मथुरा वृंदावन में बाढ़ से हालात बेकाबू
दर्जनों गांव बने टापू, हर तरफ पानी ही पानी
मथुरा, 04 सितंबर (एजेंसियां)। पहाड़ी क्षेत्रों में भारी बारिश होने से यमुना का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे मथुरा के एक दर्जन से अधिक गांव टापू बन गए हैं। मथुरा-वृंदावन में यमुना से सटी दर्जनों कॉलोनियों में चार-चार फीट तक पानी भर गया है। कुछ गांवों की देहरी तक भी पानी पहुंच गया है। प्रशासन ने यमुना जलस्तर को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है। प्रशासन ने जलस्तर बढ़ने की आशंका जताई है। डीएम समेत आला अधिकारी लगातार बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की निगरानी कर रहे हैं और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील भी की है। अब तक करीब 1500 विस्थापितों को राहत शिविरों में भेजा जा चुका है।
नौहझील, मांट, छाता समेत यमुना से सटे अन्य क्षेत्रों के 23 गांव बाढ़ प्रभावित हैं। इनमें से 13 गांव ऐसे हैं, जो पूरी तरह यमुना के पानी की चपेट में हैं। इनमें सबसे अधिक नौहझील क्षेत्र से करीब नौ गांव शामिल हैं। इन्हीं क्षेत्रों के कुछ गांव ऐसे भी हैं, जहां शुक्रवार और शनिवार की रात को पानी घुसने की आशंका जताई जा रही है। मथुरा-वृंदावन यमुना खादर का भी यही हाल है। दर्जनों कॉलोनियां जलमग्न हो चुकी हैं, तो कई कॉलोनियों में धीरे-धीरे पानी घुस रहा है। बीते दिनों हथिनीकुंड से 3.29 लाख क्यूसेक छोड़े गए पानी की वजह से मथुरा में बाढ़ से हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। वृंदावन में कालिंदी ने लोगों की नींद उड़ा रखी है। यमुना के बढ़ते कदमों से लोग चिंतित हैं। तेज गति से पंख फैलाती यमुना नदी घाटों से निकलकर कॉलोनियों और सड़कों पर नजर आ रही है। कई घाटों को सुरक्षा की दृष्टि से बंद कर दिया। वहां पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, ताकि कोई हादसा नहीं हो जाए। अब तक बाढ़ से प्रभावित दर्जनों कॉलोनियों से डेढ़ हजार से अधिक लोगों को नावों के जरिए सुरक्षित स्थानों तक पहुंचा दिया। वहीं पशुओं को सुरक्षित आसरा दिया है।
जिला प्रशासन ने बताया कि बाढ़ प्रभावितों के लिए कई क्षेत्रों में 39 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। प्रत्येक बाढ़ चौकी पर क्षेत्रीय एसडीएम निगरानी कर रहे हैं और लेखपाल एवं नायब तहसीलदार को क्षेत्रों में लगातार भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं। विधायक राजेश चौधरी ने बृहस्पतिवार को क्षेत्र के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। विधायक ने नाव की जरिए डांगोली, नगला सुदामा, जहांगीरपुर, बेगमपुर में बाढ़ प्रभावित इलाकों का निरीक्षण किया। देवराह आश्रम के बड़े महाराज देवदास ने कहा, आज तक कोई भी विधायक बाढ़ में फंसे लोगों से बात करने के लिए नहीं आया।