पीओके वापस लेंगे, तभी भारत का मकसद पूरा होगा
पूर्व केंद्रीय मंत्री साध्वी उमा भारती का धमाकेदार बयान
मालेगांव विस्फोट मामले की दोबारा जांच होनी चाहिए
नई दिल्ली, 30 अगस्त (एजेंसियां)। पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा की फायरब्रांड नेता उमा भारती ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को वापस लेना हर भारतीय के मन में है। जब यह हो जाएगा तभी हमारा उद्देश्य पूरा होगा। साध्वी ने पाकिस्तान द्वारा आतंकियों को संरक्षण देने पर भी तीखी प्रतिक्रिया जताई और कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को बढ़ावा देकर खुद ही अपने पतन की ओर बढ़ रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने ऑपरेशन सिंदूर की सराहना की और उन लोगों को करारा जवाब दिया, जिन्होंने ऑपरेशन सिंदूर पर सवाल खड़े किए। उमा भारती ने कहा, ऐसे लोग देश की बदनामी करते हैं, राष्ट्रीय गर्व को नहीं समझते और राजनीति करने के योग्य नहीं हैं। हमारा अंतिम लक्ष्य पीओके वापस लेना है। पीओके वापस लेने के बाद ही हमारा उद्देश्य पूरा होगा। मैं उन लोगों को जवाब नहीं देना चाहती जो भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता पर सवाल उठा रहे हैं। वे भारतीय सशस्त्र बलों का सम्मान करना नहीं जानते, और वे राजनीति करने के भी काबिल नहीं हैं। उमा भारती ने 1994 में संसद द्वारा पारित उस सर्वसम्मत प्रस्ताव का भी उल्लेख किया जिसमें पीओके को भारत का अभिन्न हिस्सा घोषित किया गया था। साध्वी ने यह भी कहा कि भारत ने हमेशा पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी है और हम ही इसे समाप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इस समस्या का समाधान प्राकृतिक न्याय है। पाकिस्तान जब आतंकवाद के कारण खुद नष्ट होगा, तभी उसे होश आएगा।
साध्वी उमा भारती ने 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले पर कहा कि यह हिंदुओं को बदनाम करने और तुष्टिकरण की राजनीति करने की साजिश थी। इस साजिश में शामिल लोगों को देश की प्रतिष्ठा की कोई परवाह नहीं थी। उन्हें केवल सत्ता की परवाह थी। लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह और अन्य को निशाना बनाया गया। लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित को बहुत प्रताड़ित किया गया। कर्नल पुरोहित के नाखून उखाड़ दिए गए थे। साध्वी प्रज्ञा सिंह को इतनी बेरहमी से प्रताड़ित किया गया कि अब वह चलने में भी असमर्थ हैं। साध्वी प्रज्ञा को गंभीर यातनाएं सहनी पड़ीं।
उमा भारती ने अपने सुरक्षा दल में शामिल एक अधिकारी के साथ हुई बातचीत को याद करते हुए कहा, मेरे सुरक्षा निरीक्षक, जिन्होंने विदेश में प्रशिक्षण लिया था, वहां महाराष्ट्र एटीएस के सदस्यों से मिले। एक अधिकारी ने उन्हें बताया कि साध्वी प्रज्ञा को बड़ी बेरहमी से प्रताड़ित किया गया, उन्हें 100 से ज्यादा थप्पड़ मारे गए, जिससे उनके गाल काले पड़ गए थे। उनकी रीढ़ की हड्डी लगभग टूट गई थी। उस अधिकारी ने उन्हें बताया कि उस यातना के दौरान भी वह ओम का जाप करती रहीं। साध्वी ने मालेगांव मामले की नए सिरे से जांच कराने की मांग की। उन्होंने सवाल खड़े करते हुए कहा कि 2008 के मालेगांव विस्फोट मामले में लेफ्टिनेंट कर्नल प्रसाद श्रीकांत पुरोहित, साध्वी प्रज्ञा सिंह के नाम क्यों जोड़े गए और असली दोषियों को अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? यह जांच का विषय है और असली दोषियों को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।