जलता कुंभकरण बना हादसे की वजह, फोटोग्राफर बुरी तरह झुलसा

जलता कुंभकरण बना हादसे की वजह, फोटोग्राफर बुरी तरह झुलसा

श्रीगंगानगर, 02 अक्टूबर (एजेंसियां)। राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले के सूरतगढ़ में दशहरा उत्सव के दौरान बड़ा हादसा हो गया। नगर पालिका द्वारा आयोजित भव्य रावण दहन कार्यक्रम में कुंभकरण का जलता हुआ पुतला गिरने से एक फोटोग्राफर गंभीर रूप से झुलस गया। हादसे ने उत्सव के माहौल को दहशत और अफरातफरी में बदल दिया।

मंच पर बैठे नेता, मैदान में मचा हाहाकार

प्राप्त जानकारी के अनुसार दशहरे का आयोजन राजीव गांधी स्टेडियम में गुरुवार की शाम किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मंत्री रामप्रताप कासनिया और विधायक डूंगरराम गैदर मौजूद थे। नेताओं ने भगवान श्रीराम, लक्ष्मण और हनुमान की पूजा-अर्चना करने के बाद प्रतीक स्वरूप रावण के छोटे पुतले का दहन किया। इसके बाद नगर पालिका की ओर से लगभग एक घंटे तक रंगीन आतिशबाजी का शानदार प्रदर्शन किया गया।

क्रमशः पुतलों का दहन और अचानक हादसा

आतिशबाजी समाप्त होने के बाद पहले मेघनाथ का पुतला दहन किया गया। इसके बाद कुंभकरण का पुतला जलाया गया और अंत में रावण दहन की तैयारी शुरू हुई। इसी बीच अचानक जलता हुआ कुंभकरण का पुतला असंतुलित होकर मैदान में गिर पड़ा। पुतले की आग की चपेट में वहां खड़े फोटोग्राफर लक्ष्मण सिंह राठौड़ आ गए, जो उस समय कैमरे से तस्वीरें ले रहे थे।

आग की लपटों में दबा फोटोग्राफर

देखते ही देखते लक्ष्मण सिंह राठौड़ पुतले के नीचे दब गए और आग की लपटों में घिर गए। मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों और अन्य लोगों ने तुरंत हिम्मत दिखाते हुए उन्हें पुतले के नीचे से बाहर निकाला। हालांकि तब तक उनके दोनों हाथ और पीठ गंभीर रूप से जल चुके थे।

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तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया

घायल फोटोग्राफर को 108 एंबुलेंस की मदद से सूरतगढ़ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि उनके हाथ और पीठ की त्वचा बुरी तरह झुलस गई है। उनकी हालत अभी स्थिर बताई जा रही है लेकिन उपचार जारी है।

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सुरक्षा इंतजामों पर उठे सवाल

इस हादसे के बाद दशहरा उत्सव की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो गए हैं। हजारों की भीड़ वाले इस आयोजन में प्रशासन ने पुतलों के गिरने या आग से बचाव के लिए पर्याप्त इंतजाम क्यों नहीं किए, यह अब बड़ा प्रश्न बन गया है। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने आरोप लगाया कि पुतलों की स्थापना और उनके संतुलन की उचित जांच नहीं की गई, जिसके चलते यह हादसा हुआ।

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जश्न से मातम में बदला माहौल

रावण दहन के इस सार्वजनिक कार्यक्रम का लोगों को बेसब्री से इंतजार था। आतिशबाजी और पुतला दहन का शानदार दृश्य देखने हजारों लोग स्टेडियम पहुंचे थे। लेकिन अचानक हुए इस हादसे ने पूरे माहौल को मातम में बदल दिया। जहां चारों ओर जय श्रीराम के नारे गूंज रहे थे, वहीं कुछ ही मिनटों में चीख-पुकार और अफरातफरी का दृश्य देखने को मिला।

प्रशासन ने जांच के आदेश दिए

नगर पालिका प्रशासन और पुलिस ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे।