मंदिर से चुराया 100 करोड़ सीएम रेड्डी के घर पहुंचा
आंध्र प्रदेश की पूर्व सरकार लूट रही थी तिरुपति मंदिर का धन
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने जारी किया सीसीटीवी फुटेज
तिरुपति, 22 सितंबर (एजेंसियां)। आंध्र प्रदेश की पूर्ववर्ती वाईएसआर कांग्रेस पार्टी की सरकार तिरुपति मंदिर का धन लूट रही थी। तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड के सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने सनसनीखेज सीसीटीवी फुटेज जारी कर मंदिर की सम्पत्ति की सरकारी लूट का पर्दाफाश किया है। बोर्ड ने कहा मंदिर से चुराए गए धन से सौ करोड़ रुपए तत्कालीन मुख्यमंत्री जगन रेड्डी के घर पर पहुंचाया गया था। इस गंभीर आरोप और सीसीटीवी फुटेज के ज्वलंत प्रमाण के सार्वजनिक होने से पूरे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में सनसनी फैल गई है। मौजूदा सरकार ने इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने का संकेत दिया है।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के सदस्य भानु प्रकाश रेड्डी ने पूर्व सीएम जगन मोहन रेड्डी पर मंदिर की सम्पत्ति की चोरी के गंभीर आरोप लगाए हैं। रेड्डी ने कहा कि लूटी गई धनराशि का एक हिस्सा जगन रेड्डी के घर ताडेपल्ली पैलेस में भेजा गया और घोटाले के बाद महत्वपूर्ण सबूत नष्ट कर दिए गए। उन्होंने सीसीटीवी फुटेज जारी कर कहा कि मंदिर के कर्मचारी रविकुमार ने दानपेटी से नकदी चुराई। यह धन सीएम जगन मोहन रेड्डी के आवास तक पहुंचा।
भानु प्रकाश रेड्डी का कहना है कि वाईएस जगन मोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस सरकार के दौरान तिरुपति मंदिर के परकामनी (दानपेटी) से 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की चोरी हुई थी। उनका दावा है कि मंदिर के कर्मचारी रविकुमार ने दानपेटी से नकदी चुराई। पिछली सरकार के अधिकारी इस चोरी में हिस्सा लेते थे। लेकिन मामला सामने आने के बाद अब रविकुमार की जान को वाईएसआरसीपी से खतरा है।
रेड्डी ने चोरी का सीसीटीवी फुटेज जारी किया, जिसे राज्य में मंत्री और टीडीपी नेता नारा लोकेश ने रिट्वीट किया है। टीडीपी एनडीए का घटक दल है। सीसीटीवी फुटेज और दूसरे सबूत से पता चला है कि रविकुमार अमेरिकी डॉलर छिपा रहा था। टीटीडी के सतर्कता और सुरक्षा अधिकारी सतीश कुमार ने 29 अप्रैल 2023 की शाम छिपाए गए नोट के साथ रंगे हाथों पकड़ा था। पुलिस में शिकायत दर्ज किए जाने के बावजूद, मामले को लोक अदालत में सुलझा लिया गया।
जांच के दौरान आरोपी रवि कुमार की लेन-देन की जानकारी सामने आई है। उसमें कुमार दंपति की तिरुपति और चेन्नई में जमीन, घर और दूसरी अचल सम्पत्तियां थी। इन सम्पत्तियों के मालिकाना हक होने के बावजूद टीटीडी को दान कर दी गई थी। दान किए गए सम्पत्तियों की कीमत करोड़ों रुपए है। रेड्डी ने ये दावा किया कि वाईएसआरसीपी शासन के दौरान जब श्रद्धालु दान पेटी में अपना चढ़ावा डालते थे। दरअसल उन्हें लूटा जाता था।
उच्च न्यायालय ने मामला 19 सितंबर 2025 को सीआईडी को सौंप दिया है और एक महीने के भीतर जांच करने और सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने सीआईडी से बोर्ड के फैसलों और संबंधित दस्तावेजों को भी जब्त करने का निर्देश दिया है। यह मामला पहले लोक अदालत के माध्यम से सुलझाया गया था। उन्होंने दावा किया कि इसमें वाईएसआरसीपी के कई नेता और शीर्ष अधिकारी शामिल थे। रेड्डी के मुताबिक, एक आला पुलिस अधिकारी तिरुपति मंदिर की सम्पत्ति लूटने में मदद कर रहा था। अधिकारियों और नेताओं ने लूटे गए धन को आपस में बांटा। उस वक्त भुमना करुणाकर रेड्डी टीटीडी के अध्यक्ष थे।
रेड्डी ने आरोप लगाया कि लूटी गई धनराशि का एक हिस्सा जगन रेड्डी के आवास, ताडेपल्ली पैलेस में भेज दिया गया और घोटाले के बाद महत्वपूर्ण सबूत नष्ट कर दिए गए। रेड्डी ने आरोप लगाया कि लूट के पैसों का करोड़ों रुपए रियल एस्टेट में निवेश किए गए और कथित तौर पर अवैध धन जगन रेड्डी के घर, ताडेपल्ली पैलेस में पहुंचाया गया। उन्होंने यह भी दावा किया कि 100 करोड़ रुपए की यह चोरी 2019 से 2024 तक चले वाईएसआरसीपी शासन के तहत तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के इतिहास में सबसे बड़ी लूट थी। ये मामला अप्रैल 2023 का है। तिरुपति लड्डू प्रसादम में कथित जानवर की चर्बी मिलाने का मामला अभी सुलझा भी नहीं है। उससे पहले मंदिर में चढ़ावे की लूट का ये मामला सामने आ गया है।
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