मिला है। ये नए वोटर रजिस्ट्रेशन राज्य में 2026 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले किए जा रहे हैं।

पिछले 3 महीनों में मुस्लिम बहुल मालदामुर्शिदाबादनदियाउत्तर दिनाजपुरकूच बिहारउत्तर 24 परगना और दक्षिण 24 परगना जिलों में फॉर्म-6 के जरिए नए वोटरों के रजिस्ट्रेशन 9 गुना तक बढ़ गए हैं। पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओके दफ्तर ने भी इसकी पुष्टि की है। वोटर रजिस्ट्रेशन की संख्या इतना तेजी से बढ़ी है कि जहां पहले हर विधानसभा क्षेत्र में लगभग 100 रजिस्ट्रेशन होते थेअब वह बढ़कर हर महीने करीब 900 तक पहुंच गए हैं। दिलचस्प बात यह है कि ये सभी जिले बांग्लादेश की सीमा से लगे हुए हैं। पश्चिम बंगाल में भाजपा लंबे समय से चेतावनी देती आई है कि सीमावर्ती जिलों में घुसपैठ और डेमोग्राफी में बदलाव बहुत बड़ी समस्या बनती जा रही है।

इस महीने की शुरुआत में चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के 4 चुनाव अधिकारियों को निलंबित कर दिया था। इन्होंने अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी वोटर एप्लिकेशन्स को मंजूरी दी थी। इनकी करतूत राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से मतदाता सूची के रूटीन अपडेट के दौरान फॉर्म-6 की सैंपल चेकिंग में उजागर हुई थी। इनमें से 2 निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ईआरओदिब्बोतम दत्ता चौधरी और बिप्लब सरकार जबकि 2 सहायक निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (एईआरओतथागत मंडल और सुदीप्त दास थे। इसके अलावाचुनाव आयोग ने डेटा एंट्री ऑपरेटर सुरोजित हलदार के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया है।

चुनाव आयोग ने स्पष्ट आदेश दिया है कि इन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही जल्द से जल्द शुरू की जाए। आयोग ने कहा कि इन अधिकारियों द्वारा किया गया काम अपराधी आचरण के बराबर है और इसलिए इन चारों अधिकारियों पर एफआईआर भी दर्ज की जाए। आयोग ने बाद में 7 दिन की समयसीमा देते हुए राज्य सरकार को निर्देश दिया कि फर्जी वोटर जोड़ने में शामिल चुनाव अधिकारियों पर तुरंत कार्रवाई हो।

Read More बलूचों की मार से पतलून छोड़कर भागी मुनीर की सेना

पश्चिम बंगाल को उन राज्यों में गिना जाता है जहां सबसे ज्यादा बांग्लादेशी घुसपैठिए आकर बसते हैं। पिछले तीन वर्षों में 2688 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए और उन्हें वापस बांग्लादेश भेजा गया है। इन दावों को हाल ही में प्रकाशित रिसर्च पेपर से और बल मिला। इसमें खुलासा किया गया कि पश्चिम बंगाल में करीब 1 करोड़ अधिक वोटर मौजूद हैं। यह रिसर्च पेपर इलेक्टोरल रोल इन्फ्लेशन इन वेस्ट बंगालः ए डेमोग्राफिक रीकंस्ट्रक्शन ऑफ लेजिटिमेट वोटर काउंट्स-2024 7 अगस्त 2025 को प्रकाशित हुआ था। इस पेपर को डॉ. मिलन कुमार (सहायक प्राध्यापकआईआईएमविशाखापट्टनम) और डॉ. विद्युत शेखर (सहायक प्राध्यापकएसपी जैन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड रिसर्च) ने लिखा है। यह पेपर मतदाता सूचीजनगणना और नागरिक पंजीकरण सिस्टम से मिले आधिकारिक आंकड़ों पर आधारित है। इसमें 2004 की आधार मतदाता सूची से जीवित बचे वोटरों का अनुमाननई पीढ़ी (19862006 जन्म) के आधार पर जोड़े गए लोग और स्थाई प्रवास के हिसाब से तैयार किया गया था। पश्चिम बंगाल में घुसपैठफर्जी वोटर और कुछ प्रशासनिक लोगों की मिलीभगत से लोकतंत्र के लिए मुसीबत खड़ी करने जैसा काम किया जा रहा है। यह चुनावी खेल बल्कि सीमा और देश की सुरक्षा के लिए सीधा खतरा बन सकता है।

Read More टीएनसी ट्रस्ट व KGMU के सहयोग से भव्य रक्तदान शिविर

#पश्चिमबंगाल, #वोटररजिस्ट्रेशन, #BangladeshBorder, #WestBengalPolitics, #चुनावीसमाचार, #VoterID, #Election2025, #बॉर्डरजिले, #भारतचुनाव

Read More श्रीनगर की हजरतबल दरगाह पर अशोक स्तंभ चिह्न को लेकर विवाद