यूपी के रास्ते नेपाल-बांग्लादेश जा रहे नारकोटिक ड्रग्स
कफ सिरप पकड़े जाने के बाद शुरू हुआ अभियान
लखनऊ, 21 अक्टूबर (एजेंसियां)। उत्तर प्रदेश से नारकोटिक्स दवाएं नेपाल, बांग्लादेश भेजने के सबूत मिलने लगे हैं। ये दवाएं लखनऊ से वाया लखीमपुर खीरी भेजी जा रही हैं। पिछले दिनों दवा कारोबारी के घर से 69 लाख की नारकोटिक्स दवाएं पकड़ी गई हैं। इस कारोबारी ने लखनऊ की एजेंसी से सालभर में करोड़ों की दवाएं खरीदी हैं।
राजस्थान और मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के बाद जांच अभियान शुरू हुआ है। लखनऊ में एक घर में बड़ी मात्रा में पकड़ी गई सिरप और हिरासत में लिए गए लोगों से मिले सबूत के आधार पर जांच आगे बढ़ रही है। लखनऊ में इधिका लाइफ साइंस और आर्पिक फार्मास्युटिकल के ट्रांसपोर्ट नगर स्थित गोदाम में छापा मारा गया, वहां से बड़ी मात्रा में कोडिन सिरप, ट्रामाडोल, अल्प्राजोलम टैबलेट मिले थे। दस्तावेजों की जांच में पता चला कि करोड़ों की दवाएं अकेले लखीमपुर खीरी भेजी गई हैं। ऐसे में छापा मार कर गोला गोकर्णनाथ थाना क्षेत्र के थोक और फुटकर दवा विक्रेता सरोज कुमार मिश्रा के यहां छापा मारा। दवा विक्रेता के मकान से बिना लाइसेंस के नारकोटिक्स श्रेणी की दवा ट्रामाडोल बरामद हुई, जिसकी कीमत करीब 69.87 लाख है। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की जांच में इस बात के पुख्ता सबूत मिले हैं कि यहां से नारकोटिक्स दवाएं नेपाल और बांग्लादेश तक जा रही हैं।
लखीमपुर खीरी में खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम ने छापा मारा तो पीयूष मेडिकल एजेंसी पर मौजूद आयुष उर्फ नितिन व उसके साथ मौजूद अन्य लोगों ने टीम पर हमला बोल दिया। टीम के मोबाइल ही छीन लिए। टीम में शामिल लखीमपुर खीरी की औषधि निरीक्षक बबिता रानी ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। लखनऊ में नारकोटिक्स दवा के गोदाम पर मिले दस्तावेज के जरिये एफएसडीए की टीम पूरे प्रदेश में जांच में जुटी है। अब तक हुई पड़ताल में यह बात सामने आई है कि रायबरेली के अजय फार्मा, वाराणसी के विंध्यवासिनी फार्मा, कानपुर के मां दुर्गा मेडिको, सिसौदिया मेडिकल एजेंसी, एजीपीएस फार्मा, बालाजी मेडिकल स्टोर, आरएस हेल्थ केयर, एएस हेल्थ केयर, लखनऊ के सुभाष मेडिकल एजेंसी, मेद्राट फार्मा, नोवान लाइफ साइंस, श्रीश्याम फार्मा, जौनपुर के अनुज मेडिकल एजेंसी, सीतापुर के नैमिष फार्मा में अलग-अलग तिथियों में बड़ी मात्रा में यह सिरप भेजी गई है।
खाद्य सुरक्षा एवं औषधि विभाग की आयुक्त डॉ. रौशन जैकब ने बताया कि कोडीन सिरप मामले में लखनऊ से मिले सबूत के आधार पर पूरे प्रदेश में जांच चल रही है। पंजाब और दिल्ली के साथ ही लखीमपुर खीरी, बहराइच और महराजगंज से नेपाल और असम के जरिए बांग्लादेश तक इन दवाओं के पहुंचने की संभावना है। यह नेटवर्क अंतरराज्यीय ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय है। नारकोटिक्स ब्यूरो ने उत्पादन कोटा और लाइसेंस, वितरण आदि के दस्तावेज मंगाकर सत्यापन का कार्य चल रहा है। लखीमपुर खीरी और सीतापुर सहित कई लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। लखनऊ, कानपुर नगर, वाराणसी, बलरामपुर और गाजियाबाद समेत कई जनपदों के मेडिकल स्टोर्स पर कोडीन युक्त कफ सिरप और नारकोटिक्स औषधियों की बिक्री पर रोक लगाई गई है। राज्यभर से 913 कफ सिरप नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, जिसमें 63 नमूनों की रिपोर्ट अब तक संतोषजनक आई है। अन्य की जांच चल रही है।
राज्यव्यापी छापेमारी, कई जिलों में खुलासा
लखनऊ की कार्रवाई के बाद जांच का दायरा बढ़ाकर पूरे प्रदेश में फैला दिया गया है। अब तक जिन मेडिकल एजेंसियों और कंपनियों पर संदेह जताया गया है, उनमें शामिल हैं —
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रायबरेली: अजय फार्मा
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वाराणसी: विंध्यवासिनी फार्मा
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कानपुर: मां दुर्गा मेडिको, सिसौदिया मेडिकल एजेंसी, एजीपीएस फार्मा, बालाजी मेडिकल स्टोर
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लखनऊ: सुभाष मेडिकल एजेंसी, मेद्राट फार्मा, नोवान लाइफ साइंस, श्रीश्याम फार्मा
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जौनपुर: अनुज मेडिकल एजेंसी
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सीतापुर: नैमिष फार्मा
इन सभी एजेंसियों को संदेह के दायरे में रखकर जांच जारी है। एफएसडीए की टीमें कोडीन सिरप की बिक्री, बिलिंग रिकॉर्ड, स्टॉक रजिस्टर और ट्रांसपोर्ट दस्तावेजों की गहन जांच कर रही हैं।
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