पुलिसकर्मियों का बलिदान प्रदेश और देश की अमूल्य पूंजी

 पुलिस स्मृति दिवस पर बोले मुख्यमंत्री योगी

पुलिसकर्मियों का बलिदान प्रदेश और देश की अमूल्य पूंजी

शहीद पुलिसकर्मियों को दी श्रद्धांजलि, परिजनों को आर्थिक सहायता

लखनऊ, 21 अक्टूबर (एजेंसियां)। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को रिजर्व पुलिस लाइन में आयोजित पुलिस स्मृति दिवस समारोह में प्रदेश पुलिस के वीर शहीदों को नमन किया। उन्होंने कहा कि शहीदों का बलिदान प्रदेश और देश की अमूल्य पूंजी हैजिसे हम कभी भूल नहीं सकते। उनकी स्मृतियां हमें कर्तव्यनिष्ठाअनुशासन और जनसेवा का अमर संदेश देती हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश पुलिस ने अत्यंत चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में अपराध नियंत्रणकानून-व्यवस्था सुदृढ़ीकरण और महिला सुरक्षा के क्षेत्र में अनुकरणीय कार्य किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4,061.87 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत किया गया हैजो पिछले वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि वर्ष 2024-25 के दौरान उत्तर प्रदेश के तीन बहादुर पुलिसकर्मियों एसटीएफ निरीक्षक सुनील कुमारमुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह (जौनपुर) और आरक्षी सौरभ कुमार (गौतमबुद्ध नगर) ने अपने प्राणों की आहुति दी। मुख्यमंत्री ने शहीद पुलिस कर्मियों के परिजनों को भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार उनके कल्याण के लिए पूरी संवेदनशीलता के साथ हर कदम उठाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने बताया कि 96 पुलिस कर्मियों (केंद्रीय बलों एवं अन्य राज्यों के मूल निवासी यूपी के पुलिसकर्मी सहित) को कुल 30.70 करोड़ रुपए की आर्थिक सहायता दी गई है।

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मुख्यमंत्री ने शहीद स्मारक पर पुष्पचक्र अर्पित कर यूपी पुलिस के उन तीन वीर जवानों को श्रद्धांजलि दीजिन्होंने एक सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 के बीच बदमाशों से मुठभेड़ में अपने प्राणों की आहुति दी। मुख्यमंत्री ने यूपी के तीनों शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों से मुलाकात कर उनका सम्मान किया। सर्वोच्च बलिदान देने वाले पुलिसकर्मियों में उत्तर प्रदेश पुलिस के एसटीएफ के निरीक्षक (इंस्पेक्टर) सुनील कुमारमुख्य आरक्षी दुर्गेश कुमार सिंह (जौनपुर) और आरक्षी सौरभ कुमार (गौतम बुद्ध नगर) शामिल हैं। सीएम योगी ने कहा, इन्हीं जांबाज पुलिसकर्मियों के साहस और बलिदान से उत्तर प्रदेश पुलिस ने अतीत की अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए आज विश्व के सबसे बड़े और सशक्त पुलिस बल के रूप में पहचान बनाई है। शहीद स्मारक हमारे उन जांबाजों की याद दिलाता हैजिन्होंने कर्तव्य और राष्ट्र की रक्षा के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया। उनका त्याग नई पीढ़ी के लिए सदैव प्रेरणा बना रहेगा।

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कार्यक्रम की शुरुआत परेड कमांडर द्वारा मुख्यमंत्री को सलामी देने के साथ हुई। नारी शक्ति और शोक पुस्तिका की वाहक के रूप में पुलिस उपाधीक्षक (अभिसूचना मुख्यालय) आभा पांडेय ने सीएम योगी को पुस्तिका सौंपी। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने वीरगति प्राप्त शहीदों के जीवन परिचय और उनके अदम्य साहस की जानकारी दी। शोक पुस्तिका को शहीद स्मारक पर स्थापित किया गया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथजनप्रतिनिधियों और पुलिस अधिकारियों ने शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित किए। परेड कमांडर द्वारा शोक-शस्त्र की कमांड के बाद पूरे मैदान में दो मिनट का मौन रखा गया।

