अरसे बाद पंचायत चुनाव में पूरे दम-खम से उतरेगी बसपा
गांवों में फिर से जनाधार पाने की होगी कोशिश
लखनऊ, 04 सितंबर (एजेंसियां)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) एक बार फिर से उत्तर प्रदेश में सक्रिय होने जा रही है। बीते कई चुनावों में सक्रिय न रहने वाली पार्टी इस बार पंचायत चुनाव में अपनी सक्रियता दिखाएगी। प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले पंचायत चुनाव में बसपा भी पूरे दम-खम के साथ हिस्सा लेगी। पार्टी पंचायत चुनाव के जरिए गांव-गांव में अपनी पैठ बनाने की रणनीति पर काम कर रही है। कैडर कैंप के जरिए पार्टी ने इसकी मजबूती से शुरूआत भी कर दी है। इन कैंपों में सैकड़ों की तादात में लोगों को पार्टी की सदस्यता भी ग्रहण कराई जा रही है। पार्टी पदाधिकारियों के मुताबिक पंचायत चुनाव से वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव की जमीन तैयार की जाएगी।
पार्टी ने लोकसभा चुनाव के बाद कैडर कैंप पर फोकस करते हुए संगठन को मजबूत करने की कवायद शुरू की थी। इसके तहत पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी गांव-गांव जाकर लोगों को बसपा की सदस्यता ग्रहण करा रहे हैं। साथ ही अन्य दलों के नेताओं को भी पार्टी में शामिल किया जा रहा है। पार्टी के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के मुताबिक बिहार चुनाव के बाद पंचायत चुनाव की तैयारियों को अमली जामा पहनाया जाएगा। वहीं दूसरी ओर बसपा सुप्रीमो ने दलितों के साथ होने वाली घटनाओं को लेकर भी गंभीर रुख अख्तियार किया है और पार्टी प्रदेश अध्यक्ष विश्वनाथ पाल को पीड़ितों के घर जाकर सांत्वना देने और आर्थिक मदद करने का निर्देश दिया है। पार्टी का यह कदम दलित वोट बैंक को बसपा के पक्ष में एकजुट करने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकता है।
आगामी सात सितंबर को बसपा सुप्रीमो मायावती ने सभी प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की बैठक बुलाई है, जिसमें पार्टी संस्थापक कांशीराम के 9 अक्टूबर को होने वाले परिनिर्वाण दिवस की तैयारियों की रूपरेखा तय की जाएगी। साथ ही, पंचायत चुनाव की तैयारियों की समीक्षा भी की जाएगी। इस दौरान बसपा सुप्रीमो पदाधिकारियों को पंचायत चुनाव में अहम पदों पर प्रत्याशियों के चयन के बारे में भी निर्देश देंगी।