वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हुआ अबूझमाड़

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने की घोषणा 

 वामपंथी उग्रवाद से मुक्त हुआ अबूझमाड़

258 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

120 नक्सली आज करेंगे आत्मसमर्पण

नई दिल्ली, 16 अक्टूबर (एजेंसियां)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ को नक्सल मुक्त घोषित कर दिया है। पिछले दो दिनों में 258 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और कल 120 नक्सली आत्मसमर्पण करने जा रहे हैं। अमित शाह ने इसे मोदी सरकार की नीति की बड़ी सफलता बताया और कहा कि नक्सलवाद अब अपने अंत की ओर बढ़ रहा है। गृह मंत्री ने विदेश भागे अपराधियों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी के बारे में संकेत दिया।

अमित शाह द्वारा छत्तीसगढ़ के उत्तर बस्तर स्थित अबूझमाड़ के पहाड़ी जंगल इलाके को नक्सल मुक्त घोषित करने के पहले 170 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया। अमित शाह ने इन सभी का स्वागत करते हुए कहा कि उन्होंने हिंसा छोड़कर भारत के संविधान में भरोसा जताया हैयह एक साहसिक और सराहनीय कदम है। उन्होंने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में 170, कल 27 और महाराष्ट्र में 61 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। दो दिन में कुल 258 कट्टर नक्सलियों ने हिंसा छोड़ दी है। यह दिखाता है कि मोदी सरकार की रणनीति से नक्सलवाद अब खत्म होने की कगार पर है। यह देश में वामपंथी उग्रवाद के अंत की ओर बढ़ते कदम को दर्शाती है।

अमित शाह ने कहा कि अब केवल दक्षिण बस्तर के कुछ इलाकों में ही नक्सली बचे हैंजिन्हें भी जल्द समाप्त कर दिया जाएगा। उन्होंने कह कि हमारी नीति स्पष्ट हैजो नक्सली आत्मसमर्पण करेंगे उनका स्वागत हैलेकिन जो हथियार उठाए रहेंगेउन्हें सुरक्षा बलों की कठोर कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा। जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 2100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 को न्यूट्रलाइज किया गया है। यह सब 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के संकल्प की दिशा में एक ठोस कदम है। अमित शाह ने सभी नक्सलियों से अपील की कि वे हिंसा छोड़ेंहथियार डालें और मुख्यधारा में लौटकर देश की प्रगति में भागीदार बनें।

इसके साथ ही दूसरी ओर गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को कहा कि विदेशों में छिपे अपराधियों की भारत वापसी (प्रत्यर्पण) में तेजी लाने के लिए हर राज्य में एक विशेष जेल बनाई जाएगी जो अंतरराष्ट्रीय मानकों के मुताबिक होगी। उन्होंने कहा कि जिन अपराधियों के खिलाफ इंटरपोल की रेड नोटिस जारी हो चुकी हैउनके पासपोर्ट रद्द किए जाएंगे ताकि वे दुनिया में आजादी से नहीं घूम सकें। शाह ने कहा कि जब तक भगोड़ों के मन में भारतीय कानून का डर नहीं होगातब तक देश की सुरक्षा सुनिश्चित नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि कई भगोड़े जैसे विजय माल्यानीरव मोदी और मेहुल चोकसी विदेशी अदालतों में यह दलील देते हैं कि भारतीय जेलें अंतरराष्ट्रीय मानकों पर खरी नहीं उतरतींइसलिए उन्हें प्रत्यर्पित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि चाहे यह बहाना होलेकिन हमें ऐसा कोई मौका नहीं देना चाहिएइसलिए हर राज्य की राजधानी में ऐसी जेलें बनाई जाएं। अमित शाह ने जानकारी दी कि फिलहाल भारत के 338 प्रत्यर्पण अनुरोध दुनिया के अलग-अलग देशों में लंबित हैं। ये अनुरोध आर्थिक अपराधआतंकवादऔर ड्रग तस्करी जैसे गंभीर मामलों से जुड़े हैं।

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उधर, छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब अपने अंतिम चरण में है। 17 अक्टूबर को जगदलपुर में देश का सबसे बड़ा माओवादी आत्मसमर्पण होगा। नक्सली प्रवक्ता और डीकेएसजेडसी सदस्य रूपेश उर्फ सतीश उर्फ आसन्ना अपने 120 साथियों के साथ सरेंडर करेंगे। कुल 140 नक्सली 17 अक्टूबर को सरेंडर करेंगे। बीते दिनों सुकमा में 27 माओवादियों आत्मसमर्पण किया था। इसके बाद कांकेर जिले के कोयलीबेडा के बीएसफ कैंप में टॉप माओवादी लीडर राजू सलाम समेत 50 से ज्यादा नक्सलियों ने सरेंडर किया था और अब 120 नक्सलियों ने आज जगदलपुर में सरेंडर किया है। इस तरह कुल 170 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं।

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इस संबंध में एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें नक्सली इंद्रावती नदी पार उसपरी घाट पर दिख रहे हैं। नक्सली कमांडर रुपेश के नेतृत्व में सभी ने सरेंडर करने का फैसला लिया है। स्थानीय पुलिस नक्सलियों को हथियारों के साथ आत्मसमर्पण के लिए जगदलपुर ले आएगी। प्रदेश के अंतागढ़सुकमा के बाद अब बीजापुर में लाल आतंक का सफाया शुरू हो गया है। माड़ डिवीजन के 120 से ज्यादा नक्सल आत्मसमर्पण करने के लिए जंगल से निकल चुके हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों में रुपेश समेत कई ऐसे नक्सली हैंजिन पर लाखों रुपए इनाम घोषित हैं। इसमें जोनल कमेटियों के दूसरे बड़े नक्सली भी शामिल हैं। जंगल से बाहर निकलने वाले नक्सलियों के लिए एक सब कॉरिडोर की व्यवस्था की गई है। नक्सली प्रवक्ता रूपेश माड़ डिवीजन के स्पेशल जोनल कमेटी का सदस्य है।

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