जब सीएम ही दंगा कराने की धमकियां देने लगे तो..!

 एसआईआर पर ममता ने कहा, आग से मत खेलो, दंगे होंगे

जब सीएम ही दंगा कराने की धमकियां देने लगे तो..!

मतदाता सूची के पुनरीक्षण पर बौखला गईं ममता बनर्जी

कोलकाता, 10 अक्टूबर (एजेंसियां)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी खुद को सुप्रीम कोर्ट से भी सुप्रीम मानने लगी हैं। मतदाता सूची पुनरीक्षण प्रक्रिया (एसआईआर) को सुप्रीम कोर्ट ने भी उचित ठहराया, लेकिन ममता बनर्जी एसआईआर के खिलाफ आग उगल रही हैं और यह धमकी दे रही हैं कि पश्चिम बंगाल में एसआईआर हुआ तो वे राज्य को दंगे की आग में झोंक देंगी। प्रदेश में संविधान और कानून की शीर्ष पीठ पर आसीन ममता बनर्जी खुलेआम कानून को चुनौती दे रही हैं और प्रदेश को दंगे की आग में झोंकने की धमकियां दे रही हैं, लेकिन उनके समक्ष कानून बौना साबित हो रहा है। यह बात आम लोगों को समझ में आनी चाहिए, जिन्हें तुच्छ कानूनी अवहेलना पर भी सख्त कानूनी कार्रवाई झेलनी पड़ती है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एसआईआर प्रक्रिया में राजनीतिक हस्तक्षेप को गलत बताया और कहा कि भारत की आंतरिक व्यवस्था और घुसपैठ के मुद्दे पर राजनीति करना देशद्रोह है। उन्होंने कहा कि अगर घुसपैठ जारी रही तो देश धर्मशाला बन जाएगा। घुसपैठ को राजनीतिक नजरिए से नहीं बल्कि देशहित के नजरिए से देखा जाना चाहिए। अमित शाह ने घुसपैठियों को राजनीतिक संरक्षण देने की गतिविधि पर सख्त आपत्ति की और कहा कि मतदाता सूची शुद्धिकरण के लिए निर्वाचन आयोग की प्रक्रिया में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। एसआईआर चुनाव आयोग की संवैधानिक जिम्मेदारी है।

 

अगले साल पश्चिम बंगाल में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआरको लेकर सियासी माहौल गरमा गया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस प्रक्रिया का जोरदार विरोध किया है और इसके खिलाफ व्यापक और घातक विरोध की चेतावनी दी है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपाका कहना है कि फर्जी वोटरों के कटने के डर से ममता बनर्जी इसका विरोध कर रही हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग के इस कदम का कड़ा विरोध करते हुए चेतावनी दी और कहा, आग से मत खेलो। जनता के आक्रोश के लिए तैयार रहो। ममता बनर्जी का जनता का आशय मुस्लिम समुदाय होता है। ममता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला और कहा कि वह कार्यवाहक प्रधानमंत्री की तरह व्यवहार करते हैं। ममता बनर्जी ने अमित शाह की तुलना मीर जाफर से कीजिन्होंने 1757 में सिराज-उद-दौला से विश्वासघात किया था। उन्होंने कहाअमित शाह पर हमेशा भरोसा मत करो। वह एक दिन आपके मीर जाफर बनेंगे। ममता बनर्जी की बौखलाहट अब इस स्तर पर उतर आई है। ममता बनर्जी के बयान पर भाजपा ने तुरंत पलटवार किया। भाजपा सांसद बिप्लब कुमार देब ने कहा कि अमित शाह जो कहते हैंवह वास्तव में करते हैं। भाजपा नेता लॉकेट चटर्जी ने कहा कि ममता बनर्जी बिहार में फर्जी मतदाताओं के नाम कटने के बाद एसआईआर प्रक्रिया से डरी हुई हैं। उन्होंने दावा किया कि बंगाल में सबसे ज्यादा फर्जी मतदाता हैं और अब ममता को चुनाव जीतने की उम्मीद नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री एनआरसी की बात जनता को गुमराह करने के लिए कर रही हैंजबकि भारतीय नागरिकों के नाम नहीं हटेंगे।

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भाजपा सांसद डॉ. सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा स्वतंत्रनिष्पक्षपारदर्शी और स्वस्थ प्रक्रिया से होने वाले चुनावों के लिए निर्धारित एसआईआर की प्रक्रिया के विरुद्ध जिस प्रकार पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खतरनाक बयान दिया हैवह प्रकारांतर से सीधे हिंसा भड़काने का संकेत देता है। यह अपने आप में तृणमूल कांग्रेस की नैतिकता और पश्चिम बंगाल सरकार की संवैधानिकता दोनों पर प्रश्नचिन्ह लगाता है। यह कैसे संभव है कि कानून-व्यवस्थाजो राज्य का विषय हैउस राज्य की मुख्यमंत्री स्वयं इस प्रकार से चुनावी प्रक्रिया पर सवाल खड़े करेंउन्होंने कहा कि पूर्व में भी पश्चिम बंगाल की सरकार ने जिस प्रकार हिंसा को संरक्षण दियाउस पर न्यायालयों की कठोर टिप्पणियां रही हैं। ऐसे में यदि मुख्यमंत्री स्वयं सर्वोच्च पद से इस प्रकार के बयान देंतो यह अत्यंत गंभीर और चिंताजनक है।

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भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर राजनीतिक मर्यादाएं तोड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय नबन्ना में बैठकर खुलेआम धमकी दी है कि अगर बंगाल में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआरहुआतो इससे दंगे भड़क सकते हैं और कई अन्य चीजें हो सकती हैं। बंगाल भाजपा के अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य ने ममता बनर्जी पर दंगे भड़काने और हिंदू-मुस्लिम संघर्ष कराने की कोशिश का आरोप लगाया। उन्होंने घुसपैठिओं का मुद्दा भी उठाया और कहा कि अगर देश छोड़कर भागे लोग वापस आ गए हैंतो यह कोई धर्मशाला नहीं हैजहां कोई भी प्रवेश कर सकता है।

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उल्लेखनीय है कि पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव से पहले एसआईआर की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है। इसको लेकर ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया में जनता और राज्य सरकार को शामिल नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि बैठकों में सिर्फ कुछ अधिकारियों को बुलाया जा रहा है। उन्होंने सवाल उठाया कि एसआईआर की आड़ में असली मतदाताओं को हटाने की कोशिश हो रही है। उन्होंने इस पूरी प्रक्रिया को एनआरसी लागू करने की साजिश बताते हुए कहा कि भाजपा आग से खेल रही है। पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के एसआईआर वाले बयान पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहाममता बनर्जी को खुद को भारत के एक राज्य की सीएम के तौर पर स्वीकार करना चाहिए। वह सोचती हैं कि वह बंगाल की पीएम हैं इसलिए वहां का कानून अलग है। भाजपा नेता अग्निमित्रा पॉल ने कहा कि ममता बनर्जी ने पहले भी बंगाल के मतदाताओं में दहशत पैदा करने की कोशिश की थी। उन्होंने कहा कि 2005 में जब डिप्टी स्पीकर के सामने कागजों का एक बंडल फेंका गया था तब उन्होंने कहा था कि बांग्लादेश से घुसपैठिए घुस रहे हैं। आज मुख्यमंत्री बनने के बाद क्या हुआआज वह सीएए का विरोध कर रही हैं। सीएए नहीं तो वोट नहीं। बंगाल के लोग चाहते हैं कि जो लोग बाहर से आए हैं और हमारे अधिकार छीन रहे हैंउन्हें बाहर निकाला जाए।

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