तेलंगाना में सत्ता की सियासत गरमाई, कांग्रेस सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप
विपक्ष ने सड़क से सदन तक खोला मोर्चा
हैदराबाद, 15 दिसम्बर,(एजेंसियां)। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में सियासी पारा अचानक तेज़ हो गया है। राज्य की कांग्रेस सरकार पर चुनावी वादों को पूरा न करने का आरोप लगाते हुए विपक्ष ने आक्रामक रुख अपना लिया है। भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) और भाजपा ने एक सुर में सरकार को घेरते हुए कहा है कि सत्ता में आने के एक साल बाद भी कांग्रेस ने जनता को सिर्फ आश्वासन ही दिए हैं, ज़मीन पर काम नदारद है।
बीआरएस नेताओं ने हैदराबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार किसानों, बेरोज़गार युवाओं और महिलाओं से किए गए वादों को भूल चुकी है। पार्टी का कहना है कि छह गारंटियों की बात कर सत्ता में आई कांग्रेस अब वित्तीय संकट का बहाना बनाकर पीछे हट रही है। बीआरएस ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ठोस फैसले नहीं लिए गए तो राज्यव्यापी आंदोलन शुरू किया जाएगा।
वहीं भाजपा ने भी कांग्रेस सरकार पर हमला तेज कर दिया है। भाजपा नेताओं का आरोप है कि कांग्रेस शासन में प्रशासनिक अराजकता बढ़ी है और निवेशकों का भरोसा डगमगाने लगा है। भाजपा का कहना है कि हैदराबाद जैसे वैश्विक शहर की छवि को नुकसान पहुंच रहा है, जिसका असर रोजगार और विकास पर पड़ेगा।
कांग्रेस सरकार ने विपक्ष के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि पिछली सरकार की आर्थिक बदहाली को सुधारने में समय लग रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय का कहना है कि सरकार योजनाबद्ध तरीके से वादों को पूरा करेगी और जनता को निराश होने की जरूरत नहीं है।
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि लोकसभा और नगर निकाय चुनावों से पहले तेलंगाना की राजनीति और ज्यादा टकरावपूर्ण होने वाली है, जहां हैदराबाद सत्ता संघर्ष का बड़ा केंद्र बनेगा।

