संतों ने अमित शाह से धर्मस्थल मामले को एनआईए को सौंपने की मांग की
बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| कर्नाटक के सनातन संतों के एक प्रतिनिधिमंडल ने दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और देश भर में हलचल मचा देने वाले धर्मस्थल मामले की जाँच राष्ट्रीय जाँच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने की माँग की| पंचमसाली लिंगायत मठ के वचनानंद स्वामीजी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल में मेंगलूरु स्थित गुरुपुर वज्रदेही मठ के श्री राजशेखरानंद स्वामीजी सहित विभिन्न मठों के कुल आठ स्वामीजी शामिल हुए|
इस मुलाकात के दौरान धर्मस्थल के खिलाफ चल रही साजिश और दुष्प्रचार पर लंबी चर्चा हुई|
स्वामीजी को धर्मस्थल में कथित दाह संस्कार मामले की कर्नाटक सरकार द्वारा गठित विशेष जाँच दल (एसआईटी) द्वारा जाँच पर कोई आपत्ति नहीं है| हालाँकि, स्वामीजी के समूह ने जोर देकर कहा है कि अगर मामला एनआईए को सौंप दिया जाता है, तो जाँच अधिक पारदर्शी और व्यापक होगी| स्वामीजी ने धर्मस्थल स्थित बाहुबली पहाड़ी तक पहुँच चुके उत्खनन अभियान पर अपनी नाराजगी व्यक्त की है|
उन्होंने चिंता व्यक्त की है कि इस उत्खनन से श्रीक्षेत्र धर्मस्थल का आध्यात्मिक महत्व नष्ट हो रहा है| इसके अलावा, स्वामीजी ने आरोप लगाया है कि इस मामले के पीछे एक बड़ी साजिश है और इस साजिश की सच्चाई सामने लाने की माँग की है| एक घंटे से ज्यादा चली चर्चा में स्वामीजी ने धर्मस्थल के खिलाफ चलाए जा रहे दुष्प्रचार की विस्तृत जानकारी दी| उन्होंने आरोप लगाया है कि धर्मस्थल लाखों श्रद्धालुओं का आध्यात्मिक केंद्र है और इसके खिलाफ एक सुनियोजित साजिश रची जा रही है|
स्वामीजी ने गृह मंत्री के समक्ष अपनी नाराजगी व्यक्त की है कि सबरीमाला और तिरुपति जैसे अन्य पवित्र धार्मिक स्थलों के बाद अब धर्मस्थल को भी निशाना बनाया गया है| मामले की गंभीरता से वाकिफ शाह ने संकेत दिया है कि केंद्र सरकार इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेगी| अमित शाह ने आगे नाराजगी जताई कि साजिश केवल धर्मस्थल तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अन्य हिंदू धार्मिक स्थलों को भी निशाना बना रही है| इस मामले ने राजनीतिक गलियारों में तीखी बहस छेड़ दी है|
भाजपा ने इन आरोपों को धर्मस्थल के खिलाफ साजिश करार दिया है और एनआईए जांच की मांग की है| कांग्रेस सरकार ने कहा है कि एसआईटी कुशलतापूर्वक जाँच कर रही है और स्पष्ट कर दिया है कि इसे एनआईए को सौंपने की कोई आवश्यकता नहीं है| हालाँकि, इस मामले में राजनीतिक दबाव बढ़ रहा है और केंद्र सरकार पर धर्मस्थल के धार्मिक महत्व की रक्षा के लिए हस्तक्षेप करने का दबाव बढ़ रहा है| स्वामीजी के प्रतिनिधिमंडल द्वारा सीधे अमित शाह से मुलाकात कर अनुरोध प्रस्तुत करने से इस मामले को एनआईए को सौंपे जाने की संभावना बढ़ गई है|