सीएम ने राज्य में अनैतिक पुलिसिंग पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की सराहना की

पुलिस स्मृति दिवस पर संवेदना व्यक्त की

सीएम ने राज्य में अनैतिक पुलिसिंग पर लगाम लगाने के लिए पुलिस की सराहना की

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| राज्य की गरिमा, विकास और प्रगति में बाधक बनी संविधान विरोधी अनैतिक बल का राज्य में अंत हो गया है| मुख्यमंत्री सिद्धरामैया ने सराहना व्यक्त की कि इसका श्रेय पुलिस विभाग को जाना चाहिए|

उन्होंने पुलिस स्मृति दिवस के अवसर पर दिवंगत पुलिस अधिकारी एवं कर्मचारियों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की| पुलिस विभाग शांति व्यवस्था बनाए रखे तो प्रदेश का विकास संभव हो सकेगा| इसलिए यह अच्छी बात है कि अनैतिक बल पर अंकुश लगा है| इसी तरह, नशीली दवाओं का खतरा भी रुक गया है और इसे और अधिक प्रभावी ढंग से प्रबंधित करने की आवश्यकता है| उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि का श्रेय पुलिस विभाग को जाना चाहिए| हमने राज्य में अनुसूचित जाति के खिलाफ हिंसा को रोकने के लिए डीसीआर पुलिस स्टेशनों को चालू किया है| उन्होंने कहा कि प्रभावी ढंग से कार्य करते हुए संवैधानिक अधिकार एवं मूल्यों की रक्षा की जानी चाहिए|

एक साल में ड्यूटी के दौरान राज्य के 8 लोगों समेत 191 लोगों की मौत हो चुकी है| उनका त्याग एवं बलिदान अमूल्य है| उन्होंने कहा कि उन्हें सलाम करना हर किसी का कर्तव्य है| राज्य में शांति व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस कर्मी सर्वोच्च स्थान पर हैं| साम्प्रदायिक ताकतों, बुरी ताकतों को दबाने में आपकी भूमिका महान है| उन्होंने कहा कि संविधान में लोगों को दिये गये अधिकारों की रक्षा की जिम्मेदारी भी पुलिस विभाग की है| उनकी सरकार ने अनुकंपा के आधार पर 116 लोगों को नौकरी देने का आदेश जारी किया है| सेवानिवृत्त पुलिस स्वास्थ्य योजना की चिकित्सा प्रतिपूर्ति लागत १ लाख रुपये से बढ़ाकर 1.50 लाख रुपये प्रति वर्ष कर दी गई है| उन्होंने बताया कि सभी पुलिस कर्मियों के लिए स्वास्थ्य जांच की लागत 1,000 रुपये से बढ़ाकर 1,500 रुपये कर दी गई है| कार्यक्रम में गृह मंत्री डॉ. जी परमेश्वर, राज्य के पुलिस महानिदेशक डॉ. एमए सलीम, गृह सचिव अपार तुषार गिरिनाथ और अन्य उपस्थित थे|

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