सीआरपीएफ ने प्रोटोकॉल उल्लंघन पर जताई आपत्ति
राहुल गांधी के बिना बताए की जाने वाली विदेश यात्राओं से संकट
113 बार जेड प्लस सिक्योरिटी प्रोटोकॉल तोड़ चुके हैं राहुल गांधी
नई दिल्ली, 12 सितंबर (एजेंसियां)। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की बिना बताए की जाने वाली विदेश यात्राओं पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) ने गंभीर आपत्ति दर्ज की है। सीआरपीएफ का कहना है कि प्रोटोकॉल के उल्लंघन से सुरक्षा को लेकर गंभीर समस्या उत्पन्न हो रही है। सीआरपीएफ ने राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर नया अलर्ट जारी किया है। सीआरपीएफ ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखे आपत्ति-पत्र कहा है कि राहुल गांधी बिना पूर्व जानकारी दिए विदेश चले जाते हैं, इससे तमाम प्रोटोकॉलिक दिक्कतें पेश आ रही हैं और यह उल्लंघन उनकी सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा भी साबित हो सकता है। सीआरपीएफ के पत्र की प्रतिलिपि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी भेजी गई है। उल्लेखनीय है कि राहुल गांधी को सीआरपीएफ द्वारा जेड प्लस सुरक्षा कवर दिया जाता है। इसके पहले भी राहुल गांधी की ऐसी हरकतों के बारे में सीआरपीएफ चेतावनी दे चुकी है।
सीआरपीएफ ने राहुल गांधी पर येलो-बुक प्रोटोकॉल तोड़ने की शिकायत दर्ज कराई है। राहुल गांधी अब तक 113 बार जेड प्लस सिक्योरिटी प्रोटोकॉल तोड़ चुके हैं। उल्लेखनीय है कि गृह मंत्रालय ने वीवीआईपी सुरक्षा के लिए एक खास गाइडलाइन बना रखी है जिसे येलो बुक कहा जाता है। इसमें स्पष्ट लिखा है कि राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को छोड़कर बाकी सभी बड़ी हस्तियों की सुरक्षा इन्हीं नियमों के आधार पर तय होगी। अब राहुल गांधी द्वारा येलो बुक प्रोटोकॉल तोड़ने की हरकतों ने सुरक्षाबल के समक्ष गंभीर समस्या खड़ी कर दी है। राहुल गांधी पिछले नौ महीनों में बिना जानकारी दिए छह बार विदेश यात्रा पर गए। इसमें इटली, वियतनाम, दुबई, कतर, लंदन और मलेशिया जैसे देशों की यात्राएं शामिल हैं।
सीआरपीएफ ने राहुल गांधी को अलग से पत्र भेजकर चेतावनी दी है कि इस तरह की चूक उनकी जेड प्लस कैटेगरी की सुरक्षा को कमजोर कर सकती है और उन्हें गंभीर खतरा हो सकता है। सुरक्षा एजेंसी का कहना है कि यह पहली बार नहीं है जब राहुल गांधी पर प्रोटोकॉल तोड़ने के आरोप लगे हैं। जिन लोगों को जेड प्लस या जेड सुरक्षा दी गई है, उन्हें अपनी सभी गतिविधियों और यात्राओं की जानकारी पहले से सुरक्षा एजेंसियों को देनी होती है। ताकि खतरे का आकलन कर उन्हें सुरक्षित रखा जा सके। अलग-अलग खतरे की स्थिति को देखते हुए एक्स, वाई, जेड और जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा दी जाती है।
इतिहास गवाह है कि अगर सुरक्षा नियमों को गंभीरता से न लिया जाए तो इसके भयानक परिणाम हो सकते हैं। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने भी अपनी सुरक्षा एजेंसियों की सलाह और प्रोटोकॉल की अनदेखी की थी, जिसका नतीजा उनकी हत्या के रूप में सामने आया। यही वजह है कि सीआरपीएफ बार-बार राहुल गांधी को नियमों का पालन करने की सलाह दे रही है।
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