क्या खड़गे ने कभी पीएफआई और एसडीपीआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की:एन. रविकुमार

क्या खड़गे ने कभी पीएफआई और एसडीपीआई पर प्रतिबंध लगाने की मांग की:एन. रविकुमार

बेंगलूरु/शुभ लाभ ब्यूरो| विधान परिषद के मुख्य सचेतक एन. रविकुमार ने सवाल उठाया है कि क्या अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कभी पीएफआई और एसडीपीआई जैसे असामाजिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है? मल्लिकार्जुन खड़गे का यह बेतुका बयान कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर प्रतिबंध लगा दिया जाना चाहिए, बेहद निंदनीय है|

क्या उन्होंने कभी पीएफआई और एसडीपीआई जैसे असामाजिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है? कांग्रेस पार्टी ने राज्य में पीएफआई और एसडीपीआई कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज सैकड़ों मामले वापस ले लिए हैं| आरोप है कि पीएफआई तटीय कर्नाटक और केरल दोनों में सैकड़ों हिंदू कार्यकर्ताओं की हत्या में शामिल था| जब बात पीएफआई और एसडीपीआई की आती है, तो खड़गे से लेकर निचले स्तर तक के कांग्रेसी पीछे क्यों हट जाते हैं? पूरी दुनिया ने देखा है कि सिद्धरामैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने कुछ साल पहले बेंगलूरु के डी.जे. हल्ली और के.जी. हल्ली में पुलिस थानों और पुलिस वाहनों में आगजनी में शामिल मुस्लिम असामाजिक तत्वों के खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए हैं|

क्या मल्लिकार्जुन खड़गे में इस कांग्रेस सरकार की अल्पसंख्यक तुष्टिकरण की राजनीति की निंदा करने का साहस है? पिछले सौ वर्षों से राष्ट्रीय एकता, अखंडता, सांस्कृतिक पुनरुत्थान, समाज सेवा और सामाजिक सद्भाव के लिए काम कर रहे आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की खड़गे की मांग न केवल विडंबनापूर्ण है, बल्कि सच्चाई को तोड़-मरोड़ कर पेश करने वाली भी है| आरएसएस ने पूरे देश की जनता का सम्मान, विश्वसनीयता और स्वीकार्यता अर्जित की है| जनता के समर्थन के बिना आरएसएस बरगद के पेड़ की तरह कैसे विकसित हो सकता है? खड़गे को समझना चाहिए कि कांग्रेस ने पहले भी तीन बार आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी| सरदार वल्लभभाई पटेल सहित उसी कांग्रेस सरकार को बिना शर्त प्रतिबंध हटाना पड़ा था|

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