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लद्दाख में पूर्ण राज्य की मांग को लेकर उपद्रव
सोनम वांगचुक की भूख हड़ताल हिंसा में बदली
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प्रदर्शकारियों ने फूंका भाजपा दफ्तर और सरकारी वाहन
लेह, 24 सितंबर (एजेंसियां)। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बुधवार 24 सितंबर को उस समय बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जब पूर्ण राज्य के दर्जे और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों की पुलिस के साथ झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों ने लेह में भाजपा दफ्तर पर पथराव कर आग लगा दी फिर सीआरपीएफ की एक गाड़ी भी फूंक डाली। पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल करना पड़ा। इस बढ़ती अशांति के बीच, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 6 अक्टूबर 2025 को लद्दाख के नागरिक नेताओं के साथ अगले दौर की बातचीत बुलाई है।
यह विरोध प्रदर्शन पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक के समर्थन में हो रहा है, जो अपनी चार प्रमुख मांगों को लेकर पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं। चार मांगों में लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देना, इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करना, स्थानीय लोगों के लिए नौकरियों में आरक्षण और लेह-करगिल के लिए एक-एक संसदीय सीट का निर्धारण शामिल है। लेह एपेक्स बॉडी (एलएपी) और करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) इन संवैधानिक सुरक्षा उपायों की मांग कर रहे हैं। गृह मंत्रालय ने नित्यानंद राय की अध्यक्षता में एक उच्च-शक्ति समिति बनाई है, जिसकी आखिरी बैठक 27 मई को हुई थी। इसके बाद से कोई बातचीत नहीं हुई थी।
केडीए के सज्जाद कारगिल ने वार्ता के फिर से शुरू होने पर उम्मीद जताई है, साथ ही कहा है कि बातचीत परिणाम-उन्मुख होनी चाहिए। उन्होंने मौजूदा स्थिति को सरकार के विफल केंद्र शासित प्रदेश प्रयोग का नतीजा बताया है। 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद लद्दाख को विधानसभा के बिना केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, जिसके बाद से ही यहां विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
बंद और प्रदर्शन का आह्वान लेह एपेक्स बॉडी की युवा शाखा ने तब किया जब 35 दिन से भूख हड़ताल पर बैठे 15 में से दो लोगों की तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। भूख हड़ताल का नेतृत्व पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक कर रहे हैं, जो लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। प्रदर्शन के दौरान भाजपा कार्यालय के बाहर एक सुरक्षा वाहन को आग के हवाले कर दिया गया। हालात को देखते हुए अतिरिक्त सुरक्षाबलों को तैनात किया गया है ताकि क्षेत्र में शांति और कानून-व्यवस्था बहाल की जा सके। प्रशासन ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है और आंदोलनकारियों से बातचीत के जरिए हल निकालने की उम्मीद जताई है।