सीमा पर बाड़ का नगा संगठन कर रहे विरोध
आठ सितंबर से व्यापारिक प्रतिबंध का ऐलान
इंफाल, 04 सितंबर (एजेंसियां)। मणिपुर के नागा समुदाय के शीर्ष संगठन ने आठ सितंबर से नगा बहुल इलाकों में व्यापारिक प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। यह विरोध भारत-म्यांमार सीमा पर फ्री मूवमेंट रेजीम (एफएमआर) खत्म करने और बाड़बंदी के खिलाफ है। मणिपुर में नगा समुदाय के शीर्ष संगठन ने ऐलान किया है कि वह आठ सितंबर की आधी रात से राज्य के नगा-बहुल इलाकों में व्यापारिक प्रतिबंध लागू करेगा। यह फैसला भारत-म्यांमार सीमा पर फ्री मूवमेंट रेजीम (एफएमआर) को खत्म करने और सीमा पर बाड़ लगाने के विरोध में लिया गया है।
इस व्यापारिक प्रतिबंध के तहत उन सभी नगा बहुल जिलों में राष्ट्रीय राजमार्गों पर मालवाहक वाहनों की आवाजाही को रोका जाएगा। इनमें सेनापति, उखरूल, चंदेल, तमेंगलों
मणिपुर की म्यांमार के साथ 398 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा है। राज्य में नगा संगठन एफएमआर को खत्म करने और सीमा पर बाड़ के काम का विरोध कर रहे हैं। मणिपुर में जरूरी वस्तुओं की आपूर्ति असम जैसे अन्य राज्यों से आती है। राष्ट्रीय राजमार्ग-2 (दीमापुर से इम्फाल) सेनापति जिले से होकर गुजरता है और यह मणिपुर का सबसे अहम राष्ट्रीय राजमार्ग है। राष्ट्रीय राजमार्ग-37 (सिलचर से इम्फाल) तमेंगलोंग और नोनी जिलों से होकर गुजरता है। संयुक्त नगा परिषद ने बुधवार रात एक बयान जारी कर कहा, जैसा कि 11 अगस्त को हुई परिषद की बैठक में चर्चा हुई थी और निर्णय हुआ था, हम यह घोषणा करते हैं कि आठ सितंबर 2025 की मध्यरात्रि से सभी नगा इलाकों में व्यापारिक प्रतिबंध लागू किया जाएगा, जब तक कि अगली सूचना न दी जाए। संगठन ने नगा लोगों से इस व्यापारिक प्रतिबंध का समर्थन करने की अपील की है।
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