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इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पुलिस बल के मनोबलकार्यकुशलता और व्यावसायिक दक्षता को सशक्त करने के लिए कई अभूतपूर्व कदम उठाए हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस कर्मियों की सेवानिवृत्ति और मृत्यु के उपरांत 90 प्रतिशत जीपीएफ के 2,511 प्रकरणों का भुगतान किया गयाजबकि उत्तर प्रदेश सामान्य भविष्य निधि नियमावली 1985 के अंतर्गत पुलिस मुख्यालय संभाग के 108 पुलिस कार्मिकों को अग्रिम धनराशि स्वीकृत की गई। 234 पुलिसकर्मियों के मेधावी बच्चों को 51.10 लाख रुपए की छात्रवृत्ति दी गई तथा 1.12 करोड़ रुपए की अतिरिक्त स्वीकृति प्रदान की गई।

स्वास्थ्य सुरक्षा के तहत चिकित्सा प्रतिपूर्ति संबंधी 519 मामलों में 11.85 करोड़ रुपए की चिकित्सा प्रतिपूर्ति दी गईजबकि 170 कर्मियों को जीवन रक्षक निधि से 6.64 करोड़ रुपए अग्रिम दिए गए। 374 मृतक पुलिस कर्मियों के आश्रितों को 11.86 करोड़ की बीमा धनराशि और 124 आश्रितों को बैंक ऑफ बड़ौदा के ‘बड़ौदा पुलिस सैलरी पैकेज’ से 67.76 करोड़ रुपए का भुगतान कराया गया।

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मुख्यमंत्री ने बताया कि कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मियों के सम्मान में 34 कर्मियों को राष्ट्रपति वीरता पदक, 11 को विशिष्ट सेवा पदक और 145 को सराहनीय सेवा पदक मिले हैं। गृह मंत्रालय ने 763 कर्मियों को उत्कृष्ट सेवा पदकजबकि 486 को सराहनीय सेवा पदक प्रदान किए हैं। मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस पदक तीन राजपत्रित अधिकारियों को प्रदान किए गए। पुलिस महानिदेशक द्वारा 90 राजपत्रित और 404 अराजपत्रित कर्मियों को सम्मान चिन्ह प्रदान किए गए। वहीं 35 प्लेटिनम, 115 गोल्ड और 789 सिल्वर प्रशंसा चिन्ह भी दिए गए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यूपी पुलिस ने भर्ती और प्रशिक्षण में रिकॉर्ड उपलब्धियां हासिल की हैं। वर्ष 2017 से अब तक 2.09 लाख पुलिसकर्मियों की भर्ती की गई हैजिनमें 34,000 महिलाएं शामिल हैं। वर्तमान में 28,154 पदों पर भर्ती और 2,391 पर पदोन्नति प्रक्रिया जारी है। उन्होंने बताया कि 60, 244 नवनियुक्त पुलिसकर्मियों को हाइब्रिड मॉडल पर प्रशिक्षण दिया जा रहा हैजिसमें शारीरिककानूनीतकनीकीसाइबर अपराध और एआई आधारित सिमुलेशन अभ्यास शामिल हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस विभाग के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 में 4,061.87 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया हैजो पिछले वर्ष की तुलना में 7 प्रतिशत अधिक है। इसमें डायल-112 वाहनों की खरीद के लिए 210 करोड़उपकरणों के लिए 272.75 करोड़ और पुलिस आधुनिकीकरण योजना के लिए 53.88 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। राज्य निधि से 317 निर्माण कार्यों के लिए 900 करोड़ रुपए से अधिक स्वीकृत किए गएजिनमें से 635 करोड़ से 140 कार्य पूर्ण हो चुके हैं। पुलिस के इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए भी कई कदम उठाए गए हैं। पुलिस के विभिन्न श्रेणी के 31 हजार पदों का सृजन किया गया है। अयोध्यामिर्जापुरचंदौली और सिद्धार्थनगर में 78 महिला पुलिस चौकियाँपरामर्श केंद्र तथा प्रत्येक जनपद में एक-एक महिला थाना भी स्वीकृत किया गया है।

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107 थानों में आर्थिक अपराध इकाई, 40 थानों में मानव तस्करी निवारण यूनिट, 75 साइबर क्राइम थाने और 6 एंटी-नारकोटिक्स थाने स्थापित किए गए हैं। साथ ही क्षेत्र स्तर पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन की यूनिट की स्थापना को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कानून-व्यवस्था और अपराध पर प्रदेश सरकार जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत लगातार कार्य कर रही है। वर्ष 2017 से अब तक 15,000 से अधिक पुलिस मुठभेड़ों में 257 दुर्दांत अपराधी मारे गए, 10,000 से अधिक घायल हुएजबकि 1,745 पुलिसकर्मी भी घायल हुए। 20 मार्च 2017 से अब तक 26,920 अपराधियों पर गैंगस्टर एक्ट और 961 पर एनएसए के तहत कार्रवाई हुई। 14,467 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई और 68 माफियाओं तथा उनके 2,000 से अधिक साथियों के विरुद्ध कार्रवाई हुई। उन्होंने बताया कि ‘ऑपरेशन कन्विक्शन’ के तहत 69 अपराधियों को मृत्युदंड और 8,501 को आजीवन कारावास की सजा दिलाई गई।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भ्रष्टाचार निवारण संगठन की 18 मण्डल स्तर पर इकाइयां स्थापित की गई हैं तथा उनके कार्यों को थानों के रूप में भी सूचित किए जाने की प्रक्रिया चल रही है। साइबर हेल्प डेस्क की स्थापना को भी स्वीकृति प्रदान की गई है। लखनऊबदायूँ तथा गोरखपुर में पीएसी (महिला) कंपनियां एवं प्रयागराजगोरखपुरलखनऊमथुरासहारनपुर और अयोध्या में यूपीएसएससी प्रीवियस की स्थापना की गई है। राज्य विशेष अनुसंधान उत्तर प्रदेश को आर्थिक अपराध अनुसंधान शाखा उत्तर प्रदेश में सम्मिलित करने की स्वीकृति के साथ ही अपराध अनुसंधान विभाग (सीबीसीआईडी) का नाम परिवर्तित कर ‘अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी)’ किए जाने की स्वीकृति भी प्रदान की गई है।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2026 और उसके बाद के वर्षों में सेवा से बाहर आने वाले पूर्व ‘अग्निवीरों’ को उत्तर प्रदेश पुलिस आरक्षीघुड़सवार आरक्षी एवं फायरमैन की सीधी भर्ती में भूतपूर्व सैनिकों की तरहअपनी सेवा अवधि को घटाते हुए अधिकतम आयु में 3 वर्ष की छूट तथा 20% क्षैतिज आरक्षण की स्वीकृति भी प्रदान की गई है। प्रदेश में सुदृढ़ नियम और सुरक्षा प्रबंधन के फलस्वरूप समस्त पर्व-त्योहारमेलेशोभायात्राओंअति विशिष्ट महानुभावों की यात्राएंराजनीतिक रैलियां एवं प्रदर्शन आदि शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए हैं। इसके लिए मैं उत्तर प्रदेश पुलिस बल को बधाई देता हूं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मिशन शक्तिनारी सुरक्षासम्मान और स्वावलंबन का प्रतीक बन चुका है। प्रदेश में महिला सुरक्षा विशेष दल और मिशन शक्ति केंद्रों की स्थापना से एक करोड़ से अधिक स्थानों पर चेकिंग की गई और 33,961 तत्वों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। प्रत्येक थाने में महिला हेल्प डेस्क स्थापित हैं और 19,840 महिला आरक्षियों को विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सीएम योगी ने बताया कि लखनऊ में 1930 वूमेन हेल्पलाइन सेंटर स्थापित किया गया हैजिसकी कॉल क्षमता 40,000 से बढ़कर 1.60 लाख कॉल प्रति माह हुई है। साइबर फ्रॉड मिशन सेंटर की स्थापना पूर्णता की ओर है। उन्होंने कहा कि थानों की साइबर टीमों ने महज दो माह में नागरिकों के 10 करोड़ रुपए से अधिक की राशि बचाई हैयह तेज़ कार्रवाई का उदाहरण है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि प्रदेश में अवैध मादक पदार्थों के विरुद्ध 1 जनवरी 2022 से 21 सितंबर 2025 तक विशेष अभियान के अंतर्गत 39,427 तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई की गई। अभियान अवधि में 32,699 अभियोग पंजीकृत किए गए तथा 302.94 करोड़ रुपए की अनुमानित बरामदगी हुई। प्रभावी पैरवी कर 4,768 अभियुक्तों को सजा भी दिलाई गई है। साथ ही 1,460 लोगों के आत्महत्या के प्रयासों को रोककर उनकी जान बचाई गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश पुलिस देश की सबसे बड़ी और सबसे अनुशासित पुलिस फोर्स है। यह हमारे सुरक्षाविश्वास और व्यवस्था की रीढ़ है। मैं सभी पुलिसकर्मियों से अपेक्षा करता हूँ कि वे जनसेवाकर्तव्यनिष्ठा और ईमानदारी की भावना से कार्य कर उत्तर प्रदेश को सुरक्षितसंवेदनशील और आधुनिक राज्य बनाने का संकल्प निरंतर निभाएं।

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